उनके द्वारा सताए गए गरीबों की दुहाई परमेश्वर तक पहुँची, और उसने पीड़ितों की चीख-पुकार सुनी।
यिर्मयाह 14:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘यहूदा प्रदेश विलाप कर रहा है; उसके नगर के प्रवेश-द्वार गर्मी से मूर्छित पड़े हैं। उसके निवासी भूमि पर बैठकर शोक मना रहे हैं; यरूशलेम के रोने की आवाज आकाश तक पहुंच रही है। पवित्र बाइबल “यहूदा राष्ट्र उन लोगों के लिये रो रहा है जो मर गये हैं। यहूदा के नगर के लोग दुर्बल, और दुर्बल होते जा रहे हैं। वे लोग भूमि पर लेट कर शोक मनाते हैं। यरूशलेम नगर से एक चीख परमेश्वर के पास पहुँच रही है। Hindi Holy Bible यहूदा विलाप करता और फाटकों में लोग शोक का पहिरावा पहिने हुए भूमि पर उदास बैठे हैं; और यरूशलेम की चिल्लाहट आकाश तक पहुंच गई है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “यहूदा विलाप करता और फाटकों में लोग शोक का पहिरावा पहिने हुए भूमि पर उदास बैठे हैं; और यरूशलेम की चिल्लाहट आकाश तक पहुँच गई है। सरल हिन्दी बाइबल “यहूदिया विलाप कर रहा है, तथा उसके नगर द्वार निस्तेज हो गए हैं; शोक का पहिरावा पहिने प्रजाजन भूमि पर बैठ गए हैं, येरूशलेम का गिड़गिड़ाना आकाश तक पहुंच रहा है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “यहूदा विलाप करता और फाटकों में लोग शोक का पहरावा पहने हुए भूमि पर उदास बैठे हैं; और यरूशलेम की चिल्लाहट आकाश तक पहुँच गई है। |
उनके द्वारा सताए गए गरीबों की दुहाई परमेश्वर तक पहुँची, और उसने पीड़ितों की चीख-पुकार सुनी।
हमारे पशु खूब मोटे-ताजे हों, हमारे नगर की दीवारों में दरार न पड़े, हमारा युद्ध में जाना न हो, हमारे नगर-चौकों पर रोने का स्वर सुनाई न दे!
परमेश्वर ने उनका कराहना सुना। उसे अब्राहम, इसहाक और याकूब के साथ स्थापित अपने विधान का स्मरण हुआ।
मेरा हृदय मोआब के लिए दुहाई देता है, उसके सामन्त सोअर और एग्लत-शलीशीयाह नगरों में भाग गए हैं। वे लूहीत के चढ़ाव पर रोते हुए चढ़ रहे हैं। होरोनइम नगर के मार्ग पर महाविनाश का क्रंदन स्वर सुनाई पड़ रहा है।
अंगूर का रस उपलब्ध न होने के कारण गलियों में चीत्कार मचा है; आनन्द को पाला मार गया! देश से हर्ष विदा हो गया!
पृथ्वी शोक मना रही है, वह मुरझा रही है; दुनिया व्याकुल है, वह कुम्हला रही है, आकाश भी पृथ्वी के साथ क्षीण होता जा रहा है।
अंगूर की नई फसल भी शोक मना रही है; अंगूर-उद्यान भी सूख गया। आनन्द मनानेवाले ठण्डी आहें भर रहे हैं।
तेरे प्रवेश-द्वार विलाप करेंगे; वे शोक मनाएंगे; तू लुटी हुई, विधवा-स्त्री-सी भूमि पर बैठेगी।
देश विलाप कर रहा है, वह दु:ख से व्याकुल है। अनावृष्टि के कारण लबानोन की हरियाली कुम्हला गई, वह सूख गया। शारोन की उपजाऊ भूमि मरुस्थल बन गई। बाशान और कर्मेल क्षेत्र के वृक्ष सूख गए।
स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु का यह अंगूर-उद्यान इस्राएल वंश है। यहूदा प्रदेश के निवासी प्रभु के सुन्दर पौधे हैं। प्रभु ने उनसे न्याय की आशा की, पर उसे देखने को मिला: रक्त पात। प्रभु ने उनसे धार्मिकता की आशा की, पर उसे सुनने को मिला: गरीबों का करुण- क्रंदन!
