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यशायाह 5:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

2 उसने भूमि को खोदा, उसके पत्‍थर-कंकड़ बीने, और उसमें उत्तम जाति की अंगूर-बेल लगाई। उसने अंगूर-उद्यान के मध्‍य एक मचान बनाया, और वहाँ अंगूर-रस के लिए कुण्‍ड खोदा। उसने आशा की, कि अंगूर-उद्यान में उसे मीठे अंगूर मिलेंगे, पर उसमें केवल खट्टे अंगूर लगे!

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पवित्र बाइबल

2 मेरे मित्र ने धरती खोदी और कंकड़ पत्थर हटा कर उसे साफ किया और वहाँ पर अंगूर की उत्तम बेलें रोप दीं। फिर खेत के बीच में उसने अंगूर के रस निकालने को कुंड बनाये। मित्र को आशा थी कि वहाँ उत्तम अंगूर होंगे किन्तु वहाँ जो अंगूर लगे थे वे बुरे थे।

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Hindi Holy Bible

2 उसने उसकी मिट्टी खोदी और उसके पत्थर बीनकर उस में उत्तम जाति की एक दाखलता लगाई; उसके बीच में उसने एक गुम्मट बनाया, और दाखरस के लिये एक कुण्ड भी खोदा; तब उसने दाख की आशा की, परन्तु उस में निकम्मी दाखें ही लगीं॥

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

2 उसने उसकी मिट्टी खोदी और उसके पत्थर बीनकर उसमें उत्तम जाति की एक दाखलता लगाई; उसके बीच में उसने एक गुम्मट बनाया, और दाखरस के लिये एक कुण्ड भी खोदा, तब उसने दाख की आशा की, परन्तु उसमें निकम्मी दाखें ही लगीं।

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सरल हिन्दी बाइबल

2 मिट्टी खोदकर अच्छी सफाई करके उसमें अंगूर की अच्छी बेल लगाई. और इसके बीच एक गुम्मट बनाया और अच्छे फल का इंतजार करने लगा, लेकिन उसमें से खराब गुच्छा निकला.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

2 उसने उसकी मिट्टी खोदी और उसके पत्थर बीनकर उसमें उत्तम जाति की एक दाखलता लगाई; उसके बीच में उसने एक गुम्मट बनाया, और दाखरस के लिये एक कुण्ड भी खोदा; तब उसने दाख की आशा की, परन्तु उसमें निकम्मी दाखें ही लगीं।

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यशायाह 5:2
31 क्रॉस रेफरेंस  

मैं अपने निज लोग इस्राएलियों के लिए एक स्‍थान निर्धारित करूँगा। मैं उन्‍हें वहाँ बसाऊंगा जिससे वे अपने स्‍थान में निवास करेंगे, और उन्‍हें फिर नहीं सताया जाएगा। दुर्जन उन्‍हें फिर दु:ख नहीं देंगे, जैसे वे पहले करते थे,


उन्‍हीं दिनों में मैंने यहूदा प्रदेश में देखा कि किसान विश्राम-दिवस पर रस-कुण्‍डों में अंगूर को रौंद कर उसका रस निकालते हैं। वे विश्राम-दिवस पर खेतों से अनाज के पूले लाते और उनको गधों पर लादते हैं। इसी प्रकार वे अंगूर-रस, अंगूर के गुच्‍छे, अंजीर के फल आदि सब प्रकार के बोझ विश्राम-दिवस पर ढो-ढोकर यरूशलेम में लाते हैं। विश्राम-दिवस पर वे भोजन-सामग्री बेचते हैं। मैंने उनको चेतावनी दी।


तू मिस्र देश से अंगूर कि एक बेल लाया, और विजातियों को भगाकर उसे लगा दिया।


तूने उसके लिए भूमि तैयार की। बेल ने जड़ पकड़ ली और देश-भर में फैल गई।


यह कैसे ज्ञात होगा कि मैंने और तेरे लोगों ने तेरी कृपा-दृष्‍टि प्राप्‍त की है? यदि तू हमारे साथ नहीं जाएगा तो मैं और तेरे लोग पृथ्‍वी के सब दूसरे लोगों से विशिष्‍ट कैसे माने जाएँगे?’


सियोन की पुत्री− यरूशलेम नगरी− अंगूर-उद्यान की झोपड़ी के समान, ककड़ी के खेत के मचान की तरह, सेना से घिरे हुए नगर के सदृश बची हुई है।


स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु का यह अंगूर-उद्यान इस्राएल वंश है। यहूदा प्रदेश के निवासी प्रभु के सुन्‍दर पौधे हैं। प्रभु ने उनसे न्‍याय की आशा की, पर उसे देखने को मिला: रक्‍त पात। प्रभु ने उनसे धार्मिकता की आशा की, पर उसे सुनने को मिला: गरीबों का करुण- क्रंदन!


