‘ओ महासुन्दरी! यदि तुझे अपने प्राण-प्रिय का पता नहीं मालूम, तो भेड़ों के पद-चिह्नों का अनुसरण कर, चरवाहों के तम्बुओं के पास अपनी बकरियों के बच्चे चरा।’
यिर्मयाह 12:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यदि वे मेरे निज लोगों का आचरण सीखेंगे, यदि वे मेरे नाम की शपथ खाएंगे: “जीवंत प्रभु की शपथ,” जैसा उन्होंने मेरे निज लोगों को बअल देवता की शपथ खाना सिखाया था, तो वे मेरे निज लोगों के मध्य घरबार बना सकेंगे। पवित्र बाइबल मैं चाहता हूँ कि वे लोग अब मेरे लोगों की तरह रहना सीख लें। बीते समय में उन लोगों ने हमारे लोगों को शपथ खाने के लिये बाल के नाम का उपयोग करना सिखाया। अब, मैं चाहता हूँ कि वे लोग अपना पाठ ठीक वैसे ही अच्छी तरह पढ़ लें। मैं चाहता हूँ कि वे लोग मेरे नाम का उपयोग करना सीखें। मैं चाहता हूँ कि वे लोग कहें, ‘क्योंकि यहोवा शाश्वत है।’ यदि वे लोग वैसा करते हैं तो मैं उन्हें सफल होने दूँगा और उन्हें अपने लोगों के बीच रहने दूँगा। Hindi Holy Bible और यदि वे मेरी प्रजा की चाल सीखकर मेरे ही नाम की सौगन्ध, यहोवा के जीवन की सौगन्ध, खाने लगें, जिस प्रकार से उन्होंने मेरी प्रजा को बाल की सौगन्ध खाना सिखलाया था, तब मेरी प्रजा के बीच उनका भी वंश बढ़ेगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यदि वे मेरी प्रजा की चाल सीखकर मेरे ही नाम की सौगन्ध, यहोवा के जीवन की सौगन्ध, खाने लगें, जिस प्रकार से उन्हों ने मेरी प्रजा को बाल की सौगन्ध खाना सिखलाया था, तब मेरी प्रजा के बीच उनका भी वंश बढ़ेगा। सरल हिन्दी बाइबल तब यदि वे मेरी प्रजा की नीतियां सीख लेंगे और बाल के जीवन की शपथ कहने के स्थान पर कहेंगे, ‘जीवित याहवेह की शपथ,’ तब वे मेरी प्रजा के मध्य ही समृद्ध होते चले जाएंगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यदि वे मेरी प्रजा की चाल सीखकर मेरे ही नाम की सौगन्ध, यहोवा के जीवन की सौगन्ध, खाने लगें, जिस प्रकार से उन्होंने मेरी प्रजा को बाल की सौगन्ध खाना सिखाया था, तब मेरी प्रजा के बीच उनका भी वंश बढ़ेगा। |
‘ओ महासुन्दरी! यदि तुझे अपने प्राण-प्रिय का पता नहीं मालूम, तो भेड़ों के पद-चिह्नों का अनुसरण कर, चरवाहों के तम्बुओं के पास अपनी बकरियों के बच्चे चरा।’
देश-देश के लोग वहाँ जाएंगे और यह कहेंगे : ‘आओ, हम प्रभु के पर्वत पर चढ़ें; आओ, हम याकूब के परमेश्वर के भवन की ओर चलें, ताकि प्रभु हमें अपना मार्ग सिखाए, और हम उसके सिखाए हुए मार्ग पर चलें।’ सियोन पर्वत से प्रभु की व्यवस्था प्रकट होगी, यरूशलेम नगर से ही प्रभु का शब्द सुनाई देगा।
‘मैं प्रभु हूं; मैंने तुझे धार्मिक अभिप्राय से बुलाया है। मैंने तेरा हाथ थामकर तुझे सहारा दिया है। मैंने तुझे कौम के लिए विधान और राष्ट्रों के लिए ज्योति नियुक्त किया है,
मैंने स्वयं अपनी शपथ खाई है, मेरी धार्मिकता से मेरे मुंह से यह वचन निकला है, और वह नहीं टलेगा: ‘हर एक मनुष्य मेरे सम्मुख घुटना टेकेगा, प्रत्येक जीभ मेरे नाम से शपथ लेगी।’
वह कहता है, ‘यह साधारण-सी बात है कि याकूब के कुलों को पुन: स्थापित करने के लिए, इस्राएल के बचे हुए लोगों को वापस लाने के लिए तू मेरा सेवक बने; पर यह पर्याप्त नहीं है : मैं तुझे राष्ट्रों के लिए ज्योति बनाऊंगा, जिससे मेरा उद्धार पृथ्वी के सीमान्तों तक पहुँच सके।’
जो व्यक्ति देश में आशिष की याचना करेगा, वह सत्य परमेश्वर के नाम से आशिष को प्राप्त करेगा। जो देश में शपथ लेगा, वह सत्य परमेश्वर के नाम से शपथ लेगा; क्योंकि अतीत के कष्ट भुला दिये गये हैं; वे मेरी आंखों से ओझल हो गये हैं।
