सुलेमान ने भवन की सब दीवारों पर, पवित्र अन्तर्गृह और मध्यभाग की दीवारों पर करूबों, खजूर के वृक्षों और खिले हुए फूलों की आकृतियां खोदकर बनाईं।
यहेजकेल 40:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) फाटक में चारों ओर खिड़कियां थीं, जो भीतर की ओर बाजू के कोठरियों के खम्भों तक संकरी होती चली गई थीं। इसी प्रकार ओसारे में भी भीतर की ओर चारों तरफ खिड़कियां थीं। खम्भों पर खजूर के वृक्ष खुदे थे। पवित्र बाइबल रक्षकों के कमरों में चारों ओर छोटी खिड़कियाँ थी। छोटे कमरों में द्वार—स्तम्भों की ओर भीतर को खिड़कियाँ अधिक पतली हो गई थीं। प्रवेश कक्ष में भी भीतर के चारों ओर खिड़कियाँ थीं। हर एक द्वार स्तम्भ पर खजूर के वृक्ष खुदे थे। Hindi Holy Bible और पहरे वाली कोठरियों में, और फाटक के भीतर चारों ओर कोठरियों के बीच के खम्भे के बीच बीच में झिलमिलीदार खिड़कियां थी, और खम्भों के ओसारे में भी वैसी ही थी; और फाटक के भीतर के चारों ओर खिड़कियां थीं; और हर एक खम्भे पर खजूर के पेड़ खुदे हुए थे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) पहरेवाली कोठरियों में, और फाटक के भीतर चारों ओर कोठरियों के बीच के खम्भे के बीच बीच में झिलमिलीदार खिड़कियाँ थीं, और खम्भों के ओसारे में भी वैसी ही थीं; और फाटक के भीतर के चारों ओर खिड़कियाँ थीं, और हर एक खम्भे पर खजूर के पेड़ खुदे हुए थे। सरल हिन्दी बाइबल पहरेवाली कोठरियों और द्वार के भीतर चारों ओर दीवारों पर संकरी खिड़कियां थी, उसी प्रकार मंडप भी था. ये खिड़कियां भीतर की ओर खुलती थी. दीवारों पर खजूर के पेड़ों की आकृति बनाकर सजाया गया था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 पहरेवाली कोठरियों में, और फाटक के भीतर चारों ओर कोठरियों के बीच के खम्भे के बीच-बीच में झिलमिलीदार खिड़कियाँ थी, और खम्भों के ओसारे में भी वैसी ही थी; और फाटक के भीतर के चारों ओर खिड़कियाँ थीं; और हर एक खम्भे पर खजूर के पेड़ खुदे हुए थे। |
सुलेमान ने भवन की सब दीवारों पर, पवित्र अन्तर्गृह और मध्यभाग की दीवारों पर करूबों, खजूर के वृक्षों और खिले हुए फूलों की आकृतियां खोदकर बनाईं।
किवाड़ जंगली जैतून वृक्ष की लकड़ी के थे। उसने उनपर करूबों, खजूर के वृक्षों और खिले हुए फूलों की आकृतियां खोदकर बनाईं, और उनको सोने से मढ़ा, उसने करूबों और खजूर के वृक्षों पर सोने की परत मढ़ दी।
उसने किवाड़ों पर करूबों, खजूर के वृक्षों और खिले हुए फूलों की आकृतियां खोदकर बनाईं। उसने किवाड़ों पर सोना मढ़ा तथा खोदा गई आकृतियों पर सोने की परत मढ़ दी।
मध्य-भाग की छत को उसने सनोवर की लकड़ी से पाट दिया और उसके पश्चात् उसने इस सनोवर की लकड़ी पर शुद्ध सोना मढ़ा, और उस पर खजूर-वृक्षों और जंजीरों-झालरों के चित्र अंकित किए।
धार्मिक व्यक्ति खजूर वृक्ष के समान फलते-फूलते हैं; वे लबानोन प्रदेश के देवदार-जैसे बढ़ते हैं।
दोनों ओर की कोठरियों के सामने एक चबूतरा था। वह दोनों ओर से आधा-आधा मीटर ऊंचा था। कोठरियां दोनों ओर तीन-तीन मीटर लम्बी थीं।
फाटक के बाहरी द्वार के सामने से उसके भीतरी ओसारे के अन्त तक की लम्बाई पच्चीस मीटर थी।
जैसी खिड़कियां दूसरे फाटकों में थीं, वैसे ही इस दक्षिणी फाटक और उसके ओसारे में भी चारों तरफ थीं। उसकी लम्बाई पच्चीस मीटर और चौड़ाई साढ़े बारह मीटर थी।