अत: मैं-प्रभु यह कहता हूं: मैं उन पर ऐसी विपत्ति डालूंगा कि वे उस से बच कर भाग नहीं सकेंगे। वे मेरी दुहाई देंगे, पर मैं उनकी प्रार्थना नहीं सुनूंगा।
उन्होंने उसको उजाड़ दिया; वह उजड़ कर मुझसे अपना रोना रो रहा है। सारा देश ही उजड़ गया है, परन्तु किसी के हृदय में इसका दु:ख नहीं है।
कब तक देश विलाप करता रहेगा? कब तक हमारे चरागाह की घास सूखती रहेगी? क्योंकि देशवासियों के दुष्कर्मों के कारण पशु और पक्षी भी नष्ट हो गए हैं: ये दुष्कर्मी कहते हैं, ‘प्रभु हमारा आचरण नहीं देखता है।’
प्रभु, जब तू उन पर अचानक शत्रु-दल लाएगा, तब उनके मकानों से चीख-पुकार की आवाज निकले। उन्होंने मुझे गिराने के लिए गड्ढा खोदा है; मेरे पैरों को फांसने के लिए फंदा बिछाया है!
पृथ्वी इस देश के लिए विलाप करेगी; आकाश शोक से अंधकारमय हो जाएगा। जो मैंने कहा है, जो मैंने निश्चित किया है उसको पूरा करूंगा मैं इस कार्य के लिए नहीं पछताऊंगा, और न ही अपने वचन से मुंह मोड़ूंगा।’
विश्व के राष्ट्र तेरे विषय में सुन चुके हैं, कि तू भ्रष्ट हो चुकी है; तेरी चिल्लाहट से सारी पृथ्वी गूंज उठी है। एक योद्धा दूसरे योद्धा से टकरा रहा है; वे दोनों एक-साथ गिर रहे हैं।’
मेरे लोगों के दु:ख के कारण मेरा हृदय भी दु:खी है; मैं शोक मनाता हूं, मैं आश्चर्य में डूबा हुआ हूं।
प्रभु ने यह निश्चय किया था कि वह सियोन की पुत्री की शहरपनाह ढाह देगा; उसने साहुल से नापकर निशान लगाए; उसने विनाश करने के लिए अपना हाथ बढ़ाया, और उसको नहीं रोका। उसने परकोटा और शहरपनाह को रुला दिया, दोनों एक-साथ जर्जर हो गए।
उसके प्रवेश-द्वार भूमि में धंस गए; प्रभु ने उसकी अर्गलाएँ टुकड़े-टुकड़े कर दीं। उसका राजा और प्रशासक विदेशी राष्ट्रों में निर्वासित हैं। व्यवस्था की मान्यता नहीं रहीं; नबियों को प्रभु की ओर से दर्शन नहीं मिलता।
इस कारण देश मृत्यु-शोक मना रहा है, सब निवासी कष्ट से मुरझा गए हैं; वन-पशु, आकाश के पक्षी; समुद्र की मछलियाँ भी मर गई हैं।
खेत उजड़ गए, भूमि रो रही है। अन्न नष्ट हो गया, अंगूर की नई फसल बर्बाद हो गई। अंजीर का तेल सूख गया।
ओ किसानो, गेहूं और जौ की फसल के लिए, तुम व्याकुल हो, ओ अंगूर-उद्यान के मालियो, तुम विलाप करो,खेतों की फसल नष्ट हो गई।
उपवास का दिन घोषित करो, धर्म-महासभा की बैठक बुलाओ। प्रभु परमेश्वर के भवन में धर्मवृद्धों और देशवासियों को एकत्र करो। सब प्रभु की दुहाई दें।
मैंने मैदान और पहाड़ों पर अकाल को प्रेषित किया है। मैंने अन्न, अंगूर के रस और तेल का, तथा भूमि पर उपजनेवाली सब प्रकार की वनस्पति का अकाल किया है। मैंने मनुष्य और पशु पर, उनके कामों और परिश्रम पर सूखा डाला है।’
स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है, “जब मैंने उन्हें पुकारा, तब उन्होंने मेरी आवाज नहीं सुनी। अत: मैंने भी उनकी पुकार नहीं सुनी, जब उन्होंने मुझे पुकारा।
जिन लोगों की मृत्यु नहीं हुई थी, वे गिल्टियों से पीड़ित थे। नगर की दुहाई स्वर्ग तक पहुँची।
‘कल, इसी समय मैं बिन्यामिन प्रदेश के एक पुरुष को तेरे पास भेजूँगा। तू मेरे निज लोग इस्राएलियों पर शासन करने के लिए अगुए के रूप में उसका अभिषेक करना। वह मेरे निज लोग इस्राएलियों को पलिश्तियों के हाथ से बचाएगा। मैंने अपने निज लोग इस्राएलियों की विपत्ति देखी है। उनकी दुहाई मुझ तक पहुँची है।’