हे प्रभु, तू ही मेरा बल और मेरा गढ़ है; संकट के समय मैं तेरी ही शरण में आता हूं। प्रभु, विश्व के कोने-कोने से, सब राष्ट्रों के लोग तेरे सम्मुख आएंगे, और यह कहेंगे : ‘निस्सन्देह, हमारे पूर्वजों को पैतृक अधिकार में असत्य के अतिरिक्त कुछ नहीं मिला; उन्हें निस्सार वस्तुएं प्राप्त हुई जो मनुष्य को लाभ नहीं पहुंचातीं।
किन्तु यदि वह राष्ट्र जिस के विनाश के सम्बन्ध में मैंने घोषणा की थी, अपने बुरे मार्ग को छोड़कर मेरी ओर लौटता है, तो मैं पछताता हूं कि मैंने उस राष्ट्र का अनिष्ट करने का निश्चय किया था।
‘उन दिनों में यरूशलेम नगर “प्रभु का सिंहासन” कहलाएगा। विश्व की सब जातियां यरूशलेम में प्रभु की उपस्थिति में एकत्र होंगी। वे हठ-पूर्वक अपने हृदय के अनुरूप बुरे मार्ग पर नहीं चलेंगी।
यदि तू सच्चाई, न्याय और निष्कपट हृदय से जीवंत प्रभु की शपथ खाए, तो विश्व के राष्ट्र तेरे कारण मुझसे आशिष पाएंगे; वे तेरे माध्यम से मेरी महिमा करेंगे।’
यद्यपि यरूशलेम-निवासी मुझ-जीवन्त परमेश्वर की शपथ खाते हैं, पर उनकी शपथ झूठी होती है।’
‘ओ यरूशलेम! मैं तुझे कैसे क्षमा कर दूं? तेरे बच्चों ने मुझे छोड़ दिया है। वे झूठे देवी-देवताओं की शपथ खाते हैं। जब मैंने उनको भरपेट भोजन दिया तब वे व्यभिचार करने लगे; उन्होंने वेश्याओं के घरों में डेरा-डण्डा डाल दिया।
प्रभु यों कहता है, ‘मार्ग के किनारे खड़े हो, और स्वयं देखो। प्राचीन पथों का पता लगाओ। लोगों से पूछो कि सन्मार्ग कहां है। तब उस पर चलो, तभी तुम्हारी आत्मा को चैन मिलेगा। लेकिन यरूशलेम निवासी कहते हैं, “हम सन्मार्ग पर नहीं चलेंगे।”
ये अपने घर की छत पर चढ़कर आकाश की शक्तियों की पूजा करते हैं, और मिलकोम देवता के नाम पर शपथ खाते हैं। ये मेरी भी वन्दना करते हैं; और मुझ-प्रभु के नाम पर भी शपथ खाते हैं!
नहीं, अमर हैं तो मेरे शब्द और मेरी संविधियां जो मैंने अपने सेवक नबियों को दी थीं। क्या वे तुम्हारे पूर्वजों पर सच सिद्ध नहीं हुई? अत: तुम्हारे पूर्वजों ने पश्चात्ताप किया और यह कहा: “स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने हमारे साथ जैसा व्यवहार करने का निश्चय किया था, वैसा ही उसने किया। उसने हमारे बुरे मार्गों और दुष्कर्मों के अनुरूप हमारे साथ व्यवहार किया और हमें दण्ड दिया।” ’
उस दिन अनेक राष्ट्र मुझ-प्रभु से मिल जाएंगे, और वे मेरे निज लोग बन जाएंगे। मैं तुम्हारे मध्य में रहूंगा।’ तब तुम्हें ज्ञात होगा कि स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है।
यदि कुछ डालियाँ तोड़ कर अलग कर दी गयी हैं और तुम, ओ गैर-यहूदियो! जो जंगली जैतून हो, उनकी जगह पर कलम लगाये गये और जैतून की जड़ तथा उसके रस-भंडार के भागीदार बने,
क्योंकि धर्मग्रन्थ में लिखा है— “प्रभु यह कहता है : मैं स्वयं अपने जीवन की शपथ लेता हूँ; हर एक मनुष्य मेरे सम्मुख घुटना टेकेगा। प्रत्येक जीभ मुझ-परमेश्वर की स्तुति करेगी।”
हम परमेश्वर के सहकर्मी हैं और आप लोग हैं — परमेश्वर का खेत। आप परमेश्वर का भवन भी हैं।
तुम इन जातियों में, जो तुम्हारे मध्य शेष रह गई हैं, मत मिलना-जुलना। उनके देवताओं का नाम मत लेना। उन देवताओं के नाम की शपथ भी नहीं खाना। उनकी पूजा मत करना, और न झुककर उन की वन्दना करना।
इसलिए आज रात ठहर जाओ। यदि वह सबेरे तुम्हारा निकटतम कुटुम्बी होने का दायित्व पूरा करता है तो ठीक है। वह तुमसे विवाह करे। परन्तु यदि वह तुम्हारा निकटतम कुटुम्बी होने के दायित्व को पूरा करने के लिए तत्पर नहीं होगा तो मैं जीवन्त प्रभु की शपथ खाता हूँ कि मैं तुम्हारा निकट कुटुम्बी होने का दायित्व पूरा करूँगा। अब तुम यहाँ सबेरे तक सोती रहो।’