23 ‘वे मेरे निज लोगों को सिखाएंगे कि कौन-सी वस्तु मेरी दृष्टि में पवित्र है, और कौन-सी वस्तु अपवित्र। वे उनको शुद्ध और अशुद्ध वस्तुओं का अन्तर बताएंगे।
23 “याजक मेरे लोगों को, पवित्र चीजों और जो चीजें पवित्र नहीं है, के बीच अन्तर के विषय में भी शिक्षा देंगे। वे मेरे लोगों को, जो शुद्ध और जो शुद्ध नहीं है, की जानकारी करने में सहायता देंगे।
अत: प्रभु ने मुझसे यों कहा: ‘ओ यिर्मयाह, यदि तू पश्चात्ताप करे और मेरे पास लौटे तो मैं तुझे पुन: स्वीकार करूंगा; तुझे फिर अपनी सेवा में लूंगा। यदि तू केवल मेरे अनमोल वचन बोलेगा, और निरर्थक वचन नहीं कहेगा, तो तू निस्सन्देह मेरा मुंह कहलाएगा! तब लोग तेरी ओर लौटेंगे, और तुझे उनके पास लौटना न पड़ेगा।
ओ यरूशलेम, तेरे पुरोहित मेरे नियम-विधियों का उल्लंघन करते हैं। उन्होंने मेरी पवित्र वस्तुओं को अपवित्र किया है। वे मुझ-प्रभु को अर्पित पवित्र वस्तु, और जन-साधारण की वस्तु में कोई भेद नहीं करते। उन्होंने लोगों को यह भी नहीं सिखाया कि कौन-सी वस्तु मेरी दृष्टि में शुद्ध है, और कौन-सी अशुद्ध। उन्होंने मेरे पवित्र विश्राम-दिवस की उपेक्षा की है जिसके कारण मैं अपवित्र समझा गया हूँ।
इस प्रकार उसने चारों ओर की सीमाएं नापीं। उसके चारों ओर एक वर्गाकार दीवार थी। यह दीवार पवित्र स्थान को जन-साधारण के क्षेत्र से अलग करती थी। उसकी लम्बाई अढ़ाई सौ मीटर और चौड़ाई अढ़ाई सौ मीटर थी।
मेरे निज लोग ईश्वरीय ज्ञान के अभाव में नष्ट हो गए। तूने मेरा ज्ञान प्राप्त करना स्वीकार नहीं किया, इसलिए मैं भी तुझे पुरोहित-पद पर स्वीकार नहीं करूंगा। तू मुझ-परमेश्वर की व्यवस्था भूल गया, अत: मैं भी तेरे पुरोहित-वंश को भूल जाऊंगा।
वह याकूब को तेरे न्याय-सिद्धान्त, और इस्राएल को तेरी व्यवस्था सिखाएगा। वह तेरे सम्मुख धूप-द्रव्य जलाएगा, और तेरी वेदी पर सम्पूर्ण अग्नि-बलि रखेगा।