37 “अब मैं, नबूकदनेस्सर, स्वर्ग के राजा की स्तुति और महिमा करता हूं, उसके गुणों का गान करता हूं; क्योंकि उसके सब कार्य सच्चे, और प्रत्येक व्यवहार न्यायपूर्ण है। ‘जो मनुष्य घमण्ड से सिर ऊंचा करके चलता है, उसको वह नीचा कर सकता है।’
37 और देखो अब मैं, नबूकदनेस्सर स्वर्ग के राजा की स्तुति करता हूँ तथा उसे आदर और महिमा देता हूँ। वह जो कुछ करता है, ठीक करता है। वह सदा न्यायपूर्ण है। उसमें अहंकारी लोगों को विनम्र बना देने की क्षमता है!
37 अब मैं नबूकदनेस्सर स्वर्ग के राजा को सराहता हूं, और उसकी स्तुति और महिमा करता हूं क्योंकि उसके सब काम सच्चे, और उसके सब व्यवहार न्याय के हैं; और जो लोग घमण्ड से चलते हैं, उन्हें वह नीचा कर सकता है॥
37 अब मैं नबूदकनेस्सर स्वर्ग के राजा को सराहता हूँ; और उसकी स्तुति और महिमा करता हूँ, क्योंकि उसके सब काम सच्चे, और उसके सब व्यवहार न्याय के हैं; और जो लोग घमण्ड से चलते हैं, उन्हें वह नीचा कर सकता है।
37 अब मैं, नबूकदनेज्ज़र स्वर्ग के राजा की स्तुति, महिमा और प्रशंसा करता हूं, क्योंकि वे जो भी करते हैं, सही करते हैं और उनके सब युक्तियां न्याय संगत होती हैं. और जो घमंड से चलते हैं, उन्हें वह नम्र बनाने में समर्थ है.
37 अब मैं नबूकदनेस्सर स्वर्ग के राजा को सराहता हूँ, और उसकी स्तुति और महिमा करता हूँ क्योंकि उसके सब काम सच्चे, और उसके सब व्यवहार न्याय के हैं; और जो लोग घमण्ड से चलते हैं, उन्हें वह नीचा कर सकता है। (व्यव. 32:4)
‘द्रष्टाओं का इतिहास-ग्रंथ’ में भी मनश्शे का उल्लेख हुआ है: उसकी प्रार्थना; और परमेश्वर ने उसकी विनती, अनुनय-विनय कैसे स्वीकार किया; उसके पाप-कर्म तथा प्रभु के विरुद्ध उसका विश्वासघात; उन जगहों का वर्णन जहाँ मनश्शे ने पहाड़ी शिखर के मन्दिर बनाए थे, जहाँ अशेराह के खम्भे तथा मूर्तियाँ प्रतिष्ठित की थीं। इसी ग्रंथ में लिखा है कि उसने प्रभु के सम्मुख स्वयं को विनम्र किया था।
सम्राट क्षयर्ष ने हामान से कहा, ‘जैसा तुमने कहा है तुम शीघ्रता से राजसी पोशाक और घोड़ा लो, और राजभवन के प्रवेश-द्वार पर बैठने वाले यहूदी मोरदकय के साथ ऐसा ही करो। जैसा-जैसा तुमने कहा है, पूर्णत: वैसा ही करना, कुछ भी मत छोड़ना।’
अब मुझे ज्ञात हुआ कि प्रभु समस्त देवताओं से महान है, क्योंकि जब मिस्र-निवासियों ने इस्राएलियों के साथ तिरस्कारपूर्ण व्यवहार किया तब उसने उनको मिस्र-निवासियों की अधीनता से मुक्त किया।’
स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने यह योजना बनाई थी, ताकि वह प्रत्येक अहंकारी का अहंकार मिटा दे, पृथ्वी के समस्त प्रतिष्ठित लोगों की प्रतिष्ठा धूल में मिला दे।
‘सब धनुषधारियों को, धनुष को प्रयोग में लाने वाले सब सैनिकों को बेबीलोन के विरुद्ध एकत्र करो। ओ धनुषधारियो! बेबीलोन को चारों ओर से घेर लो। कोई बच कर भागने न पाए। उसके एक-एक काम का प्रतिफल दो। जैसा उसने तुम्हारे साथ किया था, वैसा ही उसके साथ करो। उसने इस्राएल के पवित्र प्रभु परमेश्वर की अवहेलना की है।
जब तेरी आंखें अहंकार से चढ़ी हुई थीं, जब तेरे कुकर्मों से परदा नहीं हटा था, तब तू अपनी बहिन का नाम भी नहीं लेती थी। लेकिन अब तू भी उसी के समान निन्दा का पात्र बन गई है। एदोम की पुत्रियां तथा उसके पास-पड़ोस की औरतें, पलिश्ती की पुत्रियां तथा उसके पास-पड़ोस की स्त्रियां तेरी निन्दा करतीं और तुझे नीच समझती हैं।
मैं तेरे सब कुकर्मों को क्षमा कर दूंगा ताकि तू अपने कुकर्मों को स्मरण करे, और उनके लिए लज्जित हो। तब तू अपनी इस लज्जा के कारण अपना मुंह फिर खोलने का साहस नहीं करेगी।’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।
“पवित्र प्रहरी ने यह आदेश दिया था कि तने को जड़ के साथ छोड़ दो। उसका यह अर्थ है : जिस समय आपको अनुभव हो जाएगा कि स्वर्ग में विराजमान परमेश्वर ही मानव-जाति पर राज्य करता है, उस समय ही आपका राज्य आपको प्राप्त हो जाएगा।
परमेश्वर के चिह्न कितने भव्य हैं, उसके अद्भुत कार्य कितने सामर्थ्यपूर्ण हैं! उसका राज्य शाश्वत राज्य है, उसका शासन पीढ़ी से पीढ़ी तक बना रहता है।
“सात वर्ष बीतने के बाद मैं नबूकदनेस्सर ने स्वर्ग की ओर दीनता से आंखें उठाईं, और मेरा विवेक लौट आया। मैंने सर्वोच्च परमेश्वर को धन्य कहा, जो सदा-सर्वदा जीवित है। मैंने इन शब्दों में उसकी महिमा और स्तुति की; “परमेश्वर का राज्य शाश्वत है; उसका शासन पीढ़ी से पीढ़ी बना रहता है।
उस समय येशु ने कहा, “पिता! स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु! मैं तेरी स्तुति करता हूँ; क्योंकि तूने इन सब बातों को ज्ञानियों और बुद्धिमानों से गुप्त रखा; किन्तु बच्चों पर प्रकट किया है।
‘प्रभु चट्टान है। उसका शासन-कार्य सिद्ध है; क्योंकि उसके समस्त मार्ग न्यायपूर्ण हैं। वह सच्चा परमेश्वर है, उसमें पक्षपात नहीं, वह निष्पक्ष न्यायी और निष्कपट है।
परमेश्वर के सेवक मूसा का गीत और मेमने का गीत गाते हुए कह रहे थे : “सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर! तेरे कार्य महान और अपूर्व हैं। राष्ट्रों के राजा! तेरे मार्ग न्यायसंगत और सच्चे हैं।