“जब वे तुम्हें सभागृहों, न्यायाधीशों और शासकों के सामने खींच ले जाएँगे, तो यह चिन्ता न करना कि तुम कैसे और क्या उत्तर दोगे अथवा अपनी ओर से क्या कहोगे;
प्रेरितों के काम 22:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) “भाइयो और गुरुजनो! अब मेरे पक्ष के समर्थन में मेरा वक्तव्य सुनिये।” पवित्र बाइबल पौलुस ने कहा, “हे भाइयो और पितृ तुल्य सज्जनो! मेरे बचाव में अब मुझे जो कुछ कहना है, उसे सुनो।” Hindi Holy Bible हे भाइयों, और पितरो, मेरा प्रत्युत्तर सुनो, जो मैं अब तुम्हारे साम्हने कहता हूं॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “हे भाइयो और पितरो, मेरा प्रत्युत्तर सुनो, जो मैं अब तुम्हारे सामने प्रस्तुत करता हूँ।” नवीन हिंदी बाइबल “हे भाइयो और बुज़ुर्गो, अब अपने सामने मेरा प्रत्युत्तर सुनो।” सरल हिन्दी बाइबल “प्रियजन! अब कृपया मेरा उत्तर सुन लें.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “हे भाइयों और पिताओं, मेरा प्रत्युत्तर सुनो, जो मैं अब तुम्हारे सामने कहता हूँ।” |
“जब वे तुम्हें सभागृहों, न्यायाधीशों और शासकों के सामने खींच ले जाएँगे, तो यह चिन्ता न करना कि तुम कैसे और क्या उत्तर दोगे अथवा अपनी ओर से क्या कहोगे;
“भाइयो! अब्राहम के वंशजो और यहाँ उपस्थित परमेश्वर के भक्तो! मुक्ति का यह सन्देश हम सब के पास भेजा गया है।
तब कुछ यहूदियों ने सिकन्दर को समझा कर आगे ढकेल दिया। सिकन्दर ने हाथ से संकेत किया कि वह लोगों को स्पष्टीकरण देना चाहता है;
पौलुस ने धर्म-महासभा की ओर एकटक दृष्टि से देखा, और कहा, “भाइयो! मैं इस दिन तक परमेश्वर की दृष्टि में शुद्ध अन्त:करण से जीवन व्यतीत करता रहा।”
पौलुस यह जानते थे कि धर्म-महासभा में दो दल हैं : एक सदूकियों का और दूसरा फ़रीसियों का। इसलिए उन्होंने पुकार कर कहा, “भाइयो! मैं हूँ फ़रीसी और फरीसियों की सन्तान! मृतकों के पुनरुत्थान की आशा के कारण मुझ पर मुकदमा चल रहा है।”
राज्यपाल ने पौलुस को बोलने का संकेत किया, तो उन्होंने यह उत्तर दिया : “मैं यह जान कर प्रसन्नता के साथ अपनी सफाई दे रहा हूँ कि आप बहुत वर्षों से इस जाति के न्यायाधीश हैं।
मैंने उत्तर दिया, ‘जब तक अभियुक्त को अभियोगियों के आमने-सामने न खड़ा किया जाये और उसे अभियोग के विषय में सफ़ाई देने का अवसर न मिले, तब तक अभियुक्त को अभियोगियों के हवाले करना रोमियों की प्रथा नहीं है।’
पौलुस ने अपने पक्ष के समर्थन में उत्तर दिया, “मैंने न तो यहूदियों की व्यवस्था के विरुद्ध कोई अपराध किया है, न मन्दिर के विरुद्ध, और न रोमन सम्राट के विरुद्ध।”
पौलुस इस प्रकार अपनी सफ़ाई दे ही रहे थे कि फ़ेस्तुस ऊंचे स्वर से बोल उठा, “पौलुस! तुम पागल हो। तुम्हारा प्रकाण्ड पाण्डित्य तुम को पागल बना रहा है।”
तीन दिन के पश्चात् पौलुस ने प्रमुख यहूदियों को अपने पास बुलाया और उनके एकत्र हो जाने पर उनसे कहा, “भाइयो! मैंने न तो हमारी जाति के विरुद्ध कोई अपराध किया और न पूर्वजों कि प्रथाओं के विरुद्ध, फिर भी मुझे यरूशलेम में बन्दी बनाया गया और रोमियों के हवाले कर दिया गया है।
स्तीफनुस ने उत्तर दिया, “भाइयो और गुरुजनो! मेरी बात सुनिए। जब हमारे पूर्वज अब्राहम हारान देश में बसने से पहले मेसोपोतामिया में रहते थे, तो उस समय महिमामय परमेश्वर ने उन्हें दर्शन दिये
क्योंकि वे अपने आचरण से इसका प्रमाण देते हैं कि व्यवस्था की आज्ञाएँ उनके हृदय पर अंकित हैं। उनका अन्त:करण भी इसके सम्बन्ध में साक्षी देता है। उनके विचार उन्हें कभी दोषी, तो कभी निर्दोष ठहराते हैं।
आप लोग यह समझते होंगे कि अब तक हम आप के सामने अपनी सफ़ाई दे रहे हैं। बात ऐसी नहीं है। हम यह सब मसीह में, परमेश्वर की उपस्थिति में कह रहे हैं। प्रिय भाइयो और बहिनो! सब कुछ आपके आध्यात्मिक निर्माण के लिए हो रहा है।
आप देखते हैं कि आपने जो दु:ख परमेश्वर की इच्छानुसार स्वीकार किया, उससे आप में कितनी निष्ठा उत्पन्न हुई, अपनी सफाई देने की कितनी तत्परता, कितना रोष, कितनी आशंका, कितनी अभिलाषा, कितना उत्साह और न्याय चुकाने की कितनी इच्छा! इस प्रकार आपने इस मामले में हर तरह से निर्दोष होने का प्रमाण दिया है।
किन्तु वे दूसरे लोग प्रतिस्पर्द्धा से प्रेरित हो कर शुद्ध उद्देश्य से मसीह का प्रचार नहीं करते। वे समझते हैं कि वे इस प्रकार मेरी कैद को और भारी बना देंगे।
आप सब के विषय में मेरा यह विचार उचित है। आप मेरे हृदय में बस गये हैं, क्योंकि जब मैं कैद में हूँ या शुभ समाचार की सच्चाई की रक्षा और पुष्टि कर रहा हूँ, तो आप सब मेरे इस अनुग्रह में सहभागी हो जाते हैं जो मुझ पर हुआ है।
जब मुझे पहली बार न्यायालय में अपनी सफाई देनी पड़ी, तो किसी ने मेरा साथ नहीं दिया-सब ने मुझे छोड़ दिया। आशा है, उन्हें इसका लेखा देना नहीं पड़ेगा।
मसीह को प्रभु मानकर उनपर हार्दिक श्रद्धा रखें। जो लोग आपकी आशा के आधार के विषय में आप से प्रश्न करते हैं, उन्हें विनम्रता तथा आदर के साथ उत्तर देने के लिए सदा तैयार रहें। अपना अन्त: करण शुद्ध रखें। इस प्रकार जो लोग आप को बदनाम करते हैं और आपके भले मसीही आचरण की निन्दा करते हैं, उन्हें लज्जित होना पड़ेगा।