ऑनलाइन बाइबिल

विज्ञापनों


संपूर्ण बाइबिल पुराना वसीयतनामा नया करार




भजन संहिता 13:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

कब तक मैं अपने को समझता रहूँगा? मेरे हृदय में दिन भर वेदना होती है, कब तक मेरा शत्रु मुझ पर प्रबल होता रहेगा?

अध्याय देखें

पवित्र बाइबल

तू मुझे भूल गया यह कब तक मैं सोचूँ? अपने ह्रदय में कब तक यह दु:ख भोगूँ? कब तक मेरे शत्रु मुझे जीतते रहेंगे?

अध्याय देखें

Hindi Holy Bible

मैं कब तक अपने मन ही मन में युक्तियां करता रहूं, और दिन भर अपने हृदय में दुखित रहा करूं, कब तक मेरा शत्रु मुझ पर प्रबल रहेगा?

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

मैं कब तक अपने मन ही मन में युक्‍तियाँ करता रहूँ, और दिन भर अपने हृदय में दुखित रहा करूँ? कब तक मेरा शत्रु मुझ पर प्रबल रहेगा?

अध्याय देखें

नवीन हिंदी बाइबल

कब तक मैं अपने मन में व्याकुल रहूँ? मैं कब तक अपने हृदय में शोकित रहूँ? कब तक मेरा शत्रु मुझ पर प्रबल होता रहेगा?

अध्याय देखें

सरल हिन्दी बाइबल

कब तक मैं अपने मन को समझाता रहूं? कब तक दिन-रात मेरा हृदय वेदना सहता रहेगा? कब तक मेरे शत्रु मुझ पर प्रबल होते रहेंगे?

अध्याय देखें

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

मैं कब तक अपने मन ही मन में युक्तियाँ करता रहूँ, और दिन भर अपने हृदय में दुःखित रहा करूँ?, कब तक मेरा शत्रु मुझ पर प्रबल रहेगा?

अध्याय देखें



भजन संहिता 13:2
44 क्रॉस रेफरेंस  

सम्राट ने मुझसे पूछा, “तुम्‍हारा चेहरा उदास क्‍यों है? क्‍या बीमार हो? निस्‍सन्‍देह यह मानसिक पीड़ा ही है।’ मैं यह सुनकर बहुत डर गया।


‘वह बैरी, वह दुश्‍मन, यह दुष्‍ट हामान है!’, एस्‍तर ने कहा। हामान सम्राट और रानी के सामने आतंकित हो गया।


यदि मैं दुर्जन होऊं तो मुझे धिक्‍कार है! यदि मैं धार्मिक हूं तो भी मैं अपना सिर उठाने का साहस नहीं कर सकता; क्‍योंकि मैं अपमान की बाढ़ में डूब चुका हूं, मैं क्षण-क्षण पीड़ा की मार सह रहा हूं!


मृत्‍यु के पाश ने मुझे लपेटा था; मृतक-लोक के फन्‍दों ने मुझे फंसा लिया था; मुझे संकट और शोक सहना पड़ा।


उन दुर्जनों से, जो मुझे लूटते हैं, मेरे प्राणघातक शत्रुओं से, जो मुझे घेरते हैं।


झूठ बोलने वाले ओंठ बन्‍द हो जाएं; जो तिरस्‍कार एवं अहंकार में धृष्‍ठता से धार्मिकों के विरुद्ध बोलते हैं।


मैं लड़खड़ाकर गिरने पर हूँ; मेरी पीड़ा निरन्‍तर मेरे साथ है।


जब मुझे ये बातें स्‍मरण आती हैं तब मेरे हृदय में तीव्र भाव उमड़ आते हैं: मैं लोगों के साथ गया था। मैंने उन्‍हें परमेश्‍वर के भवन तक पहुंचाया था। जनसमूह जयजयकार और स्‍तुति के साथ पर्व मना रहा था।


प्रभु, लौट और मेरे प्राण बचा, अपने करुण स्‍वभाव के कारण मुझे मुक्‍त कर!


ऐसा न हो कि वे सिंह के समान मुझे पकड़ लें, मेरे टुकड़े-टुकड़े करें, और मुझे बचानेवाला कोई न हो।


हे परमेश्‍वर, कब तक बैरी हमारी निन्‍दा करता रहेगा? क्‍या शत्रु तेरे नाम का तिरस्‍कार निरन्‍तर करेगा?


