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यिर्मयाह 8:21 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

21 मेरे लोगों के दु:ख के कारण मेरा हृदय भी दु:खी है; मैं शोक मनाता हूं, मैं आश्‍चर्य में डूबा हुआ हूं।

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पवित्र बाइबल

21 मेरे लोग बीमार है, अत: मैं बीमार हूँ। मैं इन बीमार लोगों की चिन्ता में दुःखी और निराश हूँ।

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Hindi Holy Bible

21 अपने लोगों के दु:ख से मैं भी दु:खित हुआ, मैं शोक का पहिरावा पहिने अति अचम्भे में डूबा हूँ।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

21 अपने लोगों के दु:ख से मैं भी दु:खित हुआ, मैं शोक का पहिरावा पहिने अति अचम्भे में डूबा हूँ।

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सरल हिन्दी बाइबल

21 अपने लोगों की पुत्री की दुःखित अवस्था ने मुझे दुःखित कर रखा है; मैं शोक से अचंभित हूं, और निराशा में मैं डूब चुका हूं.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

21 अपने लोगों के दुःख से मैं भी दुःखित हुआ, मैं शोक का पहरावा पहने अति अचम्भे में डूबा हूँ।

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यिर्मयाह 8:21
14 क्रॉस रेफरेंस  

मैंने सम्राट से कहा, ‘महाराज, सदा-सर्वदा जीवित रहें! महाराज, क्षमा करें; मैं उदास क्‍यों न होऊंगा जब कि मेरे पूर्वजों की कबरों का नगर उजाड़ पड़ा है, उसके प्रवेश-द्वार आग से जले हुए पड़े हैं?’


‘ओ यिर्मयाह, तू उन से यह कहना: “मेरी आंखों से दिन-रात आंसुओं की झड़ी लगी रहती है; मेरे आंसू नहीं रुकते; क्‍योंकि यहूदा प्रदेश की जनता का सर्वनाश हो गया है; उसका भयंकर विनाश हुआ है।


‘यहूदा प्रदेश विलाप कर रहा है; उसके नगर के प्रवेश-द्वार गर्मी से मूर्छित पड़े हैं। उसके निवासी भूमि पर बैठकर शोक मना रहे हैं; यरूशलेम के रोने की आवाज आकाश तक पहुंच रही है।


प्रभु, मैंने उन पर विपत्ति भेजने के लिए तुझ पर जोर नहीं डाला था; तू जानता है कि मैंने विनाश-दिवस की कामना नहीं की थी। जो कुछ मेरे ओंठों से निकला है, वह सब तू जानता है।


आह! मेरा मन! मेरा मन! मैं पीड़ा से तड़प रहा हूं। आह! मेरा हृदय! मेरे हृदय की धड़कन तेज हो गई है! मैं चुप नहीं रह सकता; क्‍योंकि मैं युद्ध के बिगुल की आवाज, युद्ध का कोलाहल सुन रहा हूं।


लोग कहते हैं, ‘फसल कट चुकी, फल पकने की ऋतु समाप्‍त हो गई फिर भी हमारा उद्धार नहीं हुआ!’


काश, मेरा मस्‍तिष्‍क सागर होता, मेरी आंखें आँसुओं की झील होती, तो मैं अपने लोगों के महासंहार के कारण दिन-रात फूट-फूट कर रोता।


मैं वह पुरुष हूं, जिसने प्रभु के कोप-दण्‍ड का दु:ख भोगा है।


उनके सम्‍मुख लोग व्‍यथित हो गए, सब के चेहरे पीले पड़ गए।


नीनवे महानगर उजड़ गया। विध्‍वंस और विनाश! हृदय डूब रहा है, घुटने कांप रहे हैं। कमर टूट गई; चेहरे पीले पड़ गए।


जब येशु निकट आए और नगर को देखा तो वह उस पर रो पड़े


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