यशायाह 65:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)16 जो व्यक्ति देश में आशिष की याचना करेगा, वह सत्य परमेश्वर के नाम से आशिष को प्राप्त करेगा। जो देश में शपथ लेगा, वह सत्य परमेश्वर के नाम से शपथ लेगा; क्योंकि अतीत के कष्ट भुला दिये गये हैं; वे मेरी आंखों से ओझल हो गये हैं। अध्याय देखेंपवित्र बाइबल16 अब लोग धरती से आशीषें माँगतें हैं किन्तु आगे आनेवाले दिनों में वे विश्वासयोग्य परमेश्वर से आशीष माँगा करेंगे। अभी लोग उस समय धरती की शक्ति के भरोसे रहा करते हैं जब वे कोई वचन देते हैं। किन्तु भविष्य में वे विश्वसनीय परमेश्वर के भरोसे रहा करेंगे। क्यों क्योंकि पिछले दिनों की सभी विपत्तियाँ भूला दी जायेंगी। मेरे लोग फिर उन पिछली विपत्तियों को याद नहीं करेंगे। अध्याय देखेंHindi Holy Bible16 तब सारे देश में जो कोई अपने को धन्य कहेगा वह सच्चे परमेश्वर का नाम ले कर अपने को धन्य कहेगा, और जो कोई देश में शपथ खाए वह सच्चे परमेश्वर के नाम से शपथ खाएगा; क्योंकि पिछला कष्ट दूर हो गया और वह मेरी आंखों से छिप गया है॥ अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)16 तब सारे देश में जो कोई अपने को धन्य कहेगा वह सच्चे परमेश्वर का नाम लेकर अपने को धन्य कहेगा, और जो कोई देश में शपथ खाए वह सच्चे परमेश्वर* के नाम से शपथ खाएगा; क्योंकि पिछला कष्ट दूर हो गया और वह मेरी आँखों से छिप गया है। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल16 क्योंकि वह जो पृथ्वी पर धन्य है वह सत्य के परमेश्वर द्वारा आशीषित किया गया है; वह जो पृथ्वी पर शपथ लेता है वह सत्य के परमेश्वर की शपथ लेगा. क्योंकि पुरानी विपत्तियां दूर हो जायेंगी, वह मेरी आंखों से छिप गया है. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201916 तब सारे देश में जो कोई अपने को धन्य कहेगा वह सच्चे परमेश्वर का नाम लेकर अपने को धन्य कहेगा, और जो कोई देश में शपथ खाए वह सच्चे परमेश्वर के नाम से शपथ खाएगा; क्योंकि पिछला कष्ट दूर हो गया और वह मेरी आँखों से छिप गया है। अध्याय देखें |
मैंने सिंहासन देखे। जो उन पर बैठने आये, उन्हें न्याय करने का अधिकार दिया गया। मैंने उन लोगों की आत्माओं को भी देखा, जिनके सिर येशु की साक्षी और परमेश्वर के वचन के कारण काटे गये थे, जिन्होंने पशु और उसकी प्रतिमा की आराधना नहीं की थी तथा अपने माथे और हाथों पर पशु की छाप अंकित नहीं होने दिया था। वे पुनर्जीवित हो कर मसीह के साथ एक हजार वर्ष तक राज्य करते रहे।