‘ओ इस्राएल, पहाड़ी शिखरों पर तेरे शिरोमणि का वध कर दिया गया! योद्धा कैसे धराशायी हो गए?
यहेजकेल 26:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वे तेरे विषय में शोक-गीत रचेंगे, और वे तुझसे यह कहेंगे : ओ विख्यात महानगर! महा सागर के तट से तू लोप हो गया! समुद्र पर तेरा और तेरे निवासियों का एकछत्र अधिकार था। तेरे निवासियों के आतंक से भूमि-तट के निवासी कांप उठते थे। पवित्र बाइबल वे तुम्हारे विषय में यह करुण गीत गायेंगे: “‘हे सोर, तुम प्रसिद्ध नगर थे समुद्र पार से लोग तुम पर बसने आए। तुम प्रसिद्ध थे, किन्तु अब तुम कुछ नहीं हो। तुम सागर पर शक्तिशाली थे, और वैसे ही तुम में निवास करने वाले व्यक्ति थे! तुमने विशाल भू—पर रहने वाले सभी लोगों को भयभीत किया। Hindi Holy Bible और वे तेरे विषय में विलाप का गीत बना कर तुझ से कहेंगे, हाय! मल्लाहों की बसाई हुई हाय! सराही हुई नगरी जो समुद्र के बीच निवासियों समेत सामथीं रही और सब टिकने वालों की डराने वाली नगरी थी, तू कैसी नाश हुई है? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वे तेरे विषय में विलाप का गीत बनाकर तुझ से कहेंगे, ‘हाय! मल्लाहों की बसाई हुई हाय! सराही हुई नगरी जो समुद्र के बीच निवासियों समेत सामर्थी रही और सब टिकनेवालों की डरानेवाली नगरी थी, तू कैसी नाश हुई है? सरल हिन्दी बाइबल तब तुम्हारे विषय में एक विलापगीत लेंगे और तुमसे कहेंगे: “ ‘हे प्रसिद्ध शहर, तुम कैसे नष्ट हो गए, समुद्रतट पर तुममें लोग बसे थे, तुम समुद्र पर एक शक्ति थे, तुम और तुम्हारे निवासी; तुमने उन सब पर अपना आतंक फैलाया जो वहां रहते थे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वे तेरे विषय में विलाप का गीत बनाकर तुझ से कहेंगे, ‘हाय! मल्लाहों की बसाई हुई हाय! सराही हुई नगरी जो समुद्र के बीच निवासियों समेत सामर्थी रही और सब टिकनेवालों की डरानेवाली नगरी थी, तू कैसी नाश हुई है? (प्रका. 18:9, प्रका. 18:10) |
‘ओ इस्राएल, पहाड़ी शिखरों पर तेरे शिरोमणि का वध कर दिया गया! योद्धा कैसे धराशायी हो गए?
‘ओ भोर के चमकते तारे, ओ उषा-पुत्र, आकाश से तू कैसे नीचे गिर गया! अरे, तूने तो राष्ट्रों को धूल-धूसरित किया था। अब तू कैसे स्वयं भूमि की धूल चाट रहा है!
सीदोन, जो समुद्री किला है, निराशा में डूबकर यों कहता है: “ओ समुद्र! अब मुझे गर्भवती स्त्री की पीड़ाएं नहीं होतीं, अब मुझे सन्तान नहीं होगी। मेरे पुत्र नहीं हैं कि मैं उनका लालन-पालन करूं; पुत्रियाँ नहीं हैं कि मैं उनको बड़ा करूं।”
किसने सोर के विरुद्ध यह योजना बनाई थी? सोर, जिसने अनेक राज्यों की स्थापना की, जिसके व्यापारी सामन्त थे, जिसके व्यापारियों का समस्त पृथ्वी पर आदर किया जाता था।
‘मोआब कैसे टूटा पड़ा है! लोग कैसे छाती पीट-पीटकर रो रहे हैं! मोआब अपमान में डूबा हुआ कैसे मुंह छिपा रहा है! मोआब के आस-पास के राष्ट्र उसका मजाक उड़ा रहे हैं, मोआब उनकी दृष्टि में आतंक का कारण बन गया है।’
पृथ्वी को तहस-नहस करने वाला हथौड़ा, अब स्वयं कैसे टूट गया! वह टुकड़े-टुकड़े हो गया। विश्व के राष्ट्रों में बेबीलोन कैसा आतंक का कारण बन गया!
