काश! अशुद्ध मनुष्यजाति में एक भी मनुष्य शुद्ध होता! पर नहीं, एक भी मनुष्य शुद्ध नहीं है।
प्रेरितों के काम 4:27 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) “वास्तव में शासक हेरोदेस और राज्यपाल पोंतियुस पिलातुस ने, अन्य-जातियों तथा इस्राएल की जनता के साथ, इस नगर में तेरे परमपावन सेवक येशु के विरुद्ध, जिनका तूने अभिषेक किया, षड्यन्त्र रचा था पवित्र बाइबल हाँ, हेरोदेस और पुन्तियुस पिलातुस भी इस नगर में ग़ैर यहूदियों और इस्राएलियों के साथ मिल कर तेरे पवित्र सेवक यीशु के विरोध में, जिसे तूने मसीह के रूप में अभिषिक्त किया था, वास्तव में एकजुट हो गये थे। Hindi Holy Bible क्योंकि सचमुच तेरे सेवक यीशु के विरोध में, जिस तू ने अभिषेक किया, हेरोदेस और पुन्तियुस पीलातुस भी अन्य जातियों और इस्त्राएलियों के साथ इस नगर में इकट्ठे हुए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि सचमुच तेरे सेवक यीशु के विरोध में, जिसका तू ने अभिषेक किया, हेरोदेस और पुन्तियुस पिलातुस भी अन्य जातियों और इस्राएलियों के साथ इस नगर में इकट्ठे हुए, नवीन हिंदी बाइबल “क्योंकि सचमुच तेरे पवित्र सेवक यीशु के विरुद्ध, जिसका अभिषेक तूने किया, हेरोदेस और पुंतियुस पिलातुस भी गैरयहूदियों और इस्राएल के लोगों के साथ इस नगर में इकट्ठे हुए, सरल हिन्दी बाइबल यह एक सच्चाई है कि इस नगर में हेरोदेस तथा पोन्तियॉस पिलातॉस दोनों ही इस्राएलियों तथा गैर-यहूदियों के साथ मिलकर आपके द्वारा अभिषिक्त, आपके पवित्र सेवक मसीह येशु के विरुद्ध एकजुट हो गए इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “क्योंकि सचमुच तेरे पवित्र सेवक यीशु के विरोध में, जिसे तूने अभिषेक किया, हेरोदेस और पुन्तियुस पिलातुस भी अन्यजातियों और इस्राएलियों के साथ इस नगर में इकट्ठे हुए, (यशा. 61:1) |
काश! अशुद्ध मनुष्यजाति में एक भी मनुष्य शुद्ध होता! पर नहीं, एक भी मनुष्य शुद्ध नहीं है।
मनुष्य की हस्ती ही क्या है कि वह पाप से स्वयं शुद्ध हो सके? जो स्त्री से उत्पन्न हुआ है, क्या वह कभी धार्मिक बन सकता है?
तब क्या मनुष्य उसके सम्मुख धार्मिक सिद्ध हो सकता है? नारी से उत्पन्न मानव कदापि पवित्र नहीं हो सकता है!
प्रभु और उसके अभिषिक्त राजा के विरोध में, संसार के राजाओं ने संकल्प किया है, शासकों ने एक साथ मन्त्रणा की है।
आप धार्मिकता से प्रेम करते हैं और दुराचार से घृणा। इसलिए परमेश्वर ने, आपके परमेश्वर ने, आपके साथियों से आपको पृथक कर, हर्ष के तेल से आपका अभिषेक किया है।
‘ओ सनहेरिब, क्या तूने यह नहीं सुना? जिस को अब मैं कार्यरूप में परिणत कर रहा हूं, उसकी योजना पूर्वकाल में मैंने बनाई थी, बहुत पहले से ही मैं उसको निर्धारित कर चुका था। उस योजना में तेरा कार्य केवल यह था कि तू किलेबन्द नगरों को खण्डहर के ढेरों में बदल दे।
अपने सेवक से जिसको मनुष्य सर्वथा तुच्छ समझते हैं, जिससे राष्ट्र घृणा करते हैं, जो शासकों का गुलाम है, उससे प्रभु इस्राएल का मुक्तिदाता और उसका पवित्र परमेश्वर यों कहता है : ‘तुझे देखकर राजा अपने सिंहासन से खड़े हो जाएंगे, सामन्त तेरे सम्मुख भूमि पर लेटकर तुझे साष्टांग प्रणाम करेंगे, क्योंकि मैं-प्रभु ने, जो सच्चा परमेश्वर हूं, जो इस्राएल का पवित्र परमेश्वर हूं, तुझे मनोनीत किया है।’
लोगों ने उससे घृणा की; उन्होंने उसको त्याग दिया। वह दु:खी मनुष्य था, केवल पीड़ा से उसकी पहचान थी। उसको देखते ही लोग अपना मुख फेर लेते थे। हम ने उससे घृणा की और उसका मूल्य नहीं जाना।
