प्रेरितों के काम 24:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)
10 राज्यपाल ने पौलुस को बोलने का संकेत किया, तो उन्होंने यह उत्तर दिया : “मैं यह जान कर प्रसन्नता के साथ अपनी सफाई दे रहा हूँ कि आप बहुत वर्षों से इस जाति के न्यायाधीश हैं।
10 फिर राज्यपाल ने जब पौलुस को बोलने के लिये इशारा किया तो उसने उत्तर देते हुए कहा, “तू बहुत दिनों से इस देश का न्यायाधीश है। यह जानते हुए मैं प्रसन्नता के साथ अपना बचाव प्रस्तुत कर रहा हूँ।
10 तब हाकिम ने पौलुस को बोलने के लिये सैन किया तो उस ने उत्तर दिया, मैं यह जानकर कि तू बहुत वर्षों से इस जाति का न्याय करता है, आनन्द से अपना प्रत्युत्तर देता हूं।
10 जब हाकिम ने पौलुस को बोलने का संकेत किया, तो उसने उत्तर दिया : “मैं यह जानकर कि तू बहुत वर्षों से इस जाति का न्याय कर रहा है, आनन्द से अपना प्रत्युत्तर देता हूँ।
10 जब राज्यपाल ने पौलुस को बोलने का संकेत किया तो उसने उत्तर दिया, “यह जानकर कि तू बहुत वर्षों से इस जाति का न्यायाधीश है, मैं प्रसन्नतापूर्वक अपने बचाव में बोलता हूँ।
10 राज्यपाल फ़ेलिक्स की ओर से संकेत प्राप्त होने पर पौलॉस ने इसके उत्तर में कहना प्रारंभ किया. “इस बात के प्रकाश में कि आप इस राष्ट्र के न्यायाधीश रहे हैं, मैं खुशी से अपना बचाव प्रस्तुत कर रहा हूं.
मसीह को प्रभु मानकर उनपर हार्दिक श्रद्धा रखें। जो लोग आपकी आशा के आधार के विषय में आप से प्रश्न करते हैं, उन्हें विनम्रता तथा आदर के साथ उत्तर देने के लिए सदा तैयार रहें। अपना अन्त: करण शुद्ध रखें। इस प्रकार जो लोग आप को बदनाम करते हैं और आपके भले मसीही आचरण की निन्दा करते हैं, उन्हें लज्जित होना पड़ेगा।
उसने अनुमति दे दी। तब पौलुस ने सीढ़ियों पर खड़े हो कर हाथ से लोगों को चुप रहने के लिए संकेत किया। जब सब चुप हो गये, तो पौलुस ने उन्हें इब्रानी भाषा में सम्बोधित किया :
पतरस ने हाथ से चुप रहने का संकेत किया और उन्हें बताया कि किस प्रकार परमेश्वर उनको बन्दीगृह से बाहर निकाल लाया है। फिर पतरस ने कहा, “याकूब और भाई-बहिनों को इन बातों की खबर दे देना।” और वह वहाँ से निकल कर किसी दूसरी जगह चले गये।
यदि एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के प्रति अपराध करता है, तो परमेश्वर उसके लिए हस्तक्षेप करता है। परन्तु यदि व्यक्ति स्वयं प्रभु के प्रति पाप करेगा तो कौन उसकी क्षमा के लिए प्रार्थना कर सकता है?’ पुत्रों ने अपने पिता की बातों पर कान नहीं दिया; क्योंकि यह प्रभु की इच्छा थी कि वे मर जाएँ।
“जब वे तुम्हें सभागृहों, न्यायाधीशों और शासकों के सामने खींच ले जाएँगे, तो यह चिन्ता न करना कि तुम कैसे और क्या उत्तर दोगे अथवा अपनी ओर से क्या कहोगे;