ओ इस्राएली राष्‍ट्र, जिस स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने तुझे स्‍थापित किया था, अब वही तुझे उखाड़ कर फेंक देगा। वह कहता है, ‘इस्राएल प्रदेश के, और यहूदा प्रदेश के लोगों ने मेरे प्रति दुष्‍कर्म किया है; उन्‍होंने बअल देवता की वेदी पर सुगन्‍धित धूप-द्रव्‍य जलाकर मेरी क्रोधाग्‍नि को भड़काया है।’


मैंने उत्तम अंगूर-बेल, श्रेष्‍ठ जाति की बेल के रूप में तुझे लगाया था। फिर क्‍यों तुझ में कीड़ा लग गया? क्‍यों तू जंगली अंगूर-बेल बन गई?


इस्राएल एक लहलहाती दाख-लता है। उसमें फल भी लगते हैं। पर जैसे-जैसे उसके फलों की वृद्धि होती है वह देवी-देवताओं की वेदियों की संख्‍या बढ़ाता जाता है। जैसे-जैसे उसका देश उन्नति करता है, वह पूजा-स्‍तम्‍भों को सुन्‍दर बनाता है।


ओ रेवड़ के बुर्ज! ओ सियोन के गढ़! तुझे पहले-जैसा शासन प्राप्‍त होगा, तुझे यरूशलेम का राज्‍य प्राप्‍त होगा।


चट्टानों के शिखर पर से, मैंने उसे देखा है, पहाड़ियों से मैंने उसका अवलोकन किया है : देखो, लोग अलग बसे हैं, अन्‍य राष्‍ट्रों के साथ उनकी गणना नहीं की गई!


उन्‍होंने मार्ग के किनारे अंजीर का एक पेड़ देखा। वह उसके पास आए। परन्‍तु उन्‍होंने उस में पत्तों को छोड़कर और कुछ नहीं पाया। येशु ने पेड़ से कहा, “अब से तुझ में फिर कभी फल न लगे।” और उसी क्षण अंजीर का वह पेड़ सूख गया।


“एक और दृष्‍टान्‍त सुनो : एक जमींदार था। उसने अंगूर का एक उद्यान लगाया और उसके चारों ओर बाड़ा बाँधा। उसने उसमें रस का कुण्‍ड खुदवाया और पक्‍का मचान बनवाया। तब उसे किसानों को पट्टे पर दे कर वह परदेश चला गया।


फसल का समय आने पर उसने अपनी फसल का हिस्‍सा वसूल करने के लिए किसानों के पास अपने सेवकों को भेजा।


वह कुछ दूरी पर पत्तेदार अंजीर का एक पेड़ देख कर उसके पास गये कि शायद उस पर कुछ फल मिलें; किन्‍तु पेड़ के पास आने पर उन्‍होंने उसमें पत्तों के अतिरिक्‍त और कुछ नहीं पाया, क्‍योंकि वह अंजीर का मौसम नहीं था।


येशु महापुरोहितों, शास्‍त्रियों और धर्मवृद्धों से दृष्‍टान्‍तों में कहने लगे : “किसी मनुष्‍य ने अंगूर का उद्यान लगाया। उसने उसके चारों ओर बाड़ा बाँधा; उस में रस का कुण्‍ड खुदवाया और पक्‍का मचान बनवाया। तब उसे किसानों को पट्टे पर देकर वह परदेश चला गया।


समय आने पर उसने अंगूर की फसल का हिस्‍सा वसूल करने के लिए किसानों के पास एक सेवक को भेजा।


वे इस्राएली हैं। परमेश्‍वर ने उन्‍हें गोद लिया था। उन्‍हें परमेश्‍वर के सान्निध्‍य की महिमा प्राप्‍त हुई। परमेश्‍वर ने उनके साथ विधानों की स्‍थापना की तथा उन्‍हें मूसा की व्‍यवस्‍था प्रदान की है। उन्‍हें उपासना-विधि तथा प्रतिज्ञाएँ मिली हैं।


क्‍या यह कभी सुनने में आया कि कोई अपने खर्च से सेना में सेवा करता है? कौन अंगूर-उद्यान लगा कर उसका फल नहीं खाता? कौन पालतू पशु पालकर उन पशुओं का दूध नहीं पीता?


ओ मूर्ख और निर्बुद्धि जाति के लोगो! तुम प्रभु के कार्यों का यह बदला देते हो? क्‍या वह तेरा पिता नहीं है, ओ इस्राएल! जिसने तुझे अस्‍तित्‍व दिया, जिसने तुझे बनाया, और स्‍थापित किया?


इस घटना के पश्‍चात् शिमशोन सोरेक घाटी की एक स्‍त्री से प्रेम करने लगा। उसका नाम दलीलाह था।


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