किन्तु राजा अपने अहंकार के लिए पछताया। उसने प्रभु के सम्मुख स्वयं को विनम्र किया। उसके साथ यरूशलेम के निवासी भी दीन बने। अत: प्रभु का क्रोध राजा हिजकियाह के समय में उन पर नहीं भड़का।
याकूब 4:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वह प्रचुर मात्रा में अनुग्रह भी देता है, जैसा कि धर्मग्रन्थ में लिखा है, “परमेश्वर घमण्डियों का विरोध करता, किन्तु विनीतों को अनुग्रह प्रदान करता है।” पवित्र बाइबल किन्तु परमेश्वर ने हम पर अत्यधिक अनुग्रह दर्शाया है, इसलिए शास्त्र में कहा गया है, “परमेश्वर अभिमानियों का विरोधी है, जबकि दीन जनों पर अपनी अनुग्रह दर्शाता है।” Hindi Holy Bible वह तो और भी अनुग्रह देता है; इस कारण यह लिखा है, कि परमेश्वर अभिमानियों से विरोध करता है, पर दीनों पर अनुग्रह करता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वह तो और भी अनुग्रह देता है; इस कारण यह लिखा है, “परमेश्वर अभिमानियों का विरोध करता है, पर दीनों पर अनुग्रह करता है।” नवीन हिंदी बाइबल क्या वह और अधिक अनुग्रह नहीं देता? इस कारण वह कहता है : परमेश्वर अभिमानियों का विरोध करता है, परंतु दीनों पर अनुग्रह करता है। सरल हिन्दी बाइबल वह और अधिक अनुग्रह देते हैं, इसलिये लिखा है: “परमेश्वर घमंडियों के विरुद्ध रहते और दीनों को अनुग्रह देते हैं.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वह तो और भी अनुग्रह देता है; इस कारण यह लिखा है, “परमेश्वर अभिमानियों से विरोध करता है, पर नम्रों पर अनुग्रह करता है।” |
किन्तु राजा अपने अहंकार के लिए पछताया। उसने प्रभु के सम्मुख स्वयं को विनम्र किया। उसके साथ यरूशलेम के निवासी भी दीन बने। अत: प्रभु का क्रोध राजा हिजकियाह के समय में उन पर नहीं भड़का।
जब वह बेबीलोन में बन्दी था, तब उसने अपने संकट में अपने प्रभु-परमेश्वर की कृपा के लिए विनती की। उसने अपने पूर्वजों के परमेश्वर के सम्मुख स्वयं को अत्यधिक विनम्र और दीन किया।
‘द्रष्टाओं का इतिहास-ग्रंथ’ में भी मनश्शे का उल्लेख हुआ है: उसकी प्रार्थना; और परमेश्वर ने उसकी विनती, अनुनय-विनय कैसे स्वीकार किया; उसके पाप-कर्म तथा प्रभु के विरुद्ध उसका विश्वासघात; उन जगहों का वर्णन जहाँ मनश्शे ने पहाड़ी शिखर के मन्दिर बनाए थे, जहाँ अशेराह के खम्भे तथा मूर्तियाँ प्रतिष्ठित की थीं। इसी ग्रंथ में लिखा है कि उसने प्रभु के सम्मुख स्वयं को विनम्र किया था।
यद्यपि उसके पिता मनश्शे ने प्रभु के सम्मुख स्वयं को विनम्र किया था, किन्तु आमोन ने ऐसा नहीं किया, बल्कि अधिकाधिक दुष्कर्म किये।
तूने हृदय से पश्चात्ताप किया। तूने मेरे सम्मुख, अपने परमेश्वर के सम्मुख, स्वयं को विनम्र बनाया। तूने इस स्थान के विरुद्ध, इसके निवासियों के विरुद्ध मेरी वाणी सुनी और मेरे सम्मुख स्वयं को दीन बनाया। तूने पश्चात्ताप प्रकट करने के लिए अपने वस्त्र फाड़े, और मेरे सम्मुख रोया। सुन, मैं-प्रभु यह कहता हूँ : मैंने तेरी प्रार्थना सुनी।
यद्यपि प्रभु, तू उच्चासन पर विराजमान है, तो भी तू नम्र मनुष्य पर दृष्टि करता है; पर तू दूर से ही अहंकारियों को पहचान लेता है।
प्रभु पीड़ित को स्मरण रखता है। वह उसकी आह नहीं भूलता है। क्योंकि वह हत्या का प्रतिशोध लेने वाला प्रभु है!
