15 “भूमि का एक क्षेत्र पाँच हजार हाथ चौड़ा और पच्चीस हजार हाथ लम्बा होगा जो याजकों और लेवीवंशियों को दी गई भूमि से अतिरिक्त होगा। यह भूमि नगर, पशुओं की चरागाह और घर बनाने के लिये हो सकती है। साधारण लोग इसका उपयोग कर सकते हैं। नगर इसके बीच में होगा।
15 “बचा हुआ लगभग ढाई किलोमीटर चौड़ा और लगभग तेरह किलोमीटर लंबा क्षेत्र शहर के साधारण उपयोग के लिये होगा, जिसमें घर और चरागाह होंगे. शहर इसके बीच में होगा
ओ यरूशलेम, तेरे पुरोहित मेरे नियम-विधियों का उल्लंघन करते हैं। उन्होंने मेरी पवित्र वस्तुओं को अपवित्र किया है। वे मुझ-प्रभु को अर्पित पवित्र वस्तु, और जन-साधारण की वस्तु में कोई भेद नहीं करते। उन्होंने लोगों को यह भी नहीं सिखाया कि कौन-सी वस्तु मेरी दृष्टि में शुद्ध है, और कौन-सी अशुद्ध। उन्होंने मेरे पवित्र विश्राम-दिवस की उपेक्षा की है जिसके कारण मैं अपवित्र समझा गया हूँ।
इस प्रकार उसने चारों ओर की सीमाएं नापीं। उसके चारों ओर एक वर्गाकार दीवार थी। यह दीवार पवित्र स्थान को जन-साधारण के क्षेत्र से अलग करती थी। उसकी लम्बाई अढ़ाई सौ मीटर और चौड़ाई अढ़ाई सौ मीटर थी।
‘वे मेरे निज लोगों को सिखाएंगे कि कौन-सी वस्तु मेरी दृष्टि में पवित्र है, और कौन-सी वस्तु अपवित्र। वे उनको शुद्ध और अशुद्ध वस्तुओं का अन्तर बताएंगे।
‘इस निर्धारित पवित्र भाग के समीप एक भूमि-क्षेत्र सुरक्षित कर देना। यह नगर बसाने के लिए होगा। यह अढ़ाई किलोमीटर चौड़ा और साढ़े बारह किलोमीटर लम्बा होगा। इस भूमि-क्षेत्र पर समस्त इस्राएल के वंश का अधिकार होगा।
यदि मेरे आने में देर हो जाये, तो तुम्हें इस बात की जानकारी रहे कि परमेश्वर के परिवार में लोगों का आचरण कैसा होना चाहिए। परमेश्वर का परिवार जीवन्त परमेश्वर की कलीसिया है; वह सत्य का स्तम्भ और मूलाधार है।