प्रकाशितवाक्य 21:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वह उनकी आँखों से सब आँसू पोंछ डालेगा। इसके बाद न मृत्यु रहेगी, न शोक, न विलाप और न दु:ख, क्योंकि पुरानी बातें बीत चुकी हैं।” पवित्र बाइबल उनकी आँख से वह हर आँसू पोंछ डालेगा। और वहाँ अब न कभी मृत्यु होगी, न शोक के कारण कोई रोना-धोना और नहीं कोई पीड़ा। क्योंकि ये सब पुरानी बातें अब समाप्त हो चुकी हैं।” Hindi Holy Bible और वह उन की आंखोंसे सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वह उनकी आँखों से सब आँसू पोंछ डालेगा; और इसके बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहली बातें जाती रहीं।” नवीन हिंदी बाइबल वह उनकी आँखों से सब आँसुओं को पोंछ डालेगा, और फिर न मृत्यु रहेगी और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; क्योंकि पहली बातें बीत गईं।” सरल हिन्दी बाइबल परमेश्वर उनकी आंखों से हर एक आंसू पोंछ देंगे. अब से मृत्यु मौजूद न रहेगी. अब न रहेगा विलाप, न रोना और न पीड़ा क्योंकि जो पहली बातें थी, अब वे न रहीं.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और वह उनकी आँखों से सब आँसू पोंछ डालेगा; और इसके बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहली बातें जाती रहीं।” (यशा. 25:8) |
वह सदा के लिए मृत्यु को समाप्त कर देगा, प्रभु, स्वामी सबकी आंखों के आंसू पोंछ डालेगा। वह अपने निज लोगों के कलंक को समस्त पृथ्वी से दूर कर देगा; प्रभु ने यह कहा है।
ओ सियोन के लोगो, यरूशलेम नगर में रहनेवालो, तुम अब नहीं रोओगे; तुम्हारी दुहाई की पुकार सुनकर प्रभु तुम पर निस्सन्देह कृपा करेगा। जब वह उसको सुनेगा तब निश्चय ही वह तुम्हें उत्तर देगा।
प्रभु के द्वारा मुक्त किए गए लोग सियोन को लौटेंगे; वे हर्ष के गीत गाते हुए आएंगे। शाश्वत आनन्द से उनके मुख चमकते होंगे। उन्हें हर्ष और सुख प्राप्त होगा; उनके दु:ख और आहों का अन्त हो जाएगा।
प्रभु के द्वारा मुक्त किए गए लोग हर्ष के गीत गाते हुए सियोन में आएंगे। शाश्वत आनन्द से उनके मुख चमकते होंगे। उन्हें हर्ष और सुख प्राप्त होगा। उनके दु:ख और आहों का अन्त हो जाएगा।
तेरा यह सूर्य कभी अस्त न होगा, और न चन्द्रमा की चांदनी मलिन पड़ेगी; क्योंकि प्रभु तेरा शाश्वत प्रकाश होगा, और तेरे शोक के दिन समाप्त हो जाएंगे।
प्रभु ने मुझे इसलिए भेजा है कि मैं सियोन में शोक करनेवालों को राख नहीं, वरन् विजय-माला पहनाऊं; विलाप नहीं, बल्कि उनके मुख पर आनन्द का तेल मलूं, उन्हें निराशा की आत्मा नहीं, वरन् स्तुति की चादर ओढ़ाऊं, ताकि वे धार्मिकता के बांज वृक्ष कहलाएँ; वे प्रभु के पौधे कहलाएँ और उनसे प्रभु की महिमा हो।
अब इस्राएली सियोन पर्वत पर आएंगे, और उच्च स्वर में प्रभु का गुणगान करेंगे। प्रभु की भलाई के कारण उनके मुख पर चमक होगी; क्योंकि प्रभु उनको अनाज, अंगूर-रस, जैतून का तेल भेड़-बकरियों और गायों के बच्चे देगा। जल से सींचे गये उद्यान के सदृश उनके प्राण हरे-भरे होंगे; इस्राएली फिर कभी दु:खी न होंगे।
प्रभु यों कहता है: ‘युवतियां आनन्द-मग्न हो नृत्य करेंगी, जवान और बूढ़े एक साथ हर्ष मनाएंगे। मैं-प्रभु उनके शोक को आनन्द में बदल दूंगा, मैं उनको शान्ति दूंगा, और उनको दु:ख के बदले सुख दूंगा।
क्या मैं उसका मूल्य चुकाकर अधोलोक के हाथ से उसे मुक्त करूं? क्या मैं उसे मृत्यु से छुड़ाऊं? ओ मृत्यु, तेरी महामारियां कहां हैं? ओ अधोलोक, कहां हैं तेरी संहार-शक्ति? मेरी आंखों में दया की भावना नहीं रही।
जो इस संसार की चीजों का उपभोग करते हैं, वे ऐसे करें मानो उनका उपभोग नहीं करते हैं; क्योंकि संसार का वर्तमान रूप लुप्त होता जा रहा है।
इसका अर्थ यह है कि यदि कोई मसीह के साथ एक हो गया है, तो वह नयी सृष्टि बन गया है। पुरानी बातें समाप्त हो गयी हैं और अब नई बातें आ गयी हैं।
इसलिए दूसरों के बीच में से निकल कर अलग हो जाओ— यह प्रभु का कहना है। और किसी अपवित्र वस्तु का स्पर्श मत करो, तब मैं तुम्हें अपनाऊंगा।
“एक बार और”- इन शब्दों से यह संकेत मिलता है कि जो वस्तुएं हिलायी जायेंगी, वे सृष्ट होने के कारण हटाई जायेंगी और जो नहीं हिलायी जायेंगी, वे बनी रहेंगी।
प्रभु का दिन चोर की तरह आ जायेगा। उस दिन आकाश गरजता हुआ विलीन हो जायेगा, मूलतत्व जल कर पिघल जायेंगे और पृथ्वी तथा उस पर किए गए मनुष्यों के कर्म प्रत्यक्ष हो जाएंगे।
संसार और उसकी वासना समाप्त हो रही है; किन्तु जो परमेश्वर की इच्छा पूरी करता है, वह युग-युग तक बना रहता है।
समुद्र ने अपने मृतकों को प्रस्तुत किया। तब मृत्यु तथा अधोलोक ने अपने मृतकों को प्रस्तुत किया। हर एक का उसके कर्मों के अनुसार न्याय किया गया।
इसके बाद मृत्यु और अधोलोक, दोनों को अग्निकुण्ड में डाल दिया गया। यह अग्निकुण्ड द्वितीय मृत्यु है।
तब मैंने एक नया आकाश और एक नयी पृथ्वी देखी। पुराना आकाश तथा पुरानी पृथ्वी, दोनो लुप्त हो गये थे और समुद्र भी नहीं रह गया था।
वहाँ कुछ भी नहीं रहेगा, जो अभिशाप के योग्य हो। वहाँ परमेश्वर और मेमने का सिंहासन होगा। उसके सेवक उसकी आराधना करेंगे।
क्योंकि सिहासन के सामने विद्यमान मेमना इनका चरवाहा होगा और इन्हें संजीवन जल के स्रोतों के पास ले जाएगा। और परमेश्वर इनकी आंखों से सब आँसू पोंछ डालेगा।”