Biblia Todo Logo
ऑनलाइन बाइबिल
- विज्ञापनों -




यिर्मयाह 14:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

3 यरूशलेम के धनवान लोग पानी के लिए अपने सेवकों को भेज रहे हैं। सेवक कुएं-झरनों पर आते हैं, पर उनमें पानी नहीं है। अत: वे खाली घड़े लिये वापस लौट जा रहे हैं। वे उदास हैं, और नहीं जानते हैं कि क्‍या करें? वे सिर को ढक कर बैठे हुए हैं।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबल

3 लोगों के प्रमुख अपने सेवकों को पानी लाने के लिये भेजते हैं। सेवक कण्डों पर जाते हैं। किन्तु वे कछ भी पानी नहीं पैंते। सेवक खाली बर्तन लेकर लौटते हैं। अत: वे लज्जित और परेशान हैं। वे अपने सिर को लज्जा से ढक लेते हैं।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

Hindi Holy Bible

3 और उनके बड़े लोग उनके छोटे लोगों को पानी के लिये भेजते हैं; वे गड़हों पर आकर पानी नहीं पाते इसलिये छूछे बर्तन लिए हुए घर लौट जाते हैं; वे लज्जित और निराश हो कर सिर ढांप लेते हैं।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

3 उनके बड़े लोग उनके छोटे लोगों को पानी के लिए भेजते हैं; वे गड़हों पर आ कर पानी नहीं पाते, इसलिये छूछे बर्तन लिये हुए घर लौट जाते हैं; वे लज्जित और निराश होकर सिर ढाँप लेते हैं।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

सरल हिन्दी बाइबल

3 सम्पन्‍न लोगों ने जल के लिए अपने सेवकों को कुंओं पर भेजा; कुंओं पर पहुंचकर उन्होंने पाया कि वहां जल है ही नहीं. वे रिक्त बर्तन लेकर ही लौट आए हैं; उन्हें लज्जा एवं दीनता का सामना करना पड़ा, वे अपने मुखमंडल छिपाए लौटे हैं.

अध्याय देखें प्रतिलिपि

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

3 उनके बड़े लोग उनके छोटे लोगों को पानी के लिये भेजते हैं; वे गड्ढों पर आकर पानी नहीं पाते, इसलिए खाली बर्तन लिए हुए घर लौट जाते हैं; वे लज्जित और निराश होकर सिर ढाँप लेते हैं।

अध्याय देखें प्रतिलिपि




यिर्मयाह 14:3
23 क्रॉस रेफरेंस  

दाऊद जैतून पहाड़ पर चढ़ने लगा। वह रो रहा था। वह नंगे पैर था। उसका सिर ढका था। जो लोग उसके साथ थे, वे भी अपना सिर ढांपे हुए थे। वे रोते हुए पहाड़ पर चढ़ रहे थे।


राजा मुँह ढककर उच्‍च स्‍वर में चिल्‍लाता रहा, ‘ओ मेरे बेटे अबशालोम! मेरे बेटे अबशालोम! मेरे बेटे!’


देश में वर्षा नहीं हुई। अत: कुछ समय पश्‍चात् बरसाती नदी का पानी सूख गया।


तुम हिजकियाह की बात मत सुनो! असीरिया देश के महाराज यह कहते हैं : मुझसे समझौता करो। हरएक व्यक्‍ति नगर से निकलकर मेरे पास आए, और आत्‍म-समर्पण करे। तब तुम-सब अपने अंगूर-उद्यान का, अपने अंजीर वृक्ष का फल खा सकोगे, और अपने कुएं का पानी पी सकोगे।


मोरदकय राजभवन के प्रवेश-द्वार पर लौटा, पर हामान शोक करता हुआ, सिर ढके हुए, शीघ्रता से अपने घर गया।


पर वे निराश होते हैं, क्‍योंकि उनकी आशा झूठी निकलती है, वे नदी के समीप जाते हैं, और धोखा खाते हैं।


मुझ पर दोषारोपण करने वाले अपमान से विभूषित हों, वे पराजय को वस्‍त्र की तरह धारण करें।


