किन्तु मीकायाह ने कहा, ‘जीवन्त प्रभु की सौगन्ध! जो वचन प्रभु मुझसे कहेगा, वही मैं बोलूंगा।’
यहेजकेल 2:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यह पीढ़ी धृष्ट और हठी है। मैं उन लोगों के पास तुझको भेज रहा हूं। तू उनसे यह कहना : “स्वामी-प्रभु यों कहता है।” पवित्र बाइबल मैं तुम्हें उन लोगों से कुछ कहने के लिये भेज रहा हूँ। किन्तु वे बहुत हठी हैं। वे वड़े कठोर चित्त वाले हैं। किन्तु तुम्हें उन लोगों से बातें करनी हैं। तुम्हें कहना चाहिए, “हमारा स्वामी यहोवा ये बातें बताता है।” Hindi Holy Bible इस पीढ़ी के लोग जिनके पास मैं तुझे भेजता हूँ, वे निर्लज्ज और हठीले हैं; पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इस पीढ़ी के लोग जिनके पास मैं तुझे भेजता हूँ, वे निर्लज्ज और हठीले हैं; सरल हिन्दी बाइबल जिन लोगों के पास मैं तुम्हें भेज रहा हूं, वे ढीठ और हठी हैं. तुम उनसे कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है.’ इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इस पीढ़ी के लोग जिनके पास मैं तुझे भेजता हूँ, वे निर्लज्ज और हठीले हैं; |
किन्तु मीकायाह ने कहा, ‘जीवन्त प्रभु की सौगन्ध! जो वचन प्रभु मुझसे कहेगा, वही मैं बोलूंगा।’
तुम्हारे पूर्वज ऐंठी गरदनवाले लोग थे। तुम उनके समान हठीले मत बनो; किन्तु अपने प्रभु परमेश्वर के सम्मुख विनम्र बनो; और उसके पवित्र स्थान में आओ, जिसको उसने सदा-सर्वदा के लिए पवित्र किया है। अपने प्रभु परमेश्वर की आराधना और सेवा करो, ताकि उसकी क्रोधाग्नि तुमसे दूर हो जाए।
राजा नबूकदनेस्सर ने उसको परमेश्वर की शपथ दी थी कि वह उससे विद्रोह नहीं करेगा। तो भी उसने परमेश्वर की शपथ की उपेक्षा की और राजा नबूकदनेस्सर से विद्रोह किया। उसने इस्राएली राष्ट्र के प्रभु परमेश्वर के प्रति अपने हृदय को कठोर बना लिया था। हठ से उसकी गर्दन ऐंठ गई थी, और वह प्रभु से विमुख हो गया था।
तुम अपना हृदय कठोर न करना, जैसा तुम्हारे पूर्वजों ने उस दिन किया था जब वे मरीबा में, निर्जन प्रदेश के मस्सा में थे।
ओ इस्राएल! मैं तुझे जानता था कि तू जिद्दी है, तेरी गर्दन लोहे की तरह कठोर है; तेरा माथा पीतल का बना है।
किन्तु प्रभु ने कहा, ‘मत कह कि तू किशोर है! मैं जिस-जिस व्यक्ति के पास तुझको भेजूंगा, तू उसके पास जाएगा, और जो मैं तुझे बोलने के लिए कहूंगा, वही तू बोलेगा।
अत: मैंने वर्षा रोक दी, वसंत ऋतु में होनेवाली वर्षा इस वर्ष नहीं हुई। फिर भी तुझे पाप की ग्लानि नहीं हुई। तेरी आंखों में व्यभिचार झलकता रहा!
राजा ने चर्मपत्र लाने के लिए येहूदी को भेजा। सचिव एलीशामा के कमरे में येहूदी गया, और चर्मपत्र ले आया। उसने राजा को, तथा उस के पास खड़े उच्चाधिकारियों को चर्मपत्र पढ़ कर सुनाया।
‘हे प्रभु, क्या तू सच्चाई को नहीं देखता? देख, तूने उनको मारा, किन्तु उन्हें पीड़ा का अनुभव ही नहीं हुआ! तूने उनका संहार किया, फिर भी उन्होंने इससे पाठ नहीं सीखा! उन्होंने अपना हृदय चट्टान से अधिक कठोर बना लिया, उन्होंने पश्चात्ताप करने से इन्कार कर दिया।’
जब वे घृणित कार्य करते हैं, तब क्या वे लज्जित होते हैं? नहीं, उनकी आंखों में शर्म-लज्जा का पानी मर गया है। दुष्कर्म करते समय पश्चात्ताप की भावना उनमें उभरती ही नहीं। इसलिए विनाश होनेवालों के साथ वे भी नष्ट होंगे। जब मैं यरूशलेम के निवासियों को दण्ड दूंगा, तब नबी और पुरोहित भी ठोकर खाकर गिर जाएंगे।’ प्रभु की यह वाणी है।
जब वे घृणित कार्य करते हैं, तब क्या वे लज्जित होते हैं? नहीं, उनकी आंखों में शर्म-लज्जा का पानी मर गया है। दुष्कर्म करते समय पश्चात्ताप की भावना उनमें उभरती ही नहीं। इसलिए विनाश होनेवालों में वे भी नष्ट होंगे। जब मैं यरूशलेम के निवासियों को दण्ड दूंगा, तब नबी और पुरोहित भी ठोकर खाकर गिर जाएंगे।’ प्रभु की यह वाणी है।
और तब स्वदेश से निष्कासित बन्दियों के पास जा, और अपने जाति-भाई-बहिनों से यह कह : “स्वामी-प्रभु का यह सन्देश है,” फिर चाहे वे सुनें या सुनने से इन्कार करें।’
जब मैं तुझसे बातें करूंगा तब मैं तेरा मुंह खोल दूंगा और तू उनसे यह कहेगा, “स्वामी-प्रभु यों कहता है!” जो सुन सकता है, वह सुने! और जो सुनने से इन्कार करता है, वह न सुने; क्योंकि ये लोग विद्रोही कुल की सन्तान हैं।
किन्तु इस्राएल-कुल तेरी बात नहीं सुनेगा; क्योंकि वह मेरी बात सुनने को तैयार नहीं है। समस्त इस्राएल-कुल का मन ढीठ और उनका हृदय हठी हो गया है।
मैं रेवड़ को चराता था। प्रभु ने मुझे अपना नबी बनाने के लिए वहां से चुना। उसने मुझे यह आदेश दिया, “जा, मेरे लोग इस्राएलियों का नबी बन।”
उन्होंने अपने हृदय को पत्थर बना लिया ताकि वे स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु की व्यवस्था को न मानें, और न उसके सन्देश को सुनें, जो उसने अपने आत्मा के द्वारा प्राचीन काल के नबियों के माध्यम से दिए थे। अत: स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु का भयंकर क्रोध उन पर भड़क उठा।
“देखो, मैं तुम्हें भेड़ियों के बीच भेड़ों की तरह भेज रहा हूँ। इसलिए साँप की तरह चतुर और कपोत की तरह निष्कपट बनो।
मैं जानता हूँ कि तुम विद्रोही और ऐंठी गरदन वाले लोग हो! देखो, यदि मेरे जीवित रहते, तुम्हारे साथ रहते हुए भी तुम आज प्रभु के विरुद्ध विद्रोह करते हो, तो मेरी मृत्यु के पश्चात् विद्रोह क्यों न करोगे?