मेरा प्रियतम मृग की तरह है, वह तरुण हरिण है। देखो, वह हमारी दीवार के पीछे खड़ा है, वह खिड़कियों की ओर ताक रहा है, वह झंझरी से झांक रहा है।
यहेजकेल 42:20 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इस प्रकार उसने चारों ओर की सीमाएं नापीं। उसके चारों ओर एक वर्गाकार दीवार थी। यह दीवार पवित्र स्थान को जन-साधारण के क्षेत्र से अलग करती थी। उसकी लम्बाई अढ़ाई सौ मीटर और चौड़ाई अढ़ाई सौ मीटर थी। पवित्र बाइबल उसने मन्दिर को चारों ओर से नापा। दीवार मन्दिर के चारों ओर गई थी। दीवार पाँच सौ हाथ लम्बी और पाँच सौ हाथ चौड़ी थी। यह पवित्र क्षेत्र को अपवित्र क्षेत्र से अलग करती थी। Hindi Holy Bible उसने उस स्थान की चारों अलंगें मापीं, और उसकी चारों ओर एक भीत थी, वह पांच सौ बांस लम्बी और पांच सौ बांस चौड़ी थी, और इसलिये बनी थी कि पवित्र और सर्वसाधारण को अलग अलग करे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसने उस स्थान की चारों सीमाएँ मापीं, और उसके चारों ओर एक दीवार थी, वह पाँच सौ बाँस लम्बी और पाँच सौ बाँस चौड़ी थी, और इसलिये बनी थी कि पवित्र और सर्वसाधारण को अलग अलग करे। सरल हिन्दी बाइबल इस प्रकार उसने चारों तरफ के भागों को नापा. इसके चारों ओर एक दीवार थी, जिसकी लंबाई लगभग दो सौ पैंसठ मीटर और चौड़ाई भी लगभग दो सौ पैंसठ मीटर थी; यह दीवार पवित्र स्थान को सामान्य स्थान से अलग करती थी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसने उस स्थान की चारों सीमाएँ मापी, और उसके चारों ओर एक दीवार थी, वह पाँच सौ बाँस लम्बी और पाँच सौ बाँस चौड़ी थी, और इसलिए बनी थी कि पवित्र और सर्वसाधारण को अलग-अलग करे। |
मेरा प्रियतम मृग की तरह है, वह तरुण हरिण है। देखो, वह हमारी दीवार के पीछे खड़ा है, वह खिड़कियों की ओर ताक रहा है, वह झंझरी से झांक रहा है।
हे प्रभु, तू ही मेरा परमेश्वर है; मैं तुझे सराहूंगा, मैं तेरे नाम का गुणगान करूंगा। तूने अद्भुत कार्य किए हैं, तूने अपनी योजनाएं पूर्ण की हैं, जो आरम्भ से बनी थीं, जो विश्वस्त और निश्चयपूर्ण थीं।
उस दिन यहूदा प्रदेश के निवासी यह गीत गाएंगे : “यरूशलेम हमारा सुदृढ़ नगर है; प्रभु ने हमें बचाने के लिए नगर में दीवारें और परकोटे बनाए हैं।
तेरे देश में हिंसा की घटना फिर कभी नहीं सुनी जाएगी; और न तेरी सीमाओं के भीतर विध्वन्स और विनाश होगा। तू अपने शहरपनाह का नाम “उद्धार” और प्रवेश-द्वार का नाम “स्तुति” रखेगी।
ओ यरूशलेम, तेरे पुरोहित मेरे नियम-विधियों का उल्लंघन करते हैं। उन्होंने मेरी पवित्र वस्तुओं को अपवित्र किया है। वे मुझ-प्रभु को अर्पित पवित्र वस्तु, और जन-साधारण की वस्तु में कोई भेद नहीं करते। उन्होंने लोगों को यह भी नहीं सिखाया कि कौन-सी वस्तु मेरी दृष्टि में शुद्ध है, और कौन-सी अशुद्ध। उन्होंने मेरे पवित्र विश्राम-दिवस की उपेक्षा की है जिसके कारण मैं अपवित्र समझा गया हूँ।
मैंने यह देखा : मन्दिर की सीमा के चारों ओर एक दीवार है। जो नापने का बांस उस आदमी के हाथ में है, वह छ: हाथ, अर्थात् लगभग तीन मीटर लम्बा है। अत: उसने दीवार की मोटाई और ऊंचाई नापी। मोटाई तीन मीटर और ऊंचाई तीन मीटर निकली।
वह फिर मुड़ा। उसने पश्चिम की सीमा को नापा। वह भी नापने के बांस के अनुसार अढ़ाई सौ मीटर निकली।
मन्दिर का धर्म-नियम यह है: पहाड़ के शिखर के चारों ओर का सम्पूर्ण भूमि-क्षेत्र परम पवित्र माना जाएगा। ओ मानव, देख, मेरे भवन का यही धर्म-नियम है।
‘वे मेरे निज लोगों को सिखाएंगे कि कौन-सी वस्तु मेरी दृष्टि में पवित्र है, और कौन-सी वस्तु अपवित्र। वे उनको शुद्ध और अशुद्ध वस्तुओं का अन्तर बताएंगे।
इसमें अढ़ाई सौ मीटर का एक वर्गाकार भाग पवित्र-स्थान के लिए होगा। उसके चारों ओर पच्चीस मीटर चौड़ा एक खुला स्थान होगा।
‘शेष अढ़ाई किलोमीटर चौड़ी और साढ़े बारह किलोमीटर लम्बी भूमि नगर, बस्ती और चरागाह के सामान्य प्रयोग के लिए सुरक्षित होगी। नगर उसके बीच में होगा।
इस प्रकार जो भूमिक्षेत्र तुम विशेष भाग के रूप में अलग करोगे, वह साढ़े बारह किलोमीटर वर्गाकार होगा। इस भूमिक्षेत्र में पवित्र-स्थान की भूमि और नगर का क्षेत्र, दोनों सम्मिलित हैं।
प्रभु यह कहता है : मैं ही उसके चारों ओर अग्नि की दीवार बनूंगा, मैं ही उसके भीतर महिमा होऊंगा।” ’
इसके अतिरिक्त हमारे और तुम्हारे बीच एक गहरी खाई अवस्थित है; इसलिए यदि कोई तुम्हारे पास जाना भी चाहे, तो वह नहीं जा सकता और कोई भी वहाँ से इस पार हमारे पास नहीं आ सकता।’
इसलिए दूसरों के बीच में से निकल कर अलग हो जाओ— यह प्रभु का कहना है। और किसी अपवित्र वस्तु का स्पर्श मत करो, तब मैं तुम्हें अपनाऊंगा।