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श्रेष्ठगीत 5:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

2 ‘मैं सोई हुई थी, पर मेरा मन जाग रहा था। सुनो, मेरा प्रियतम द्वार खटखटा रहा है : “ओ मेरी संगिनी, मेरी प्रियतमा, मेरी कपोती, मेरी निष्‍कलंक सुन्‍दरी! मेरे लिए द्वार खोल! मेरा सिर ओस से भीग गया है। मेरी लटें रात में टपकती बूंदों से तर हैं।”

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पवित्र बाइबल

2 मैं सोती हूँ किन्तु मेरा हृदय जागता है। मैं अपने हृदय—धन को द्वार पर दस्तक देते हुए सुनती हूँ। “मेरे लिये द्वार खोलो मेरी संगिनी, ओ मेरी प्रिये! मेरी कबूतरी, ओ मेरी निर्मल! मेरे सिर पर ओस पड़ी है मेरे केश रात की नमी से भीगें हैं।”

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Hindi Holy Bible

2 मैं सोती थी, परन्तु मेरा मन जागता था। सुन! मेरा प्रेमी खटखटाता है, और कहता है, हे मेरी बहिन, हे मेरी प्रिय, हे मेरी कबूतरी, हे मेरी निर्मल, मेरे लिये द्वार खोल; क्योंकि मेरा सिर ओस से भरा है, और मेरी लटें रात में गिरी हुई बून्दोंसे भीगी हैं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

2 मैं सोती थी, परन्तु मेरा मन जागता था। सुन! मेरा प्रेमी खटखटाता है, और कहता है, “हे मेरी बहिन, हे मेरी प्रिय, हे मेरी कबूतरी, हे मेरी निर्मल, मेरे लिये द्वार खोल; क्योंकि मेरा सिर ओस से भरा है, और मेरी लटें रात में गिरी हुई बून्दों से भीगी हैं।”

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सरल हिन्दी बाइबल

2 मैं सोई हुई थी, किंतु मेरा हृदय जाग रहा था. एक आवाज! मेरा प्रेमी दरवाजा खटखटा रहा था: “दरवाजा खोलो, मेरी बहन, मेरी प्रियतमा, मेरी कबूतरी, मेरी सर्वांग सुंदरी. क्योंकि ओस से मेरा सिर भीगा हुआ है, रात की नमी मेरे बालों में समाई हुई है.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

2 मैं सोती थी, परन्तु मेरा मन जागता था। सुन! मेरा प्रेमी खटखटाता है, और कहता है, “हे मेरी बहन, हे मेरी प्रिय, हे मेरी कबूतरी, हे मेरी निर्मल, मेरे लिये द्वार खोल; क्योंकि मेरा सिर ओस से भरा है, और मेरी लटें रात में गिरी हुई बूँदों से भीगी हैं।” (प्रका. 3:20)

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श्रेष्ठगीत 5:2
39 क्रॉस रेफरेंस  

मैं द्वार के सामने खड़ा हो कर खटखटाता हूँ। यदि तुम मेरी वाणी सुन कर द्वार खोलोगे, तो मैं तुम्‍हारे पास भीतर आ कर तुम्‍हारे साथ भोजन करूँगा और तुम मेरे साथ।


ओ मेरी कपोती। चट्टानों की खोहों में पहाड़ों की गुप्‍त दरारों में मुझे तेरे रूप के दर्शन करने दे, मुझे तेरी आवाज सुनने दे। क्‍योंकि तेरा मुख सुन्‍दर है, तेरी आवाज मधुर है।”


जो दूत मुझसे बात कर रहा था, वह फिर आया। उसने मुझे जगाया, जैसा नींद में सोया हुआ व्यक्‍ति नींद से जगाया जाता है।


तोभी मेरी कपोती, मेरी सर्वांग सुन्‍दरी, तू अद्वितीय है। तू अपनी मां की दुलारी, अपनी जननी की निष्‍कलंक कन्‍या है। सभी कन्‍याओं ने, रानियों और उप-पत्‍नियों ने भी तुझे देखकर धन्‍य कहा; उन्‍होंने तेरे रूप की प्रशंसा की :


धन्‍य हैं वे जिनका आचरण निर्दोष है, जो प्रभु की व्‍यवस्‍था पर चलते हैं,


इस प्रकार नबी यशायाह का यह कथन पूरा हुआ : “उसने हमारी दुर्बलताओं को स्‍वयं भोगा और हमारे रोगों का बोझ उठा लिया।”


जैसे अनेक लोग उसे देखकर चकित हुए, (क्‍योंकि उसका रूप विकृत हो गया था, यहाँ तक कि वह मानव-रूप जैसा दिखाई नहीं देता था। उसकी आकृति भी मनुष्‍यों जैसी नहीं रह गई थी।)


मैंने कोड़ा मारनेवालों के सामने अपनी पीठ कर दी; दाढ़ी नोचनेवालों की ओर अपने गाल कर दिए। मैंने अपमान सहा, उनके थूक से अपना मुख नहीं हटाया।


अनेक जलाशय भी प्रेम की आग नहीं बुझा सकते, और न बाढ़ का जल उसे डुबा सकता है। यदि कोई प्रेम के बदले अपने घर की तमाम धन-सम्‍पत्ति लुटा दे, तो भी उसकी धन-सम्‍पत्ति प्रेम के पलड़े पर हल्‍की पड़ेगी।


