यशायाह 5:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं अपने प्रिय के लिए एक प्रेम गीत गाऊंगा। इस गीत का विषय मेरे प्रिय का अंगूर-उद्यान है। एक अति उपजाऊ पहाड़ी पर मेरे प्रिय का एक अंगूर-उद्यान था। पवित्र बाइबल अब मैं अपने मित्र (परमेश्वर) के लिए गीत गाऊँगा। अपने अंगूर के बगीचे (इस्राएल के लोग) के विषय में यह मेरे मित्र का गीत है। मेरे मित्र का बहुत उपजाऊ पहाड़ी पर एक अंगूर का बगीचा है। Hindi Holy Bible अब मैं अपने प्रिय के लिये और उसकी दाख की बारी के विषय में गीत गाऊंगा: एक अति उपजाऊ टीले पर मेरे प्रिय की एक दाख की बरी थी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अब मैं अपने प्रिय के लिये और उसकी दाख की बारी के विषय में गीत गाऊँगा : एक अति उपजाऊ टीले पर मेरे प्रिय की एक दाख की बारी थी। सरल हिन्दी बाइबल अब मैं अपने प्रिय के लिए और उसकी दाख की बारी के लिये एक गीत गाऊंगी: एक अच्छी उपजाऊ पहाड़ी पर मेरे प्रिय की एक दाख की बारी थी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अब मैं अपने प्रिय के लिये और उसकी दाख की बारी के विषय में गीत गाऊँगा: एक अति उपजाऊ टीले पर मेरे प्रिय की एक दाख की बारी थी। |
मेरे हृदय में सुन्दर भाव उमड़ रहे हैं − मैं राजा के लिए गीत गाऊंगा; मेरी जीभ निपुण लेखक की लेखनी है।
‘मैं अपने प्रियतम की हूं, और वह मेरा है। वह सोसन पुष्पों के मध्य अपनी भेड़-बकरियां चराता है।
उसका कण्ठ अत्यन्त मधुर है, वह हर दृष्टि से सुन्दर है। ओ यरूशलेम की कन्याओ, यह मेरा प्रियतम है, यही मेरा मित्र है।’
‘मैं सोई हुई थी, पर मेरा मन जाग रहा था। सुनो, मेरा प्रियतम द्वार खटखटा रहा है : “ओ मेरी संगिनी, मेरी प्रियतमा, मेरी कपोती, मेरी निष्कलंक सुन्दरी! मेरे लिए द्वार खोल! मेरा सिर ओस से भीग गया है। मेरी लटें रात में टपकती बूंदों से तर हैं।”
मैं अपने प्रियतम की हूं, और वह मेरा है, जो सोसन पुष्प के मैदान में अपनी भेड़-बकरियाँ चराता है।’
अन्य देश के राजाओं ने, अनेक चरवाहों ने मेरे अंगूर-उद्यान को उजाड़ दिया, मेरे “निज भाग” को रौंद डाला। उन्होंने मेरे सुन्दर उद्यान को वीरान निर्जन प्रदेश बना दिया।
मैंने उत्तम अंगूर-बेल, श्रेष्ठ जाति की बेल के रूप में तुझे लगाया था। फिर क्यों तुझ में कीड़ा लग गया? क्यों तू जंगली अंगूर-बेल बन गई?
‘ओ मानव, मुझे बता : अंगूर-लता की लकड़ी की क्या उपयोगिता है? क्या अंगूर की शाखा ईंधन की दृष्टि से जंगल के पेड़ों की लकड़ी से उत्तम होती है?
‘ओ इस्राएली कौम, तेरी मां मानो अंगूर-उद्यान की एक अंगूर लता थी। वह जलाशय के तट पर लगी थी। भरपूर पानी मिलने के कारण वह शाखाओं और फलों से लदी थी।
इस्राएल एक लहलहाती दाख-लता है। उसमें फल भी लगते हैं। पर जैसे-जैसे उसके फलों की वृद्धि होती है वह देवी-देवताओं की वेदियों की संख्या बढ़ाता जाता है। जैसे-जैसे उसका देश उन्नति करता है, वह पूजा-स्तम्भों को सुन्दर बनाता है।
“एक और दृष्टान्त सुनो : एक जमींदार था। उसने अंगूर का एक उद्यान लगाया और उसके चारों ओर बाड़ा बाँधा। उसने उसमें रस का कुण्ड खुदवाया और पक्का मचान बनवाया। तब उसे किसानों को पट्टे पर दे कर वह परदेश चला गया।
येशु महापुरोहितों, शास्त्रियों और धर्मवृद्धों से दृष्टान्तों में कहने लगे : “किसी मनुष्य ने अंगूर का उद्यान लगाया। उसने उसके चारों ओर बाड़ा बाँधा; उस में रस का कुण्ड खुदवाया और पक्का मचान बनवाया। तब उसे किसानों को पट्टे पर देकर वह परदेश चला गया।
तब येशु जनता को यह दृष्टान्त सुनाने लगे, “किसी मनुष्य ने अंगूर-उद्यान लगाया और उसे किसानों को पट्टे पर दे कर बहुत दिनों के लिए परदेश चला गया।
तू खा-पीकर तृप्त रहेगा। तू उस उत्तम देश के कारण जो तेरे प्रभु परमेश्वर ने तुझे दिया है, प्रभु को धन्य-धन्य कहेगा।
क्योंकि तेरा प्रभु परमेश्वर तुझे ऐसे उत्तम देश में ला रहा है, जहाँ नदियाँ जल से सदा परिपूर्ण रहती हैं; जो झरनों का देश है, जहाँ गहरे गर्त्त के जलस्रोत घाटियों और पहाड़ियों से निकल आते हैं।