हे प्रभु, स्‍मरण कर कि शत्रु तेरी कैसी निन्‍दा करता है, मूर्ख तेरे नाम का तिरस्‍कार करते हैं।


शिशुओं और बच्‍चों के मुख से तेरी स्‍तुति होती है। अपने बैरियों के कारण, अपने शत्रु और प्रतिशोधी का अंत करने के लिए तूने एक गढ़ बनाया है।


तूने उनके नगर जड़ से उखाड़ दिए; शत्रु अनन्‍त खण्‍डहरों में लुप्‍त हो गए; उनके स्‍मृति-चिह्‍न ही मिट गए।


यदि हृदय प्रसन्न है तो चेहरे पर रौनक रहती है; किन्‍तु यदि हृदय दु:खित है तो अन्‍तर-आत्‍मा भी उदास रहती है।


उसने व्‍यर्थ ही परिश्रम किया, उसने अपना सम्‍पूर्ण जीवन अन्‍धकार और दु:ख में, चिन्‍ता और रोग में, असन्‍तोष में व्‍यतीत किया।


तब क्‍यों मेरी पीड़ा दूर नहीं हो रही है? मेरा घाव क्‍यों नहीं भर रहा है? क्‍या तू मेरे लिए मृग-तृष्‍णा बन गया है? क्‍या तू ऐसा झरना हो गया है, जो सूख जाता है? क्‍या तू गरजनेवाला बादल हो गया है; जो गरजता तो है पर बरसता नहीं?


तूने अपने आप से यह कहा था: “मुझे धिक्‍कार है! क्‍या मेरा दु:ख कम था कि प्रभु मुझ पर एक के बाद एक विपत्ति ढाहता रहा। मैं कराहते-कराहते थक गया। मुझे कहीं चैन नहीं मिला।”


मेरा दु:ख असहनीय है। शोक में मेरा हृदय डूब रहा है।


सियोन के बैरी अब अगुए बन गए; उसके शत्रु खुशहाल हैं। सियोन के अपार अपराधों के कारण प्रभु ने उसको दु:ख भोगने के लिए विवश किया है। सियोन के निवासी शत्रु के सम्‍मुख बन्‍दी बनाए गए, और वे निर्वासित हो गए।


उसकी अशुद्धता उसके कपड़ों पर लिपटी है। उसने अपने अंत का विचार भी न किया। अत: वह विस्‍मित ढंग से पतन के गड्ढे में गिर पड़ी! उसे सांत्‍वना देनेवाला भी कोई नहीं है। ‘हे प्रभु, मेरे कष्‍टों को देख; क्‍योंकि शत्रु मुझ पर प्रबल हो गया!’


प्रभु, तूने हमें क्‍यों सदा के लिए भुला दिया, तूने इतने दिन तक हमें क्‍यों छोड़ रखा है।


और उन से बोले, “मैं अत्‍यन्‍त व्‍याकुल हूँ मानो मेरे प्राण निकल रहे हों! तुम यहाँ ठहरो और मेरे साथ जागते रहो।”


मैं प्रतिदिन मन्‍दिर में तुम्‍हारे साथ रहा और तुम ने मुझ पर हाथ नहीं डाला। परन्‍तु यह तुम्‍हारा समय है और उस पर अन्‍धकार का अधिकार है।”


मैंने तुम्‍हें ये बातें बताई हैं, इसलिए तुम्‍हारा हृदय शोक से भर गया है।


मेरे हृदय में भारी पीड़ा है तथा मुझे निरन्‍तर दु:ख होता है।


वास्‍तव में वह बहुत बीमार था और मरने पर था; किन्‍तु उस पर परमेश्‍वर की दया हुई, और न केवल उस पर बल्‍कि मुझ पर भी, जिससे मुझे दु:ख पर दु:ख न सहना पड़े।


अत: वह दाऊद से और अधिक डरने लगा। शाऊल दाऊद से सदा शत्रुता करता रहा।


जब कोई व्यक्‍ति अपने शत्रु को पाता है तब क्‍या वह उसे सुरक्षित जाने देता है? जो व्‍यवहार आज तूने मेरे साथ किया है, प्रभु उसके बदले में तेरा भला करे।