ओ मेरे नगर के निवासियो! पश्चात्ताप प्रकट करने के लिए टाट के वस्त्र पहनो और राख में लोटो! जैसे इकलौती संतान के निधन पर हृदय को चीरनेवाला विलाप होता है, वैसा ही शोर मचाओ! क्योंकि अचानक ही महाविनाशक हम पर टूट पड़नेवाला है।
‘ “ओ इस्राएली कौम, अपने सिर के केश मुँड़ा, और उनको फेंक दे। मुण्डे पहाड़ी शिखरों पर जा, और शोक- गीत गा। क्योंकि प्रभु इस पीढ़ी से नाराज है, उसने इसको पूर्णत: त्याग दिया है!” ’
ओ मातम मनानेवाली स्त्रियो, प्रभु का यह आदेश सुनो; स्वयं प्रभु के मुंह से निकला हुआ वचन ध्यान से सुनो। तुम अपनी पुत्रियों को शोक-गीत, और अपनी पड़ोसिन को विलाप-गीत सिखाना;
जो नगरी लोगों से भरी-पूरी थी, अब वह उजाड़ पड़ी है; वह विधवा के सदृश अकेली हो गई। जो कभी राष्ट्रों में महान थी, जो कभी नगरों में रानी थी, अब वह दासी बन गई, वह दूसरे राज्यों को कर चुकाती है।
किन्तु उसकी मोटी टहनी में से आग निकली, जिसने उसकी शाखाओं और फल को जला दिया। अब अंगूर लता में एक भी मोटी टहनी नहीं रही, जो राजा का राज-दण्ड बन सके! (यह एक शोक गीत है, और समाज में शोकगीत के रूप में प्रचलित है।)
‘यही वह शोक-गीत है, जो फरओ के विनाश पर गाया जाएगा। मिस्र राष्ट्र की कन्याएं इसको गाएंगी। प्रभु-स्वामी कहता है, वे मिस्र देश और उसकी विशाल प्रजा के पतन पर यही शोक-गीत गाएंगी।’
‘ओ मानव, मिस्र के राजा फरओ के सम्बन्ध में एक शोक-गीत गा। तू उससे यह कहना: “ओ फरओ, तू राष्ट्रों में अपने को सिंह समझता था। लेकिन तू तो समुद्र के मगर के समान है! तू नदियों में फूत्कारें मारता है, पैरों से जल को मथकर उनको गंदला करता है।
इनकी कबरें अधोलोक के कोने में हैं। असीरिया की कबर के चारों ओर उसकी सेना है। ये सब तलवार से मारे गए हैं। इनका वध तलवार से हुआ है। ये जीवलोक में आतंक फैलाते थे।
उन्हें उन वीर योद्धाओं के मध्य गौरव का स्थान नहीं मिला, जो अपने अस्त्रों-शस्त्रों के साथ अधोलोक में दफनाए गए थे, जिनके सिर के नीचे उनकी तलवारें दफनाई गई थीं, जिनकी हड्डियों के ऊपर ढालें रखी गई थीं। मेशेक और तूबल के योद्धाओं का आतंक जीवलोक में फैला हुआ था।
पशु कैसे कराह रहे हैं, रेवड़ के पशु विकल हैं, क्योंकि उनके लिए चरागाह नहीं हैं। भेड़-बकरियाँ भी विपत्ति का शिकार हो गईं।
‘यदि चोर तेरे घर में घुसते, या लुटेरे रात में डाका डालते, तो वे इतना ही लूटते जितना उनके लिए काफी होता! यदि अंगूर तोड़नेवाले तेरे पास आते तो वे निस्सन्देह कुछ छोड़ देते।
उस समय तुम्हारे वर्ग का कवि तुम्हारी ओर से निन्दात्मक कहावत कहेगा, वह छाती पीट-पीटकर विलाप करेगा। वह कहेगा, “हम बर्बाद हो गए! प्रभु के लोगों की पैतृक भूमि का अधिकार दूसरों के हाथ में जा रहा है, प्रभु उसको हमारे हाथ से छीन रहा है। हमें बन्दी बनानेवालों के हाथ में वह हमारे खेतों को बांट रहा है।”
यह वैभवपूर्ण नगरी है। इसे अपनी सुरक्षा पर विश्वास था। यह अपने हृदय में सोचती थी: ‘बस मैं ही हूं, मेरे समान कोई अन्य नगरी नहीं है।’ इसका कैसा विनाश हुआ! यह जंगली पशुओं की मांद बन गई। यहां से गुजरनेवाले थू-थू करते हैं, वे हाथों से उपेक्षा जताते हैं।
तत्पश्चात् सीमा-रेखा रामाह की ओर मुड़ कर किलाबुन्द सोर नगर की ओर चली जाती थी। वह वहां से होसाह की ओर मुड़ती थी, और भूमध्यसागर में समाप्त होती थी।