परमेश्वर ने उससे कहा, ‘तूने अपने लिए दीर्घायु नहीं मांगी। तूने धन-सम्पत्ति नहीं मांगी। तूने अपने शत्रुओं के प्राण नहीं मांगे। वरन् तूने यह मांगा : न्याय करने के लिए विवेक!
याकूब 4:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब आप मांगते भी हैं, तो इसलिए नहीं पाते कि अच्छी तरह प्रार्थना नहीं करते। आप अपनी वासनाओं की तृप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। पवित्र बाइबल और जब माँगते भी हो तो तुम्हारा उद्देश्य अच्छा नहीं होता। क्योंकि तुम उन्हें अपने भोग-विलास में ही उड़ाने को माँगते हो। Hindi Holy Bible तुम मांगते हो और पाते नहीं, इसलिये कि बुरी इच्छा से मांगते हो, ताकि अपने भोग विलास में उड़ा दो। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तुम माँगते हो और पाते नहीं, इसलिये कि बुरी इच्छा से माँगते हो, ताकि अपने भोग–विलास में उड़ा दो। नवीन हिंदी बाइबल तुम माँगते हो पर पाते नहीं, क्योंकि तुम बुरे उद्देश्य से माँगते हो, ताकि तुम उसे अपनी लालसाओं पर उड़ा दो। सरल हिन्दी बाइबल तुम मांगते हो फिर भी तुम्हें प्राप्त नहीं होता क्योंकि मांगने के पीछे तुम्हारा उद्देश्य ही बुरी इच्छा से होता है—कि तुम उसे भोग विलास में उड़ा दो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तुम माँगते हो और पाते नहीं, इसलिए कि बुरी इच्छा से माँगते हो, ताकि अपने भोग-विलास में उड़ा दो। |
परमेश्वर ने उससे कहा, ‘तूने अपने लिए दीर्घायु नहीं मांगी। तूने धन-सम्पत्ति नहीं मांगी। तूने अपने शत्रुओं के प्राण नहीं मांगे। वरन् तूने यह मांगा : न्याय करने के लिए विवेक!
‘वे दुहाई देते हैं, किन्तु परमेश्वर उनको उत्तर नहीं देता; बुरे लोगों के अहंकार के कारण उनकी दुहाई व्यर्थ जाती है।
उन्होंने दुहाई दी, पर उन्हें बचाने वाला कोई नहीं था। उन्होंने प्रभु को पुकारा, पर प्रभु ने उन्हें उत्तर नहीं दिया।
तुम मुझे पुकारोगे, पर मैं तुम्हें उत्तर नहीं दूंगी; तुम मुझे ढूंढ़ने में जमीन-आसमान एक कर दोगे, किन्तु मुझे नहीं पा सकोगे।
मूर्ख का बलि चढ़ाना भी प्रभु पसन्द नहीं करता। किन्तु निष्कपट मनुष्य की प्रार्थना से वह हर्षित होता है।
जो मनुष्य गरीब की दुहाई सुनकर कान बन्द कर लेता है, वह जब स्वयं सहायता के लिए पुकारेगा तब उसकी दुहाई भी नहीं सुनी जाएगी।
दुर्जनों के द्वारा चढ़ाई गई बलि प्रभु की दृष्टि में घृणित वस्तु है; तब बुरे उद्देश्य से चढ़ाई गई बलि कितनी घृणित होगी।
अत: मैं-प्रभु यह कहता हूं: मैं उन पर ऐसी विपत्ति डालूंगा कि वे उस से बच कर भाग नहीं सकेंगे। वे मेरी दुहाई देंगे, पर मैं उनकी प्रार्थना नहीं सुनूंगा।
‘इसलिए, यिर्मयाह, तू इन लोगों के लिए प्रार्थना मत कर। इन की ओर से न विनती कर, और न गिड़गिड़ा कर प्रार्थना कर; क्योंकि जब वे अपने संकट-काल में मेरे नाम की दुहाई देंगे, तब भी मैं उसको नहीं सुनूंगा।
यद्यपि ये उपवास करते हैं, तो भी मैं इनकी दुहाई नहीं सुनूंगा। यद्यपि ये मुझे अग्नि-बलि और अन्न-बलि चढ़ाते हैं, तो भी मैं इन लोगों को स्वीकार नहीं करूंगा। मैं इन लोगों को तलवार से मौत के घाट उतार दूंगा, इनको अकाल और महामारी से मिटा दूंगा।’
संकट के समय, तुम प्रभु की दुहाई दोगे, पर वह तुम्हारी दुहाई का उत्तर नहीं देगा। उस समय वह तुमसे अपना मुंह छिपाएगा क्योंकि तुमने दुष्कर्म किए हैं।
स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है, “जब मैंने उन्हें पुकारा, तब उन्होंने मेरी आवाज नहीं सुनी। अत: मैंने भी उनकी पुकार नहीं सुनी, जब उन्होंने मुझे पुकारा।
येशु ने उसके पुत्रों से कहा, “तुम नहीं जानते कि तुम क्या माँग रहे हो। जो प्याला मैं पीने वाला हूँ, क्या तुम उसे पी सकते हो?” उन्होंने उत्तर दिया, “हाँ, हम पी सकते हैं।”
येशु ने उन से कहा, “तुम नहीं जानते कि तुम क्या माँग रहे हो। जो प्याला मुझे पीना है, क्या तुम उसे पी सकते हो और जो बपतिस्मा मुझे लेना है, क्या तुम उसे ले सकते हो?”
क्योंकि जो माँगता है, उसे मिलता है; जो ढूँढ़ता है, वह पाता है और जो खटखटाता है, उसके लिए द्वार खोला जाता है।
थोड़े ही दिनों बाद छोटा पुत्र अपनी समस्त सम्पत्ति एकत्र कर किसी दूर देश को चला गया और वहाँ उसने भोग-विलास में अपनी सम्पत्ति उड़ा दी।
पर जैसे ही आपका यह पुत्र आया, जिसने वेश्याओं के पीछे आपकी सम्पत्ति उड़ा दी है, आपने उसके लिए मोटा पशु काट डाला!’
आप लोगों में द्वेष और लड़ाई-झगड़ा कहां से आता है? क्या इसका कारण यह नहीं है कि आपकी वासनाएँ आप के अन्दर लड़ाई करती हैं?
हम उस से जो कुछ माँगेंगे, वह हमें वही प्रदान करेगा; क्योंकि हम उसकी आज्ञाओं का पालन करते हैं और वही करते हैं, जो उसे अच्छा लगता है।
हमें परमेश्वर पर यह पूर्ण भरोसा है कि यदि हम उसकी इच्छानुसार उस से कुछ भी माँगते हैं, तो वह हमारी सुनता है।