अब मुझे ज्ञात हुआ कि प्रभु समस्त देवताओं से महान है, क्योंकि जब मिस्र-निवासियों ने इस्राएलियों के साथ तिरस्कारपूर्ण व्यवहार किया तब उसने उनको मिस्र-निवासियों की अधीनता से मुक्त किया।’
प्रभु की भक्ति करना बुद्धि से शिक्षा प्राप्त करना है; आदर पाने के पूर्व विनम्र बनना आवश्यक है।
मनुष्य अपने विनाश के पूर्व घमण्डी हो जाता है; पर आदर पाने के लिए मनुष्य को पहले विनम्र बनना पड़ता है।
जो मनुष्य नम्र है, और प्रभु की भक्ति करता है, उसको प्रतिफल में मिलता है: धन, सम्मान और दीर्घ जीवन।
जो मनुष्य घमण्ड से भरा है, उसको नीचा देखना पड़ता है, किन्तु विनम्र मनुष्य सम्मान का पात्र बनता है।
दूसरे को तुच्छ समझनेवाले को, प्रभु तुच्छ समझता है। पर जो मनुष्य नम्र और दीन है, उस पर प्रभु कृपा करता है।
सिर उठाकर चलनेवाले मनुष्य का पतन होगा, मनुष्य-जाति का घमण्ड चूर-चूर किया जाएगा। उस दिन केवल प्रभु ही उच्च स्थान पर विराजमान होगा।
‘केवल कुछ पल के लिए मैंने तुझे त्याग दिया था; पर अब मैं तुझ पर अपार दया कर तुझे एकत्र करूंगा।
सर्वोच्च और महान परमेश्वर, जिसका नाम पवित्र है, जो अनन्तकाल तक जीवित है, यह कहता है : ‘मैं उच्च और पवित्र स्थान में निवास करता हूं, पर मैं उसके साथ भी विद्यमान रहता हूं जिसकी आत्मा विदीर्ण और विनम्र है। मैं उस विनम्र व्यक्ति की आत्मा को संजीव करता हूं, और उसके विदीर्ण हृदय को पुनर्जीवित।
“अब मैं, नबूकदनेस्सर, स्वर्ग के राजा की स्तुति और महिमा करता हूं, उसके गुणों का गान करता हूं; क्योंकि उसके सब कार्य सच्चे, और प्रत्येक व्यवहार न्यायपूर्ण है। ‘जो मनुष्य घमण्ड से सिर ऊंचा करके चलता है, उसको वह नीचा कर सकता है।’
क्योंकि जिसके पास है, उसी को और दिया जाएगा और उसके पास बहुत हो जाएगा। लेकिन जिसके पास नहीं है, उससे वह भी ले लिया जाएगा, जो उसके पास है।
क्योंकि जो अपने-आपको ऊंचा करेगा, वह नीचा किया जाएगा, और जो अपने-आप को नीचा करेगा, वह ऊंचा किया जाएगा।
क्योंकि जो अपने आप को बड़ा मानता है, वह छोटा किया जाएगा और जो अपने आप को छोटा मानता है, वह बड़ा किया जाएगा।”
येशु ने कहा, “मैं तुम से कहता हूँ, वह पहला नहीं, बल्कि यह मनुष्य पापमुक्त हो कर अपने घर गया। क्योंकि जो कोई अपने आपको ऊंचा करता है, वह नीचा किया जाएगा; परन्तु जो अपने आप को नीचा करता है, वह ऊंचा किया जाएगा।”
और तुम, नवयुवको! धर्मवृद्धों की अधीनता स्वीकार करो। आप सब नम्रतापूर्वक एक दूसरे की सेवा के लिए कमर कस कर तैयार रहें; क्योंकि परमेश्वर घमण्डियों का विरोध करता है, किन्तु वह विनम्र लोगों पर दया करता है।
अब गर्व के बोल मत बोलो। तुम्हारे मुँह से धृष्ट वचन न निकलें; क्योंकि प्रभु सर्वज्ञ परमेश्वर है, वही कर्मों को तौलता है।