प्रभु का आत्मा मुझ पर है; क्योंकि उसने पीड़ित व्यक्तियों को शुभ-सन्देश सुनाने के लिए मेरा अभिषेक किया है; स्वामी प्रभु ने मुझे इस कार्य के लिए भेजा है कि मैं घायल हृदयवालों को स्वस्थ करूं, बन्दियों को स्वतंत्रता का सन्देश सुनाऊं, और जो कारागार में हैं उनके लिए कारागार के द्वार खोल दूं।
हेरोदेस ने अपने भाई फिलिप की पत्नी हेरोदियस के कारण योहन को गिरफ्तार किया और उन्हें बाँध कर बन्दीगृह में डाल दिया था;
हेरोदेस के जन्मदिवस के अवसर पर हेरोदियस की पुत्री ने अतिथियों के सामने नृत्य किया और हेरोदेस को मुग्ध कर दिया।
“तुम लोगों का क्या विचार है? किसी मनुष्य के दो पुत्र थे। उसने पहले के पास जा कर कहा, ‘बेटा! जाओ, आज अंगूर-उद्यान में काम करो।’
“ओ यरूशलेम नगरी! यरूशलेम नगरी! तू नबियों की हत्या करती है और अपने पास भेजे हुए संदेश-वाहकों को पत्थरों से मार डालती है। मैंने कितनी बार चाहा कि तेरी सन्तान को वैसे ही एकत्र कर लूँ, जैसे मुर्गी अपने बच्चों को अपने पंखों के नीचे एकत्र कर लेती है, परन्तु तूने मुझे यह करने नहीं दिया।
“देखो, हम यरूशलेम जा रहे हैं। मानव-पुत्र महापुरोहितों और शास्त्रियों के हाथ में सौंप दिया जाएगा। वे उसे प्राणदण्ड के योग्य ठहराएँगे और अन्य-जातियों के हाथ में सौंप देंगे।
महापुरोहित भी आपस में और शास्त्रियों के साथ उनका उपहास करते हुए यह कह रहे थे, “इसने दूसरों को बचाया, किन्तु यह अपने को नहीं बचा सकता।
स्वर्गदूत ने उत्तर दिया, “पवित्र आत्मा आप पर उतरेगा और सर्वोच्च परमेश्वर का सामर्थ्य आप पर छाया करेगा। इसलिए जो आप से उत्पन्न होगा, वह पवित्र होगा और परमेश्वर का पुत्र कहलाएगा।
“प्रभु का आत्मा मुझ पर है, क्योंकि उसने मेरा अभिषेक किया है कि मैं गरीबों को शुभ-समाचार सुनाऊं, उसने मुझे भेजा है जिससे मैं बन्दियों को मुक्ति का और अन्धों को दृष्टि-प्राप्ति का सन्देश दूँ, मैं दलितों को स्वतन्त्र करूँ
येशु ने कहा, “मानव-पुत्र को बहुत दु:ख उठाना होगा। यह अनिवार्य है कि वह धर्मवृद्धों, महापुरोहितों और शास्त्रियों द्वारा ठुकराया जाए, मार डाला जाए और तीसरे दिन जीवित हो उठे।”
तो जिसे पिता ने पवित्र ठहरा कर संसार में भेजा है, उससे तुम लोग यह कैसे कहते हो, ‘तुम ईश-निन्दा करते हो’; क्योंकि मैंने कहा, ‘मैं परमेश्वर का पुत्र हूँ’?
तब वे येशु को काइफा के यहाँ से राजभवन ले गये। अब प्रात:काल हो गया था। यहूदी धर्मगुरु राजभवन के अन्दर इसलिए नहीं गये कि गैर-यहूदियों के सम्पर्क से अशुद्ध न हो जाएँ, बल्कि पास्का (फसह) पर्व का भोज खा सकें।
इसलिए राज्यपाल पिलातुस बाहर आ कर उनसे मिला और बोला, “तुम लोग इस मनुष्य पर कौन-सा अभियोग लगाते हो?”
परमेश्वर ने उन्हीं येशु को पवित्र आत्मा और सामर्थ्य से अभिषिक्त किया था और वह चारों ओर घूम-घूम कर भलाई करते रहे और शैतान के वश में आये हुए लोगों को स्वस्थ करते रहे, क्योंकि परमेश्वर उनके साथ था।
क्योंकि तू मेरे प्राण को अधोलोक में नहीं छोड़ेगा, तू अपने पवित्रजन को कबर में गलने नहीं देगा।
तू अपना हाथ बढ़ा कर अपने परमपावन सेवक येशु के नाम पर स्वास्थ्यलाभ, चिह्न तथा आश्चर्यपूर्ण कार्य होने दे।”
यह उचित ही था कि हमें इस प्रकार के महापुरोहित मिलें, जो पवित्र, निर्दोष, निष्कलंक, पापियों से सर्वथा भिन्न और स्वर्ग से भी उच्चतर हों।