यिर्मयाह 18:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)8 किन्तु यदि वह राष्ट्र जिस के विनाश के सम्बन्ध में मैंने घोषणा की थी, अपने बुरे मार्ग को छोड़कर मेरी ओर लौटता है, तो मैं पछताता हूं कि मैंने उस राष्ट्र का अनिष्ट करने का निश्चय किया था। अध्याय देखेंपवित्र बाइबल8 किन्तु उस राष्ट्र के लोग अपने हृदय और जीवन को बदल सकते हैं। उस राष्ट्र के लोग बुरे काम करना छोड़ सकते हैं। तब मैं अपने इरादे को बदल दूँगा। मैं उस राष्ट्र पर विपत्ति ढाने की अपनी योजना का अनुसरण करना छोड़ सकता हूँ। अध्याय देखेंHindi Holy Bible8 तब यदि उस जाति के लोग जिसके विषय मैं ने कह बात कही हो अपनी बुराई से फिरें, तो मैं उस विपत्ति के विषय जो मैं ने उन पर डालने को ठाना हो पछताऊंगा। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)8 तब यदि उस जाति के लोग जिसके विषय मैं ने यह बात कही हो अपनी बुराई से फिरें, तो मैं उस विपत्ति के विषय जो मैं ने उन पर डालने की ठानी हो पछताऊँगा। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल8 किंतु वह राष्ट्र, जिसके संबंध में मैंने विध्वंस की वाणी की थी, यदि अपने कुकृत्यों से विमुख हो जाता है ओर मैं उसके विरुद्ध योजित विध्वंस का विचार ही त्याग दूं. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 20198 तब यदि उस जाति के लोग जिसके विषय मैंने यह बात कही हो अपनी बुराई से फिरें, तो मैं उस विपत्ति के विषय जो मैंने उन पर डालने को ठाना हो पछताऊँगा। अध्याय देखें |
‘हम आप-सब से पूछते हैं : क्या राजा हिजाकियाह ने नबी मीकायाह की इस कठोर नबूवत के कारण उन को मृत्यु-दण्ड दिया? कदापि नहीं; बल्कि वह प्रभु से डरा, और उसने प्रभु की कृपा के लिए विनती की। अत: प्रभु अपने निश्चय के लिए पछताया, और उसने यहूदा प्रदेश का अनिष्ट करने का जो निश्चय किया था, और जिसकी उसने घोषणा की थी, वह नहीं किया। किन्तु हम तो इस मनुष्य के साथ यह व्यवहार कर अपने ऊपर महा विपत्ति ला रहे हैं।’
ओ मानव, तू उनसे यह कह : “मैं स्वयं स्वामी-प्रभु बोल रहा हूँ : मुझे अपने जीवन की सौगन्ध है! मैं किसी भी दुर्जन की मृत्यु से प्रसन्न नहीं होता हूँ। किन्तु मुझे तब प्रसन्नता होती है, जब दुर्जन अपना बुरा आचरण छोड़ देता है और मरने से बच जाता है। इसी प्रकार ओ इस्राएल के वंशजो, अपने बुरे आचरण को छोड़ दो, अपने बुरे मार्ग से पीठ फेर लो। तुम क्यों मरना चाहते हो?”
उसने प्रभु से प्रार्थना की। उसने कहा, ‘प्रभु, मेरी तुझसे यह प्रार्थना है: जब मैं अपने देश में था, तब मैंने तुझ से यही तो कहा था; अब तो वही बात हुई। इसी कारण मैं तुरन्त तर्शीश नगर को भागा था। मैं जानता था कि तू कृपालु और दयालु परमेश्वर है। तू विलम्ब से क्रोध करने वाला और करुणा का सागर है। तू विपत्ति ढाहने के अपने निर्णय को बदलता भी है।