उन्होंने उस देश की अन्य जातियों से स्वयं को अलग किया, और खड़े होकर अपने पूर्वजों के अधर्म और अपने पापों को स्वीकार किया।
यिर्मयाह 3:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) केवल तू अपने दुष्कर्म को स्वीकार कर, कि तूने मुझ-प्रभु परमेश्वर से विद्रोह किया था, और यहां-वहां हरएक हरे वृक्ष के नीचे अन्य देवताओं की पूजा की थी, और यों तूने मेरे आदेशों को नहीं माना,’ प्रभु ने यह कहा है। पवित्र बाइबल तुम्हें केवल इतना करना होगा कि तुम अपने पापों को पहचानो। तुम यहोवा अपने परमेश्वर के विरुद्ध गए, यह तुम्हारा पाप है। तुमने अन्य राष्ट्रों के लोगों की देव मूर्तियों को अपना प्रेम दिया। तुमने देव मूर्तियों की पूजा हर एक हरे पेड़ के नीचे की। तुमने मेरी आज्ञा का पालन नहीं किया।” यह सन्देश यहोवा का था। Hindi Holy Bible केवल अपना यह अधर्म मान ले कि तू अपने परमेश्वर यहोवा से फिर गई और सब हरे पेड़ों के तले इधर उधर दूसरों के पास गई, और मेरी बातों को नहीं माना, यहोवा की यह वाणी है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) केवल अपना यह अधर्म मान ले कि तू अपने परमेश्वर यहोवा से फिर गई और सब हरे पेड़ों के तले इधर उधर दूसरों के पास गई, और मेरी बातों को नहीं माना, यहोवा की यह वाणी है। सरल हिन्दी बाइबल तुम मात्र इतना ही करो: अपना अधर्म स्वीकार कर लो— कि तुमने याहवेह, अपने परमेश्वर के प्रति अतिक्रमण का अपराध किया है, तुम हर एक हरे वृक्ष के नीचे अपरिचितों को प्रसन्न करती रही हो, यह भी, कि तुमने मेरे आदेश की अवज्ञा की है,’ ” यह याहवेह की वाणी है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 केवल अपना यह अधर्म मान ले कि तू अपने परमेश्वर यहोवा से फिर गई और सब हरे पेड़ों के तले इधर-उधर दूसरों के पास गई, और मेरी बातों को नहीं माना, यहोवा की यह वाणी है। |
उन्होंने उस देश की अन्य जातियों से स्वयं को अलग किया, और खड़े होकर अपने पूर्वजों के अधर्म और अपने पापों को स्वीकार किया।
जो मनुष्य अपने अपराध छिपाता है वह जीवन में उन्नति नहीं करता; परन्तु अपने अपराध को स्वीकार करनेवाले और उसको पुन: न करनेवाले मनुष्य पर परमेश्वर दया करता है।
तुम हर एक हरे वृक्ष के नीचे, बांज वृक्ष के निकुंज में कामातुर पड़े रहते हो; घाटियों में, चट्टानों की दरारों में तुम अपने बच्चों की बलि चढ़ाते हो।
किन्तु प्रभु इन लोगों के विषय में यों कहता है: ‘उनके पैरों में चक्र है; उन्हें सिर्फ भटकना ही प्रिय लगता है। उन्होंने अपने पैरों को गलत मार्ग पर चलने से नहीं रोका। अत: मैं उनको स्वीकार नहीं करूंगा, मैं उनके दुष्कर्मों को स्मरण रखूंगा, और उनके पापों के लिए उन्हें दण्ड दूंगा।’
हे प्रभु, हम अपने और अपने पूर्वजों के दुष्कर्मों को उनके अधर्म के कामों को स्वीकार करते हैं। हे प्रभु, हमने तेरे प्रति पाप किया है।
‘ओ इस्राएल, तूने मुझसे विश्वासघात किया। तूने मेरे प्रेम और अधिकार के बंधन तोड़कर कहा, “मैं तेरी सेवा नहीं करूंगी।” तू प्रत्येक पहाड़ी शिखर के मन्दिर में, हर एक हरे वृक्ष के नीचे वेश्या के समान दूसरे से प्रेम करती रही।
तू काम की तृप्ति के लिए यहां-वहां मत भटक, अपने पैरों को मत थका, और न प्यास से अपना गला सुखा! परन्तु तू कहती है, “नहीं, ऐसा नहीं हो सकता। मैं अन्य जाति के देवताओं से प्रेम करती हूं; मैं उनके ही पीछे-पीछे जाऊंगी।”
‘मुण्डे पहाड़ी शिखरों की ओर आंख उठाकर देख! कौन-सा स्थान बाकी है जहां तूने कुकर्म नहीं किया? जैसे अरब-निवासी निर्जन स्थान में घात लगाकर बैठता है और कारवां की प्रतीक्षा करता है, वैसे ही तू राह में आंख बिछाए अपने प्रेमियों का इंतजार करती थी। अरी, इस्राएली जनता, तूने अपने व्यभिचार से समस्त देश को भ्रष्ट कर दिया है।
हमें तो शर्म के मारे गड़ जाना चाहिए। हमें चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए। हमने अपने प्रभु परमेश्वर के प्रति पाप किया है। हम और हमारे पूर्वज बचपन से आज तक पाप करते आए हैं। हमने अपने प्रभु परमेश्वर की बातों को नहीं माना।’
राजा योशियाह के राज्य-काल में मुझे प्रभु का यह संदेश मिला। उसने मुझसे कहा, ‘विश्वासघातिनी इस्राएल प्रदेश की जनता के कामों को क्या तूने देखा है? वह पहाड़ी-शिखर के प्रत्येक मन्दिर में गई। उसने हरएक हरे वृक्ष के नीचे मूर्ति की पूजा की। यों उसने मेरे प्रति विश्वासघात किया।
परन्तु उन्होंने मेरी आज्ञा का पालन नहीं किया, और न ही उस पर कान दिया। वे मनचाहे मार्ग पर चलते रहे, अपने हठीले हृदय के अनुरूप दुराचरण करते रहे। उनके कदम मेरी ओर आगे नहीं बढ़े, बल्कि पीछे हट गए।
फिर भी उन्होंने मेरी आज्ञा का पालन नहीं किया, और न ही उस पर कान दिया। उन्होंने अपना हृदय पत्थर-सा कठोर बना लिया, और अपने पूर्वजों से बढ़कर दुष्कर्म किए।
‘लेकिन तूने मुझ पर भरोसा न कर अपनी सुन्दरता पर भरोसा किया। तू अपने रूप की ख्याति के कारण व्यभिचार करने लगी। तू राह-चलते पुरुषों को पकड़ कर उनसे व्यभिचार करवाती थी।
मैं जा रहा हूं, मैं अपने स्थान को लौट रहा हूं, जब तक वे अपना अपराध स्वीकार न करेंगे और मेरा दर्शन पाने का प्रयत्न न करेंगे; जब तक अपने संकट में मुझे नहीं ढूंढ़ेंगे, मैं उनसे विमुख रहूंगा।
तुम उच्च पहाड़ों-पहाड़ियों पर स्थित तथा हरे वृक्षों के नीचे की सब पूजा-वेदियों को पूर्णत: ध्वस्त कर देना, जहाँ वे राष्ट्र जिन्हें तुम निकालोगे, अपने देवताओं की पूजा करते हैं।