ऑनलाइन बाइबिल

विज्ञापनों


संपूर्ण बाइबिल पुराना वसीयतनामा नया करार




प्रकाशितवाक्य 18:7 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

उसने जितनी डींग मारी और जितना भोगविलास किया है, उसे उतनी यन्‍त्रणा और उतना शोक दो। वह अपने मन में यह कहती है, ‘मैं रानी की तरह सिंहासन पर विराजमान हूँ। मैं विधवा नहीं हूँ और कभी शोक नहीं मनाऊंगी।’

अध्याय देखें

पवित्र बाइबल

क्योंकि जो महिमा और वैभव उसने स्वयं को दिया तुम उसी ढँग से उसे यातनाएँ और पीड़ा दो क्योंकि वह स्वयं अपने आप ही से कहती रही है, ‘मैं अपनी नृपासन विराजित महारानी मैं विधवा नहीं फिर शोक क्यों करूँगी?’

अध्याय देखें

Hindi Holy Bible

जितनी उस ने अपनी बड़ाई की और सुख-विलास किया; उतनी उस को पीड़ा, और शोक दो; क्योंकि वह अपने मन में कहती है, मैं रानी हो बैठी हूं, विधवा नहीं; और शोक में कभी न पडूंगी।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

जितनी उसने अपनी बड़ाई की और सुख– विलास किया, उतनी उसको पीड़ा और शोक दो; क्योंकि वह अपने मन में कहती है, ‘मैं रानी हो बैठी हूँ, विधवा नहीं; और शोक में कभी न पड़ूँगी।’

अध्याय देखें

नवीन हिंदी बाइबल

जितनी उसने अपनी बड़ाई की और भोग-विलास किया, उतनी ही उसे पीड़ा और शोक दो। क्योंकि वह अपने मन में कहती है, ‘मैं रानी बनकर बैठी हूँ, मैं विधवा नहीं हूँ; मैं कभी शोक नहीं देखूँगी।’

अध्याय देखें

सरल हिन्दी बाइबल

उसने जितनी अपनी प्रशंसा की और उसने जितना भोग विलास किया है, तुम भी उसे उतनी ही यातना और पीड़ा दो. क्योंकि वह मन ही मन कहती है, ‘मैं तो रानी समान विराजमान हूं, मैं विधवा नहीं हूं; मैं कभी विलाप न करूंगी.’

अध्याय देखें

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

जितनी उसने अपनी बड़ाई की और सुख-विलास किया; उतनी उसको पीड़ा, और शोक दो; क्योंकि वह अपने मन में कहती है, ‘मैं रानी हो बैठी हूँ, विधवा नहीं; और शोक में कभी न पड़ूँगी।’

अध्याय देखें



प्रकाशितवाक्य 18:7
16 क्रॉस रेफरेंस  

सम्राट क्षयर्ष ने हामान से कहा, ‘जैसा तुमने कहा है तुम शीघ्रता से राजसी पोशाक और घोड़ा लो, और राजभवन के प्रवेश-द्वार पर बैठने वाले यहूदी मोरदकय के साथ ऐसा ही करो। जैसा-जैसा तुमने कहा है, पूर्णत: वैसा ही करना, कुछ भी मत छोड़ना।’


वह अपने हृदय में यह सोचता है, “मैं अटल हूँ। मैं पीढ़ी से पीढ़ी तक संकट में नहीं पड़ूंगा।”


राजकन्‍याएं आपकी सम्‍मानित महिलाओं में हैं; आपकी दाहिनी ओर रानी, ओपीर के कुन्‍दन से सजी हुई बैठी है।


राजा और राजमाता से यह कहो: ‘महाराज और राजमाता, सिंहासन पर नहीं, वरन् अब भूमि पर बैठिए; क्‍योंकि आपके सिर से सुन्‍दर मुकुट उतार लिया गया है!’


जो नगरी लोगों से भरी-पूरी थी, अब वह उजाड़ पड़ी है; वह विधवा के सदृश अकेली हो गई। जो कभी राष्‍ट्रों में महान थी, जो कभी नगरों में रानी थी, अब वह दासी बन गई, वह दूसरे राज्‍यों को कर चुकाती है।


तू उसकी मदिरा पिएगी, मदिरा की अन्‍तिम बूंद तक पिएगी और मतवाली होकर अपने सिर के बाल नोचेगी, तू अपनी छातियों में नाखून गड़ाएगी। देख, मैंने तुझ से कह दिया।’ स्‍वामी-प्रभु की यही वाणी है।


ओ पहाड़ों की कंदराओं में रहनेवाले, ओ ऊंचे स्‍थानों में निवास करनेवाले, तेरे हृदय के घमण्‍ड ने तुझे धोखा दिया। तू अपने हृदय में यह कहता था: “कौन मुझे जमीन पर उतार सकता है?”


यह वैभवपूर्ण नगरी है। इसे अपनी सुरक्षा पर विश्‍वास था। यह अपने हृदय में सोचती थी: ‘बस मैं ही हूं, मेरे समान कोई अन्‍य नगरी नहीं है।’ इसका कैसा विनाश हुआ! यह जंगली पशुओं की मांद बन गई। यहां से गुजरनेवाले थू-थू करते हैं, वे हाथों से उपेक्षा जताते हैं।


कम उम्र की विधवाओं का नाम सूची में न लिखा जाये। कारण यह है कि जब उनकी वासना उन्‍हें मसीह से विमुख करती है, तो वे विवाह करना चाहती हैं


क्‍योंकि सभी राष्‍ट्रों ने उसके व्‍यभिचार की तीखी मदिरा पी ली है, पृथ्‍वी के राजाओं ने उसके साथ व्‍यभिचार किया है और पृथ्‍वी के व्‍यापारी उसके अपार वैभव से धनी हो गये हैं।”


जब पृथ्‍वी के राजा, जिन्‍होंने बेबीलोन के साथ व्‍यभिचार और भोगविलास किया, उसके जलने का धूआँ देखेंगे, तो वे रोयेंगे और उस पर विलाप करेंगे।