प्रकाशितवाक्य 7:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इन्हें फिर कभी न तो भूख लगेगी और न प्यास, इन्हें न तो धूप से कष्ट होगा और न किसी प्रकार के ताप से; पवित्र बाइबल न कभी उन्हें भूख सताएगी और न ही वे फिर कभी प्यासे रहेंगे। सूरज उनका कुछ नहीं बिगाड़ेगा और न ही चिलचिलाती धूप कभी उन्हें तपाएगी। Hindi Holy Bible वे फिर भूखे और प्यासे न होंगे: ओर न उन पर धूप, न कोई तपन पड़ेगी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वे फिर भूखे और प्यासे न होंगे; और न उन पर धूप, न कोई तपन पड़ेगी। नवीन हिंदी बाइबल फिर वे कभी भूखे और प्यासे न होंगे, और न ही उन पर धूप और तपन पड़ेगी। सरल हिन्दी बाइबल ‘वे अब न तो कभी भूखे होंगे, न प्यासे. न तो सूर्य की गर्मी उन्हें झुलसाएगी,’ और न कोई अन्य गर्मी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “वे फिर भूखे और प्यासे न होंगे; और न उन पर धूप, न कोई तपन पड़ेगी। |
मैं तेरी ओर अपने हाथ फैलाता हूं; सूखी भूमि के समान मेरा प्राण तेरे लिए प्यासा है। सेलाह
मेरा प्राण परमेश्वर के, जीवंत परमेश्वर के दर्शन का प्यासा है। मैं कब जाऊंगा और परमेश्वर के मुख का दर्शन पाऊंगा?
हे परमेश्वर, तू ही मेरा परमेश्वर है, मैं प्रभात में तेरा दर्शन करने जाऊंगा। शुष्क और तप्त भूमि पर, जहां जल नहीं है, मेरा प्राण तेरे लिए प्यासा है, मेरी देह तेरे लिए अभिलाषित है।
मुझे टेढ़ी नजर से मत देखो, कि मैं रंग की सांवली हूं, कि मैं धूप की झुलसी हूं। मेरे सहोदर भाई मुझसे नाराज थे, उन्होंने मुझे अंगूर-उद्यानों की रखवाली पर लगाया। पर मैं स्वयं अपने अंगूर-उद्यान की रखवाली न कर सकी!
तू गरीबों का सुदृढ़ आश्रय रहा है; तू संकट में पड़े निर्धन का सहारा रहा है। तू तूफान से रक्षा करनेवाला शरण-स्थल, ग्रीष्म-ताप से बचानेवाली शीतल छाया है। निर्दयी जन का फूत्कार उस तूफान के झोंके-सा है, जो दीवार से टकराता है;
राजा और प्रशासक जनता के लिए मानो आंधी से छिपने का आश्रय-स्थल तूफान से बचने का आड़-स्थल होंगे। वे मानो निर्जल प्रदेश में जल के झरने उत्तप्त भूमि में विशाल चट्टान की छाया होंगे।
जब दीन-हीन जन पानी ढूंढ़ेंगे, और उन्हें पानी नहीं मिलेगा; जब उनका तालु प्यास के कारण सूखेगा, तब मैं, इस्राएल का प्रभु परमेश्वर उनकी प्रार्थना का उत्तर दूंगा, मैं उन्हें नहीं त्यागूंगा।
वे न भूखे रहेंगे, और न प्यासे; वे न गर्म रेत से पीड़ित होंगे, और न धूप में उन्हें कष्ट होगा; क्योंकि जिसने उन पर दया की है, और उन्हें छुड़ाया है, वही उनका मार्गदर्शन करेगा। वह उन्हें जल-स्रोतों के पास ले जाएगा।
अत: स्वामी-प्रभु यों कहता है : ‘मेरे सेवकों को भोजन प्राप्त होगा, पर तुम भूखे मरोगे; मेरे सेवक पेय पीएंगे; लेकिन तुम प्यासे रहोगे। मेरे सेवक आनन्द-मग्न होंगे; पर तुम विलाप करोगे।
जब सूरज निकला तब परमेश्वर ने पूर्व दिशा से गरम हवा बहाई। योना के सिर पर सूरज की किरणें पड़ीं और वह बेहोश हो गया। योना मृत्यु की इच्छा करने लगा। उसने कहा, ‘मेरे लिए जीवित रहने की अपेक्षा मरना अच्छा है।’
परन्तु उसकी जड़ गहरी नहीं होती और वह थोड़े ही दिन स्थिर रहता है। वचन के कारण कष्ट या अत्याचार आ पड़ने पर वह तुरन्त विचलित हो जाता है।
किन्तु उन में जड़ नहीं है और वे थोड़े ही दिन दृढ़ रहते हैं। वचन के कारण कष्ट या अत्याचार आ पड़ने पर, वे तुरन्त विचलित हो जाते हैं।
धन्य हो तुम, जो अभी भूखे हो; क्योंकि तुम तृप्त किये जाओगे। धन्य हो तुम, जो अभी रोते हो; क्योंकि तुम हँसोगे।
किन्तु जो मेरा दिया हुआ जल पीता है, उसे फिर कभी प्यास नहीं लगेगी। जो जल मैं उसे प्रदान करूँगा, वह उस में जल-स्रोत बन जाएगा, जो शाश्वत जीवन तक उमड़ता रहेगा।”
जब सूर्य उगता है और लू चलने लगती है, तो घास मुरझाती है, फूल झड़ता है और उसकी कान्ति नष्ट हो जाती है। इसी तरह धनी और उसका पूरा व्यापार समाप्त हो जायेगा।
वह उनकी आँखों से सब आँसू पोंछ डालेगा। इसके बाद न मृत्यु रहेगी, न शोक, न विलाप और न दु:ख, क्योंकि पुरानी बातें बीत चुकी हैं।”