इन घटनाओं के पश्चात् अब्राम ने एक दर्शन देखा। उन्हें प्रभु का यह संदेश मिला, ‘अब्राम, मत डर, मैं तेरी ढाल हूं। तुझे बड़ा पुरस्कार प्राप्त होगा।’
यहेजकेल 1:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तीसवें वर्ष के चौथे महीने की पांचवीं तारीख को यह घटना घटी। उस समय कबार नदी के तट पर यहूदा प्रदेश से निष्कासित बन्दियों का शिविर था। मैं भी इन्हीं बन्दियों में था। तब स्वर्ग खुल गया, और मैंने परमेश्वर के दर्शन देखे। पवित्र बाइबल मैं बूजी का पुत्र याजक यहेजकेल हूँ। मैं देश निष्कासित था। मैं उस समय बाबुल में कबार नदी पर था जब मेरे लिए स्वर्ग खुला और मैंने परमेश्वर का दर्शन किया। यह तीसवें वर्ष के चौथे महीने जुलाई का पाँचवां दिन था। (राजा यहोयाकीम के देश निष्कासन के पाँचवें वर्ष और महीने के पाँचवें दिन यहेजकेल को यहोवा का सन्देश मिला। उस स्थान पर उसके ऊपर यहोवा की शक्ति आई।) Hindi Holy Bible तीसवें वर्ष के चौथे महीने के पांचवें दिन, मैं बंधुओं के बीच कबार नदी के तीर पर था, तब स्वर्ग खुल गया, और मैं ने परमेश्वर के दर्शन पाए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तीसवें वर्ष के चौथे महीने के पाँचवें दिन, मैं बन्दियों के बीच कबार नदी के तट पर था, तब स्वर्ग खुल गया, और मैं ने परमेश्वर के दर्शन पाए। सरल हिन्दी बाइबल यह घटना मेरी बंधुआई के तीसवें वर्ष के चौथे माह के पांचवें दिन की है, जब मैं बंदियों के साथ खेबर नदी के तट पर था, तब आकाश खुल गया और मुझे परमेश्वर का दर्शन हुआ. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तीसवें वर्ष के चौथे महीने के पाँचवें दिन, मैं बन्दियों के बीच कबार नदी के तट पर था, तब स्वर्ग खुल गया, और मैंने परमेश्वर के दर्शन पाए। (यहे. 3:23) |
इन घटनाओं के पश्चात् अब्राम ने एक दर्शन देखा। उन्हें प्रभु का यह संदेश मिला, ‘अब्राम, मत डर, मैं तेरी ढाल हूं। तुझे बड़ा पुरस्कार प्राप्त होगा।’
उन्होंने इस्राएल के परमेश्वर को देखा। उसके चरणों के नीचे नीलमणि का चबूतरा-जैसा कुछ था, जो आकाश के सदृश स्वच्छ था।
यशायाह बेन-आमोत्स का दर्शन : यह यहूदा प्रदेश तथा यरूशलेम नगर के सम्बन्ध में था। ये दर्शन यशायाह ने यहूदा प्रदेश के राजाओं उज्जियाह, योताम, आहाज और हिजकियाह के राज्य-काल में देखे थे।
जिस वर्ष राजा उज्जियाह की मृत्यु हुई, मैंने यह दर्शन देखा : एक बहुत ऊंचे सिंहासन पर स्वामी बैठा है। उसकी राजसी पोशाक के छोर से मन्दिर भर गया है।
जिन देशों में मैंने तुम्हें हांक दिया है, वहां से इस स्थान में वापस लाऊंगा, क्योंकि मैंने इस स्थान से तुम्हें बन्दी बना कर निष्कासित कर दिया था − यह प्रभु की वाणी है।
प्रभु का यह सन्देश पुरोहित यहेजकेल बेन-बूजी को मिला। उस समय पुरोहित यहेजकेल कसदी कौम के देश में कबार नदी के तट पर बन्दियों के शिविर में थे। वहाँ प्रभु की सामर्थ्य नबी यहेजकेल को प्राप्त हुई।
मैंने आंखें ऊपर कीं और यह देखा: करूबों के सिर के ऊपर आकाशमण्डल है, और इस आकाशमण्डल में सिंहासन-सा कुछ है, जो नीलमणि के समान चमक रहा है।
ये वे ही प्राणी थे जिनको मैंने कबार नदी के तट पर देखा था, और जिन पर इस्राएल का परमेश्वर आसीन था। मैं जानता हूँ कि वे करूब थे।
उनके मुखों की आकृति वैसी ही थी, जो मैंने कबार नदी के तट पर देखी थी। उनके मुख ही नहीं, वरन् देह भी वैसी ही थी। वे सीधे सामने की ओर चलते थे।
फिर मैंने परमेश्वर के आत्मा के द्वारा यह दर्शन देखा : आत्मा ने मुझे उठाया और कसदी देश में निष्कासित मेरे जाति-बन्धुओं में मुझे पहुंचा दिया। इसके पश्चात् दर्शन लुप्त हो गया।
मैं तेल-आबीब नगर में आया। यहीं कबार नदी के तट पर स्वदेश से निष्कासित बन्दियों का शिविर था। मैं वहाँ उनके मध्य में सात दिन तक बैठा रहा; मेरी समझ में न आया कि क्या करूं, क्या न करूं।
