तू ऐसा कार्य करने से सदा दूर रहे कि दूराचारियों के साथ धार्मिक भी मारे जाएँ। धार्मिकों की दशा दुराचारियों के सदृश हो, यह कार्य तुझसे कभी न हो। क्या सारी पृथ्वी का न्यायाधीश उचित न्याय न करेगा?’
प्रकाशितवाक्य 16:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तब मैंने जल के स्वर्गदूत को यह कहते सुना, “हे परमपावन! जो है और जो था, तेरे ये निर्णय न्यायसंगत हैं; पवित्र बाइबल तभी मैंने जल के स्वामी स्वर्गदूत को यह कहते सुना: “वह तू ही है जो न्यायी है, जो था सदा-सदा से, तू ही है जो पवित्र। तूने जो किया है वह न्याय है। Hindi Holy Bible और मैं ने पानी के स्वर्गदूत को यह कहते सुना, कि हे पवित्र, जो है, और जो था, तू न्यायी है और तू ने यह न्याय किया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब मैं ने पानी के स्वर्गदूत को यह कहते सुना, “हे पवित्र, जो है और जो था, तू न्यायी है और तू ने यह न्याय किया। नवीन हिंदी बाइबल तब मैंने जल के स्वर्गदूत को यह कहते हुए सुना : हे पवित्र! जो है और जो था, तू धर्मी है, क्योंकि तूने इन बातों का न्याय किया है। सरल हिन्दी बाइबल तब मैंने सारे जल के अधिकारी स्वर्गदूत को यह कहते हुए सुना: “आप, जो हैं, जो थे, धर्मी हैं, परम पवित्र, उचित हैं आपके निर्णय, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और मैंने पानी के स्वर्गदूत को यह कहते सुना, “हे पवित्र, जो है, और जो था, तू न्यायी है और तूने यह न्याय किया। (प्रका. 11:17) |
तू ऐसा कार्य करने से सदा दूर रहे कि दूराचारियों के साथ धार्मिक भी मारे जाएँ। धार्मिकों की दशा दुराचारियों के सदृश हो, यह कार्य तुझसे कभी न हो। क्या सारी पृथ्वी का न्यायाधीश उचित न्याय न करेगा?’
‘प्रभु सच्चा है; मैंने ही उसके वचन से विद्रोह किया है। ओ विश्व की सब कौमो! मेरी बात सुनो, मेरे दु:ख पर ध्यान दो। मेरे जवान बेटे और बेटियां बन्दी बनकर निर्वासित हो गए।
अत: हे प्रभु, तूने हमारे लिए विपत्ति तैयार रखी और हम पर उण्डेल दी; क्योंकि हमारा प्रभु परमेश्वर अपने हरएक आचरण में धर्ममय है, उसका प्रत्येक कार्य न्यायपूर्ण होता है। हमने उसकी वाणी को नहीं सुना था; इसलिए हम पर यह विपत्ति आई।
“हे धर्ममय पिता! संसार ने तुझे नहीं जाना। परन्तु मैंने तुझे जाना है और वे जान गये कि तूने मुझे भेजा है।
किन्तु तुम अपने इस हठ और अपने हृदय के अपश्चात्ताप के कारण कोप के दिन के लिए अपने विरुद्ध कोप का संचय कर रहे हो, जब परमेश्वर का निष्पक्ष न्याय प्रकट होगा।
यदि हमारा अधर्म परमेश्वर की धार्मिकता प्रदर्शित करता है, तो हम क्या कहें? क्या यह कि जब परमेश्वर क्रुद्ध होकर हमें दण्ड देता है, तब वह अन्याय करता है? मैं यह मानवीय तर्क के अनुसार कह रहा हूँ।
आसिया की सात कलीसियाओं को योहन का सन्देश। जो है, जो था और जो आनेवाला है, उसकी ओर से, उसके सिंहासन के सामने उपस्थित रहनेवाली सात आत्माओं
जो है, जो था और जो आनेवाला है, वही सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर कहता है, “अल्फा और ओमेगा मैं हूँ।”
“सर्वशक्तिमान् प्रभु परमेश्वर, जो है और जो था! हम तुझे धन्यवाद देते हैं, क्योंकि तूने अपने सामर्थ्य का प्रदर्शन किया और राज्याधिकार ग्रहण कर लिया है।
और मैंने वेदी को यह कहते सुना, “सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर! तेरे निर्णय वास्तव में सच्चे और न्यायसंगत हैं।”
क्योंकि उसके निर्णय सच्चे और न्यायसंगत हैं। उसने उस महावेश्या को दण्डित किया है, जो अपने व्यभिचार द्वारा पृथ्वी को दूषित करती थी। परमेश्वर ने उससे अपने सेवकों के रक्त का प्रतिशोध लिया है।”
चारों प्राणियों के छह-छह पंख हैं; वे भीतर-बाहर आँखों से भरे हुए हैं और रात-दिन निरन्तर यह कहते रहते हैं। “पवित्र, पवित्र, पवित्र सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर! जो था, जो है और जो आनेवाला है।”
वे ऊंचे स्वर में यह कहते हुए पुकार रहे थे : “परमपावन एवं सत्यप्रतिज्ञ स्वामी! आप न्याय करने में और पृथ्वी के निवासियों को हमारे रक्त का बदला चुकाने में कब तक देर करेंगे?”