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यहेजकेल 40:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

17 तत्‍पश्‍चात् वह मुझे बाहरी आंगन में ले गया। वहां मैंने यह देखा: आंगन के चारों ओर कमरे और एक फर्श है। फर्श पर तीस कमरे बने हुए हैं।

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पवित्र बाइबल

17 तब वह व्यक्ति मुझे बाहरी आँगन में लाया। मैंने कमरे और पक्के रास्ते को देखा। वे आँगन के चारों ओर थे। पक्के रास्ते पर सामने तीस कमरे थे।

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Hindi Holy Bible

17 तब वह मुझे बाहरी आंगन में ले गया; और उस आंगन के चारों ओर कोठरियां थीं; और एक फर्श बना हुआ था; जिस पर तीस कोठरियां बनी थीं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

17 तब वह मुझे बाहरी आँगन में ले गया, और उस आँगन के चारों ओर कोठरियाँ थीं; और एक फर्श बना हुआ था, जिस पर तीस कोठरियाँ बनी थीं।

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सरल हिन्दी बाइबल

17 तब वह मुझे बाहर के आंगन में ले आया. वहां मैंने कुछ कमरे और ईंट से बना एक पैदल मार्ग देखा, जो आंगन के चारों तरफ बना हुआ था; पैदल मार्ग के साथ तीस कमरे थे.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

17 तब वह मुझे बाहरी आँगन में ले गया; और उस आँगन के चारों ओर कोठरियाँ थीं; और एक फर्श बना हुआ था; जिस पर तीस कोठरियाँ बनी थीं।

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यहेजकेल 40:17
22 क्रॉस रेफरेंस  

उसने मध्‍यभाग और पवित्र अन्‍तर्गृह के चारों ओर, भवन की दीवार पर छत बनाई। उसने चारों ओर तोरण-पथ बनाए।


यहूदा प्रदेश के राजाओं ने प्रभु-भवन के प्रवेश-द्वार पर − अर्थात् राज-भवन के भण्‍डारी खोजा नतन-मेलेक के कमरे के समीप, जो ग्रीष्‍म-भवन कहलाता था − सूर्य देवता के लिए अश्‍व-मूर्तियां प्रतिष्‍ठित की थीं। राजा योशियाह ने उनको हटा दिया और सूर्य देवता के रथों को आग में भस्‍म कर दिया।


‘अब ये मन्‍दिर में प्रभु की आराधना के लिए हारून के वंशजों−पुरोहितों−की सहायता करेंगे। ये भवन के आंगनों और कक्षों का दायित्‍व संभालेंगे। पवित्र पात्रों को धोएंगे। वस्‍तुत: ये परमेश्‍वर के भवन के सब सेवा-कार्य करेंगे।


चार मुख्‍य द्वारपाल लेवीय उप-पुरोहित थे। वे परमेश्‍वर के भवन के भण्‍डार-गृहों और कक्षों पर पहरा देते थे।


अत: राजा हिजकियाह ने आदेश दिया कि प्रभु के भवन में भण्‍डारगृह बनाए जाएं। सेवकों ने भण्‍डारगृह तैयार कर दिये।


‘तू निवास-स्‍थान का आंगन बनाना। आंगन के दक्षिणी भाग के परदे पतले बुने हुए सूती वस्‍त्र के होंगे। वे एक ओर पैंतालीस मीटर लम्‍बे होंगे।


बाहरी आंगन तक करूबों के पंखों की फड़फड़ाहट सुनाई देने लगी। जैसी आवाज सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर के बोलने पर होती है, वैसी ही करूबों के पंखों की फड़ाफड़ाहट थी।


यह निचला फर्श था, और फाटकों से सटा था। फर्श की लम्‍बाई और फाटकों की लम्‍बाई समान थी।


वहां एक कक्ष था। उसका दरवाजा फाटक के ओसारे से लगा हुआ था। इस कक्ष में अग्‍नि-बलि में चढ़ाए जाने वाले पशु को धोया जाता था।


इसके पश्‍चात् वह मुझे बाहर से भीतरी आंगन में ले गया। वहाँ मैंने दो कमरे देखे। एक कमरा उत्तरी फाटक के दक्षिण में था, और दूसरा कमरा दक्षिणी फाटक के उत्तर में था।


उसने मुझसे कहा, ‘यह कमरा, जिसका द्वार दक्षिण दिशा में है, उन पुरोहितों के लिए है जो मन्‍दिर का दायित्‍व सम्‍भालते हैं।


दूसरा कमरा, जिसका द्वार उत्तर दिशा में खुलता है, उन पुरोहितों के लिए है, जो वेदी का दायित्‍व सम्‍भालते हैं। ये सादोक-वंशी पुरोहित हैं। ये लेवी कुल में से चुने गए पुरोहित हैं, और केवल ये पुरोहित ही प्रभु की सेवा करने के लिए उसके निकट आ सकते हैं।’


मन्‍दिर के आसपास एक आंगन था। उसमें पुरोहितों के कक्ष थे। मन्‍दिर के चबूतरे और आंगन के कक्षों के बीच की दूरी दस मीटर थी।


ये कमरे तीन मंजिलों पर थे : पहली के ऊपर दूसरी और दूसरी के ऊपर तीसरी मंजिल। प्रत्‍येक मंजिल में तीस कमरे थे। इन कमरों को सहारा देने के लिए मन्‍दिर की दीवार के चारों ओर मोड़ थे, और उन्‍हीं में कमरों की कड़ियां डाली गई थीं, और उनका भार मन्‍दिर की दीवार पर नहीं पड़ता था।


फिर वह मुझे भीतरी आंगन में, उत्तर की ओर ले गया। मन्‍दिर के आसपास के आंगन और पश्‍चिमी भवन के सामने, उत्तर की ओर कमरे बने हुए थे। वह मुझे इन कमरों में ले गया।


यहीं, बाहरी आंगन से, दीवार शुरू होती थी। मन्‍दिर के आसपास के आंगन और पश्‍चिमी भवन के सामने, दक्षिण की ओर भी कमरे थे।


मन्‍दिर के आसपास दस मीटर चौड़े आंगन के सामने तथा बाहरी आंगन के फर्श के सामने तीन मंजिलों के छज्‍जे थे।


उन कमरों के सामने एक मार्ग था, जो भीतर की ओर गया था। वह पांच मीटर चौड़ा और पचास मीटर लम्‍बा था। कमरों के द्वार उत्तर की ओर थे।


फिर वह मुझे पवित्र स्‍थान से बाहर, पूर्वमुखी फाटक पर वापस ले गया। वह बन्‍द था।


‘एक और भाग मन्‍दिर के अन्‍य सेवा-कार्य करनेवाले लेवीय सेवकों के लिए सुरक्षित रहेगा। यहाँ लेवीय अपने निवास-स्‍थान के लिए “लेवीय नगर” बसाएंगे। यह साढ़े बारह किलोमीटर लम्‍बा, और पांच किलोमीटर चौड़ा भूमि-भाग होगा।


तब वह मुझे बाहरी आंगन में ले गया। वहाँ उसने मुझे आंगन के चारों कोनों में फिराया। आंगन के हर कोने में एक ओट बना था।


किन्‍तु मन्‍दिर का बाहरी प्रांगण छोड़ देना, उसे मत नापना; क्‍योंकि वह अन्‍यधर्मियों के हवाले कर दिया गया है और वे पवित्र नगर को बयालीस महीनों तक रौंदते रहेंगे।


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