जो मेरे प्राण की खोज में हैं, और उसे नष्‍ट करना चाहते हैं, वे पूर्णत: लज्‍जित हों और घबरा जाएं। जो मेरी बुराई की कामना करते हैं, वे पीठ दिखाएं और अपमानित हों।


वर्षा न होने के कारण भूमि में दरारें पड़ गई हैं; किसान उदास हैं, वे सिर को ढक कर बैठे हुए हैं।


तब क्‍यों मेरी पीड़ा दूर नहीं हो रही है? मेरा घाव क्‍यों नहीं भर रहा है? क्‍या तू मेरे लिए मृग-तृष्‍णा बन गया है? क्‍या तू ऐसा झरना हो गया है, जो सूख जाता है? क्‍या तू गरजनेवाला बादल हो गया है; जो गरजता तो है पर बरसता नहीं?


‘मेरे निज लोगों ने दो दुष्‍कर्म किए हैं: उन्‍होंने मुझे, जीवन-जल के झरने को, त्‍याग दिया, और अपने लिए हौज बना लिये जो टूटे-फूटे हैं, और जिनसे पानी बह जाता है!


वहां से भी तू खाली हाथ लौटेगी, सिर पकड़ कर रोती हुई। क्‍योंकि जिन पर तूने भरोसा किया है, उनको मुझ-प्रभु ने तिरस्‍कृत कर दिया है। उनकी सहायता से तेरा काम सफल नहीं होगा।


किन्‍तु, प्रभु, तू मानो आतंकमय योद्धा है। तू मेरे साथ है। अत: मुझे सतानेवाले, मेरे बैरी, मुंह के बल गिरेंगे; वे मुझ पर प्रबल न होंगे। वे अपनी पराजय के कारण अत्‍यन्‍त लज्‍जित होंगे। उनका यह अपमान सदा बना रहेगा, और कभी भुलाया न जा सकेगा।


अत: मैंने वर्षा रोक दी, वसंत ऋतु में होनेवाली वर्षा इस वर्ष नहीं हुई। फिर भी तुझे पाप की ग्‍लानि नहीं हुई। तेरी आंखों में व्‍यभिचार झलकता रहा!


प्‍यास के कारण दूध पीनेवाले बच्‍चों की जीभ उनके तालू से चिपक गई। बच्‍चे रोटी मांग रहे हैं, परन्‍तु कोई भी उनको रोटी नहीं देता।


अन्‍यथा मैं उसके कपड़े उतार कर उसको नग्‍न कर दूंगा, जैसे वह नग्‍न थी, उस दिन जब वह पैदा हुई थी! मैं उसे उजाड़ प्रदेश के सदृश उजाड़ दूंगा; शुष्‍क प्रदेश के सदृश सुखा दूंगा; मैं उसे एक-एक बूंद पानी के लिए तड़पाकर मार डालूंगा।


मैदान के पशु भी तेरी ओर ताक रहे हैं; क्‍योंकि जल-स्रोत सूख गए, निर्जन प्रदेश के चरागाहों को आग ने भस्‍म कर दिया।


‘फसल की कटनी के तीन महीने शेष थे, और मैंने तुम पर वर्षा नहीं की। मैंने एक नगर में वर्षा की, पर दूसरे नगर को सूखा रखा। एक खेत को पानी मिला, पर दूसरा खेत पानी के अभाव में सूख गया।


अत: दो-तीन नगरों के निवासी भटकते हुए पानी की तलाश में उस नगर में आए जहाँ पानी था। उन्‍होंने पानी पिया, परन्‍तु वह पर्याप्‍त नहीं था। फिर भी तुम मेरी ओर नहीं लौटे।’ प्रभु ने यह कहा है।


यदि विश्‍व का कोई परिवार स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु, समस्‍त पृथ्‍वी के राजा की आराधना करने के लिए यरूशलेम नहीं आएगा, तो उसके देश में वर्षा नहीं होगी।


हमारे पर का पालन करें:

विज्ञापनों


विज्ञापनों