अत: मैं उठा, और मैदान की ओर गया, और देखो, प्रभु का तेज वहां प्रकट हुआ; वह उस तेज के समान था जो मैंने कबार नदी के तट पर देखा था। तब मैं भूमि पर मुंह के बल गिर पड़ा।
मैंने परमेश्वर के दर्शन देखे। परमेश्वर ने अपने दर्शन में मुझे इस्राएल देश में पहुंचाया, और वहां एक अत्यन्त ऊंचे पहाड़ पर खड़ा कर दिया। मैंने देखा कि मेरे सामने नगर के आकार-सा कुछ है।
अब मैंने एक दर्शन देखा। यह उसी दर्शन के समान था जो मैंने उस समय देखा था जब परमेश्वर का तेज नगर का विनाश करने आया था। यह दर्शन कबार नदी के तट पर देखे गए दर्शन के समान था। यह दर्शन देख कर मैं श्रद्धा और भक्ति से मुंह के बल भूमि पर गिर पड़ा।
तब उस आकृति ने हाथ के समान कुछ बढ़ाया, और मेरे सिर के बालों का गुच्छा पकड़ लिया, और आत्मा ने मुझे आकाश और भूमि के मध्य उठा लिया। वह मुझे परमेश्वर के दर्शन में यरूशलेम ले गया। मैं ने परमेश्वर के दर्शन में यह देखा कि मैं यरूशलेम के मन्दिर के भीतरी आंगन के प्रवेश-द्वार पर खड़ा हूं जो उत्तर दिशा में है, और जहां ‘ईष्र्या की मूर्ति’ का सिंहासन है, और जिसको देखकर ईष्र्या जाग्रत होती है।
मैंने नबियों के माध्यम से तुझे सन्देश दिए थे। मैंने ही तुझे एक के बाद एक दर्शन दिए थे। मैंने ही नबियों के द्वारा तुझे दृष्टांत दिए थे।
‘इसके पश्चात् यह घटना घटेगी: मैं सब मनुष्यों पर अपना आत्मा उण्डेलूंगा; तुम्हारे पुत्र और तुम्हारी पुत्रियां नबूवत करेंगी। तुम्हारे वृद्धजन स्वप्न-द्रष्टा होंगे; तुम्हारे युवक दर्शन देखेंगे।
प्रभु ने कहा, ‘मेरे वचन सुनो : यदि तुम्हारे मध्य कोई नबी है, तो मैं-प्रभु दर्शन के माध्यम से उस पर स्वयं को प्रकट करता हूं, मैं स्वप्न में उससे वार्तालाप करता हूं।
जो तीस वर्ष से पचास वर्ष तक की आयु के हैं, जो मिलन-शिविर के आन्तरिक कार्यों को करने के लिए सेवा-दल में भरती हो सकते हैं।
येशु ने पहाड़ से उतरते समय उन्हें यह आदेश दिया, “जब तक मानव-पुत्र मृतकों में से न जी उठे, तब तक तुम किसी को भी इस दर्शन के विषय में मत बताना।”
बपतिस्मा लेने के बाद येशु तुरन्त जल से बाहर निकले। उसी समय उनके लिए स्वर्ग खुल गया और उन्होंने परमेश्वर के आत्मा को कपोत के सदृश उतरते और अपने ऊपर आते हुए देखा।
वह पानी से निकल ही रहे थे कि उन्होंने स्वर्ग को खुलते और आत्मा को अपने ऊपर कपोत के सदृश उतरते देखा
जब सब लोग बपतिस्मा ले चुके थे और जब येशु भी बपतिस्मा लेने के पश्चात् प्रार्थना कर रहे थे, तब आकाश खुल गया
जब येशु ने शुभ-समाचार सुनाना आरम्भ किया, उस समय वह लगभग तीस वर्ष के थे। लोग उन्हें यूसुफ का पुत्र समझते थे। यूसुफ एली का पुत्र था,
येशु ने उससे यह भी कहा, “मैं तुम लोगों से सच-सच कहता हूँ : तुम स्वर्ग को खुला हुआ और परमेश्वर के दूतों को मानव-पुत्र के ऊपर चढ़ते और उतरते हुए देखोगे।”
उन्होंने देखा कि स्वर्ग खुल गया है और लम्बी-चौड़ी चादर-जैसा कोई पात्र उतर रहा है और उसके चारों कोने पृथ्वी पर रखे जा रहे हैं;
उसने एक दिन दोपहर के लगभग तीन बजे दर्शन में यह साफ-साफ देखा कि परमेश्वर का दूत उसके पास आ कर कह रहा है, “करनेलियुस!”
वह बोल उठा, “मैं स्वर्ग को खुला और परमेश्वर की दाहिनी ओर खड़े मानव-पुत्र को देख रहा हूँ।”
डींग मारने से कोई लाभ नहीं, फिर भी मुझे ऐसा ही करना पड़ रहा है। इसलिए दिव्य दर्शनों और प्रभु द्वारा दिए गए प्रकाशनों की चर्चा करूँगा।
तब मैंने देखा कि स्वर्ग खुला है। एक सफेद घोड़ा दिखाई पड़ा और उस पर जो सवार है, वह ‘विश्वसनीय’ और ‘सच्चा’ कहलाता है। वह न्याय के अनुसार विचार और युद्ध करता है।
इसके बाद मैने एक दिव्य दृश्य देखा। मैंने देखा कि स्वर्ग में एक द्वार खुला है और वह तुरही-जैसी वाणी, जिसे मैंने पहले अपने से बातें करते सुना था, बोल रही है : “यहाँ, ऊपर आओ। मैं तुम्हें दिखाऊंगा कि इसके पश्चात क्या होने वाला है।”