दक्षिणी फाटक पर जाने के लिए सात सीढ़ियां थी। उसका ओसारा भीतर की ओर था। फाटक के दोनों ओर, प्रत्येक खम्भे पर खजूर के वृक्ष खुदे थे।
उसकी पहरेदारों की कोठरियों, खम्भों और ओसारे की नाप अन्य फाटकों की कोठरियों, खम्भों और ओसारे की नाप के बराबर थी। दक्षिणी फाटक पर चारों ओर खिड़कियां थीं। उसके ओसारे में भी खिड़कियां थीं। फाटक की लम्बाई पच्चीस मीटर और चौड़ाई साढ़े बारह मीटर थी।
उसके ओसारे का मुंह मन्दिर के बाहरी आंगन के सामने था। उसके खम्भों पर भी खजूर के वृक्षों की आकृति खुदी थी। फाटक पर चढ़ने के लिए आठ सीढ़ियां थीं।
उसकी पहरेदारों की कोठरियों, खम्भों और ओसारे की नाप अन्य फाटकों की कोठरियों, खम्भों और ओसारे की नाप के तुल्य थी। इस फाटक तथा उसके ओसारे के चारों ओर खिड़कियां थीं। उसकी लम्बाई पच्चीस मीटर और चौड़ाई साढ़े बारह मीटर थी।
उसके ओसारे का मुंह मन्दिर के बाहरी आंगन के सामने था। उसके दोनों खम्भों पर भी खजूर के वृक्षों की आकृति खुदी थी। फाटक पर चढ़ने के लिए आठ सीढ़ियां थीं।
उसकी पहरेदारों की कोठरियों, खम्भों और ओसारे की नाप अन्य फाटकों की कोठरियों, खम्भों और ओसारे की नाप के बराबर थी। इस फाटक के चारों ओर खिड़कियां थीं। उसकी लम्बाई पच्चीस मीटर और चौड़ाई साढ़े बारह मीटर थी।
उसके ओसारे का मुंह मन्दिर के बाहरी आंगन के सामने था। उसके दोनों खम्भों पर भी खजूर के वृक्षों की आकृति खुदी थी। फाटक पर चढ़ने के लिए आठ सीढ़ियां थीं।
उसने बाजू की पहरेदारों की कोठरियां नापीं। प्रत्येक कोठरी तीन मीटर लम्बी और तीन मीटर चौड़ी थी। बाजू की कोठरियों के मध्य में अढ़ाई मीटर की दूरी थी। उसने फाटक की दूसरी ड्योढ़ी नापी। यह ड्योढ़ी फाटक के ओसारे के पास, भवन के भीतर की ओर थी। उसकी लम्बाई तीन मीटर थी।
करूबों और खजूर के वृक्षों के चित्र खुदे थे : एक करूब की आकृति और उसके बाद खजूर के वृक्ष की आकृति; यों दो करूबों के मध्य खजूर के वृक्ष की आकृति अंकित थी। प्रत्येक करूब के दो मुख थे :
जैसे दीवारों पर करूबों और खजूर के वृक्षों के चित्र खुदे थे, वैसे ही मध्यभाग के किवाड़ों पर भी अंकित थे। सामने की ड्योढ़ी में लकड़ी के छज्जे थे, जो बाहर की ओर निकले हुए थे।
ड्योढ़ी के दोनों ओर की दीवारों पर भी खजूर के वृक्षों के चित्र अंकित थे। ड्योढ़ी के दोनों ओर खिड़कियां थीं, जो क्रमश: नीचे की ओर संकरी होती गई थीं।
तब वह अन्तर्गृह में गया, और उसके प्रवेश-द्वार के खम्भों को नापा। प्रत्येक खम्भा एक मीटर मोटा था। प्रवेश-द्वार की चौड़ाई तीन मीटर थी। दोनों ओर की दीवारें साढ़े तीन मीटर की थीं।
मन्दिर के आसपास दस मीटर चौड़े आंगन के सामने तथा बाहरी आंगन के फर्श के सामने तीन मंजिलों के छज्जे थे।
यरूशलेम में भेड़-फाटक के पास एक कुण्ड है, जो इब्रानी भाषा में बेतजैता कहलाता है। उसके पाँच मण्डप हैं।
अभी तो हमें दर्पण में धुँधला-सा दिखाई देता है, परन्तु तब हम आमने-सामने देखेंगे। अभी तो मेरा ज्ञान अपूर्ण है; परन्तु तब मैं उसी तरह पूर्ण रूप से जान जाऊंगा, जिस तरह परमेश्वर मुझे जान गया है।
इसके बाद मैंने सभी राष्ट्रों, कुलों, प्रजातियों और भाषाओं का एक ऐसा विशाल जनसमूह देखा, जिसकी गिनती कोई भी नहीं कर सकता था। वे उजले वस्त्र पहने तथा हाथ में खजूर की डालियाँ लिये सिंहासन तथा मेमने के सामने खड़े थे