दाऊद ने नातान से कहा, ‘मैंने प्रभु के विरुद्ध पाप किया।’ नातान ने दाऊद को उत्तर दिया, ‘प्रभु ने भी आपके पाप को क्षमा किया। अब आप पाप के कारण नहीं मरेंगे।
भजन संहिता 51:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तू अंत:करण की सच्चाई से प्रसन्न होता है; अत: मेरे हृदय को ज्ञान की बातें सिखा। पवित्र बाइबल हे परमेश्वर, तू चाहता है, हम विश्वासी बनें। और मैं निर्भय हो जाऊँ। इसलिए तू मुझको सच्चे विवेक से रहस्यों की शिक्षा दे। Hindi Holy Bible देख, तू हृदय की सच्चाई से प्रसन्न होता है; और मेरे मन ही में ज्ञान सिखाएगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) देख, तू हृदय की सच्चाई से प्रसन्न होता है; और मेरे मन ही में ज्ञान सिखाएगा। नवीन हिंदी बाइबल देख, तू हृदय की सच्चाई से प्रसन्न होता है, और मेरे मन में मुझे बुद्धि की बातें सिखाता है। सरल हिन्दी बाइबल यह भी बातें हैं कि आपकी यह अभिलाषा है, कि हमारी आत्मा में सत्य हो; तब आप मेरे अंतःकरण में भलाई प्रदान करेंगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 देख, तू हृदय की सच्चाई से प्रसन्न होता है; और मेरे मन ही में ज्ञान सिखाएगा। |
दाऊद ने नातान से कहा, ‘मैंने प्रभु के विरुद्ध पाप किया।’ नातान ने दाऊद को उत्तर दिया, ‘प्रभु ने भी आपके पाप को क्षमा किया। अब आप पाप के कारण नहीं मरेंगे।
‘हे प्रभु, स्मरण कर कि मैं सच्चाई और सम्पूर्ण हृदय से तेरे सम्मुख तेरे मार्ग पर चलता रहा। मैंने उन्हीं कार्यों को किया है, जो तेरी दृष्टि में उचित हैं।’ यह कहकर हिजकियाह फूट-फूटकर रोने लगा।
हे मेरे परमेश्वर! मैं जानता हूं, तू हृदय को परखता है। तू निष्कपट हृदय के व्यक्ति से प्रसन्न होता है। मैं निष्कपट हृदय से यह सब भेंट स्वेच्छापूर्वक तुझे अर्पित करता हूँ। अब मैंने तेरे निज लोगों को भी देखा जिन्होंने आनन्दपूर्वक स्वेच्छा से तुझे भेंट चढ़ाई।
पर नहीं बुद्धि आयु से नहीं आती : मानव में आत्मा होती है; सर्वशक्तिमान परमेश्वर की सांस मनुष्य को समझने की शक्ति प्रदान करती है।
मैंने तेरे सम्मुख अपना पाप स्वीकार किया, और अपने अधर्म को छिपाया नहीं; मैंने कहा, “मैं प्रभु के समक्ष अपने अपराध स्वीकार करूंगा।” और तूने मेरे पाप और अधर्म को क्षमाकर दिया। सेलाह
मेरे शत्रु मेरे विषय में दुष्टता से यह कहते हैं: “वह कब मरेगा, और कब उसका नाम मिटेगा?”
उनके मुंह में सत्य नहीं है, उनका हृदय विनाश है, उनका गला खुली कबर है, वे अपनी जीभ से ठकुर-सुहाती करते हैं।
क्योंकि निष्कपट व्यक्ति ही देश में बसे रहेंगे, निर्दोष मनुष्य ही उसमें निवास करते रहेंगे।
मैं तुझसे क्यों वाद-विवाद करूं? क्योंकि तू धार्मिक है, और तेरा न्याय सच्चा है। फिर भी, हे प्रभु, मैं तेरे सम्मुख अपनी शिकायत पेश करूंगा; दुर्जन अपने काम में सफल क्यों होते हैं? विश्वासघाती सुख-चैन से क्यों रहते हैं?
प्रभु यों कहता है : ‘उन दिनों के पश्चात् मैं इस्राएली जनता से यह विधान स्थापित करूंगा: मैं उनके मन में अपनी व्यवस्था प्रतिष्ठित करूंगा, और मैं उसको उनके हृदय पर लिखूंगा। मैं उनका परमेश्वर होऊंगा, और वे मेरे निज लोग होंगे।
‘मैं उन के साथ शाश्वत विधान स्थापित करूंगा ताकि मैं उनकी भलाई निरन्तर करता रहूं। मैं उनके हृदय में अपने लिए भक्ति की भावना डालूंगा जिससे वे मेरी ओर से मुंह न मोड़ लें।
‘हे प्रभु, क्या तू सच्चाई को नहीं देखता? देख, तूने उनको मारा, किन्तु उन्हें पीड़ा का अनुभव ही नहीं हुआ! तूने उनका संहार किया, फिर भी उन्होंने इससे पाठ नहीं सीखा! उन्होंने अपना हृदय चट्टान से अधिक कठोर बना लिया, उन्होंने पश्चात्ताप करने से इन्कार कर दिया।’
प्रभु ने उससे कहा, “तुम फरीसी लोग कटोरों और थालियों को बाहर से तो माँजते हो, परन्तु तुम्हारे भीतर लालच और दुष्टता भरी है।
हमें एक बात का गर्व है-हमारा अन्त:करण हमें विश्वास दिलाता है कि हमने मनुष्यों के साथ और विशेष कर आप लोगों के साथ जो व्यवहार किया है, वह संसार की बुद्धिमानी के अनुसार नहीं, बल्कि उस सच्चाई और ईमानदारी के अनुसार था जो परमेश्वर की कृपा का वरदान है।
परमेश्वर के पास जायें और वह आप के पास आयेगा। पापियो! अपने हाथ शुद्ध करो। कपटियो! अपना हृदय पवित्र करो।
वह हृदय के अभ्यन्तर का शृंगार हो, अर्थात् विनम्र तथा शान्त स्वभाव का अनश्वर अलंकरण, जो परमेश्वर की दृष्टि में बहुत मूल्यवान् है।
परन्तु प्रभु ने शमूएल से कहा, ‘तू उसके बाहरी रूप-रंग और ऊंचे कद पर ध्यान मत दे। मैंने उसे अस्वीकार किया है। जिस दृष्टि से मनुष्य देखता है, उस दृष्टि से मैं नहीं देखता। मनुष्य व्यक्ति के बाहरी रूप-रंग को देखता है, पर मैं उसके हृदय को देखता हूँ।’