तेरे कण्‍ठ का चुम्‍बन तीखी शराब के घूंट के समान लगता है!’ वह मेरे प्रियतम के लिए ही उतरती है।


उसका ललाट चोखा सोने का-सा है, उसकी लहलहाती हुई लटें, कौओं की तरह काली हैं।


‘ओ मेरी संगिनी, ओ मेरी दुलहन, तूने एक नजर में ही अपने कण्‍ठहार के एक ही हीरे से मेरा हृदय मोह लिया है।


‘ओ मेरी प्रियतमा! तेरा हर अंग सांचे में ढला है, तू निष्‍कलंक सुन्‍दरी है।


‘रात के समय मैं पलंग पर लेटी थी, उस समय मैंने अपने प्राण-प्रिय को पाना चाहा; मैं उसे ढूंढ़ने लगी, पर वह मुझे न मिला। मैंने उसको पुकारा, किन्‍तु उसने उत्तर नहीं दिया।


मेरा प्रियतम मुझसे कह रहा है : “ओ मेरी प्रियतमा, मेरी प्रियदर्शिनी, उठकर चली आ।


‘सुनो! मेरे प्रियतम की आवाज। देखो, वह पहाड़ों पर कूदता, पहाड़ियों को फांदता आ रहा है!


मेरे पुत्र, अपना मन मेरी ओर लगा; तेरी दृष्‍टि मेरे आचरण पर लगी रहे।


मैं ही प्रभु तेरा परमेश्‍वर हूँ, मैंने ही तुझे मिस्र देश से निकाला था; अपना मुंह खोल, और मैं उसे भर दूंगा।


इस प्रकार याकूब ने राहेल के लिए सात वर्ष तक सेवा की। राहेल के प्रति अपने प्रेम के कारण वे सात वर्ष उसे कुछ ही दिन जैसे प्रतीत हुए।


ये वे लोग हैं जो मूर्तिपूजा के संसर्ग से दूषित नहीं हुए हैं, ये कुँवारे हैं। जहाँ कहीं भी मेमना जाता है, ये उसके साथ चलते हैं। परमेश्‍वर और मेमने के लिए प्रथम फल के रूप में इन्‍हें मनुष्‍यों में से खरीदा गया है।


सरदीस नगर में तुम्‍हारे यहाँ कुछ ऐसे व्यक्‍ति भी हैं, जिन्‍होंने अपने वस्‍त्रों को दूषित नहीं किया है। वे उजले वस्‍त्र पहन कर मेरे साथ टहलेंगे, क्‍योंकि वे इसके योग्‍य हैं।


ज्‍योति जिसे आलोकित करती है, वह स्‍वयं ज्‍योति बन जाता है। इसलिए कहा गया है : “हे सोने वाले, जाग! मृतकों में से जी उठ और मसीह तुम को आलोकित करेंगे।”


मैं अब जीवित नहीं रहा, बल्‍कि मसीह मुझ में जीवित हैं। अब मैं अपने शरीर में जो जीवन जीता हूँ, उसका एकमात्र प्रेरणा-स्रोत है-परमेश्‍वर के पुत्र में विश्‍वास, जिसने मुझ से प्रेम किया और मेरे लिए अपने को अर्पित किया।


अपनी सब भेड़ों को बाहर निकाल लेने के बाद वह उनके आगे-आगे चलता है और भेड़ें उसके पीछे-पीछे आती हैं, क्‍योंकि वे उसकी आवाज पहचानती हैं।


येशु प्राणपीड़ा में पड़ने के कारण और भी एकाग्र हो कर प्रार्थना करते रहे और उनका पसीना रक्‍त की बूंदों की तरह धरती पर टपकता रहा।]


पतरस और उसके साथी नींद में डूबे हुए थे; किन्‍तु अब पूरी तरह जाग गये। उन्‍होंने येशु की महिमा को और उनके साथ खड़े उन दो पुरुषों को देखा।


उन दिनों येशु प्रार्थना करने एक पहाड़ी पर चढ़े और वे रात भर परमेश्‍वर की प्रार्थना में लीन रहे।


प्रात:काल, जब अंधेरा ही था, येशु उठे और घर से बाहर निकले। वह किसी एकान्‍त स्‍थान जा कर प्रार्थना करने लगे।


“वह मुझसे बोल ही रहा था कि मैं अचेतन हो गया और भूमि पर औंधे-मुंह गिर पड़ा। पर उसने मुझे स्‍पर्श किया, और मुझको पैरों पर खड़ा कर दिया।


क्‍योंकि जो माँगता है, उसे मिलता है; जो ढूँढ़ता है, वह पाता है और जो खटखटाता है, उसके लिए द्वार खोला जाता है।


‘ओ प्रियतम, तुम सुन्‍दर हो, तुम प्रियदर्शी हो। हमारा दीवान हरा है,


मैं अपने प्रियतन के लिए द्वार खोल ही रही थी कि मेरा प्रियतम मुड़कर चला गया। जब उसने मुझे पुकारा तब मैं सुध-बुध खो बैठी थी। मैंने उसको पुकारा, परन्‍तु उसने उत्तर नहीं दिया।


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