उन सब वन-प्राणियों में जिन्हें प्रभु परमेश्वर ने रचा था, सबसे अधिक धूर्त सांप था। उसने स्त्री से पूछा, ‘क्या सचमुच परमेश्वर ने कहा है कि तुम उद्यान के किसी भी पेड़ का फल न खाना?’
मत्ती 26:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उन्होंने आपस में यह परामर्श किया कि हम किस प्रकार येशु को छल से गिरफ्तार करें और उन्हें मार डालें। पवित्र बाइबल और उन्होंने किसी तरकीब से यीशु को पकड़ने और मार डालने की योजना बनायी। Hindi Holy Bible और आपस में विचार करने लगे कि यीशु को छल से पकड़कर मार डालें। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और आपस में विचार करने लगे कि यीशु को छल से पकड़कर मार डालें। नवीन हिंदी बाइबल और वे मिलकर यीशु को छल से पकड़ने और मार डालने की योजना बनाने लगे; सरल हिन्दी बाइबल उन्होंने मिलकर येशु को छलपूर्वक पकड़कर उनकी हत्या कर देने का विचार किया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और आपस में विचार करने लगे कि यीशु को छल से पकड़कर मार डालें। |
उन सब वन-प्राणियों में जिन्हें प्रभु परमेश्वर ने रचा था, सबसे अधिक धूर्त सांप था। उसने स्त्री से पूछा, ‘क्या सचमुच परमेश्वर ने कहा है कि तुम उद्यान के किसी भी पेड़ का फल न खाना?’
प्रभु और उसके अभिषिक्त राजा के विरोध में, संसार के राजाओं ने संकल्प किया है, शासकों ने एक साथ मन्त्रणा की है।
दुर्जन धार्मिक मनुष्य के घर को नष्ट करने के लिए घात लगाकर बैठता है; तू ऐसा मत करना। धार्मिक मनुष्य के निवास-स्थान को मत उजाड़ना।
इस पर फरीसी सभागृह से बाहर निकले, और उन्होंने येशु के विरुद्ध यह परामर्श किया कि हम किस तरह उनका विनाश करें।
पास्का (फसह) तथा बेखमीर रोटी के पर्व में दो दिन रह गये थे। महापुरोहित और शास्त्री येशु को छल से गिरफ्तार करने और उनको मार डालने का उपाय ढूँढ़ रहे थे।
और कहा, “तू शैतान की संतान है! तू धूर्तता और कपट से कूट-कूट कर भरा हुआ है और हर प्रकार की धार्मिकता का शत्रु है! क्या तू प्रभु के सीधे मार्ग टेढ़े बनाने से बाज़ नहीं आयेगा?
उसने हमारी जाति के साथ कपटपूर्ण व्यवहार किया, और हमारे पूर्वजों पर अत्याचार किया। उसने हमारे पूर्वजों को बाध्य किया कि वे अपने नवजात शिशुओं को बाहर फेंक दिया करें, जिससे वे जीवित न रह सकें।
मुझे डर है कि जिस प्रकार सांप ने अपनी धूर्तता से हव्वा को धोखा दिया था, उसी प्रकार आप लोगों का मन भी न बहका दिया जाए और आप मसीह के प्रति अपनी निष्कपट और सच्ची भक्ति न खो बैठें;