उन सब वन-प्राणियों में जिन्हें प्रभु परमेश्वर ने रचा था, सबसे अधिक धूर्त सांप था। उसने स्त्री से पूछा, ‘क्या सचमुच परमेश्वर ने कहा है कि तुम उद्यान के किसी भी पेड़ का फल न खाना?’
प्रकाशितवाक्य 12:9 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तब वह विशालकाय पंखदार सर्प-वह पुराना साँप, जो दोष लगाने वाला शैतान कहलाता और सारे संसार को भटकाता है-अपने दूतों के साथ पृथ्वी पर पटक दिया गया। पवित्र बाइबल और उस विशालकाय अजगर को नीचे धकेल दिया गया। यह वही पुराना महानाग है जिसे दानव अथवा शैतान कहा गया है। यह समूचे संसार को छलता रहता है। हाँ, इसे धरती पर धकेल दिया गया था। Hindi Holy Bible और वह बड़ा अजगर अर्थात वही पुराना सांप, जो इब्लीस और शैतान कहलाता है, और सारे संसार का भरमाने वाला है, पृथ्वी पर गिरा दिया गया; और उसके दूत उसके साथ गिरा दिए गए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब वह बड़ा अजगर, अर्थात् वही पुराना साँप जो इब्लीस और शैतान कहलाता है और सारे संसार का भरमानेवाला है, पृथ्वी पर गिरा दिया गया, और उसके दूत उसके साथ गिरा दिए गए। नवीन हिंदी बाइबल और उस बड़े अजगर को अर्थात् उस पुराने साँप को, जो इब्लीस और शैतान कहलाता है और समस्त संसार को भरमाता है, पृथ्वी पर फेंक दिया गया, और उसके साथ उसके दूतों को भी फेंक दिया गया। सरल हिन्दी बाइबल तब उस परों वाले सांप को—उस आदि सांप को, जो दियाबोलॉस तथा शैतान कहलाता है और जो पृथ्वी के सभी वासियों को भरमाया करता है, पृथ्वी पर फेंक दिया गया—उसे तथा उसके दूतों को भी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और वह बड़ा अजगर अर्थात् वही पुराना साँप, जो शैतान कहलाता है, और सारे संसार का भरमानेवाला है, पृथ्वी पर गिरा दिया गया; और उसके दूत उसके साथ गिरा दिए गए। (यूह. 12:31) |
उन सब वन-प्राणियों में जिन्हें प्रभु परमेश्वर ने रचा था, सबसे अधिक धूर्त सांप था। उसने स्त्री से पूछा, ‘क्या सचमुच परमेश्वर ने कहा है कि तुम उद्यान के किसी भी पेड़ का फल न खाना?’
प्रभु परमेश्वर ने स्त्री से पूछा, ‘यह तूने क्या किया?’ स्त्री ने उत्तर दिया, ‘सांप ने मुझे बहका दिया और मैंने फल खा लिया।’
शैतान ने इस्राएली राष्ट्र को परखा। उसने दाऊद को भड़काया कि वह इस्राएली जाति के बीस वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों की जनगणना करे।
प्रभु ने उससे पूछा, “कैसे?” उसने बताया, “मैं जाऊंगी और अहाब के सब नबियों के मुंह से झूठी नबूवत कराऊंगी।” प्रभु ने उससे कहा, “तुझे अहाब को फुसलाना है। तू अपने कार्य में सफल होगी। जा, और अपना काम कर।”
वे यह कहते हैं, ‘इसके विरुद्ध किसी दुर्जन को न्यायाधीश नियुक्त करो; दोषारोपण करनेवाला इसके दाहिने हाथ पर खड़ा हो।
‘ओ भोर के चमकते तारे, ओ उषा-पुत्र, आकाश से तू कैसे नीचे गिर गया! अरे, तूने तो राष्ट्रों को धूल-धूसरित किया था। अब तू कैसे स्वयं भूमि की धूल चाट रहा है!
उस दिन प्रभु अपनी मजबूत, कठोर और विशाल तलवार से वेगवान, वक्र सर्पासुर लिव्यातान को दण्ड देगा, वह समुद्र में रहने वाले जल-पशु का वध करेगा।
भेड़िया और मेमना एक-साथ चरेंगे सिंह बैल के समान भूसा खाएगा, सांप मिट्टी खाकर पेट भरेगा। वे मेरे पवित्र पर्वत पर किसी को हानि नहीं पहुँचाएंगे, और न किसी का अनिष्ट करेंगे।’ प्रभु की यह वाणी है।
जब तेरा व्यापार बढ़ा, तब तुझ में हिंसावृत्ति भर गई, और तू पाप करने लगा। मैंने तुझको अपवित्र प्राणी के सदृश परमेश्वर के पर्वत से हटा दिया। तेरे अंगरक्षक करूब ने भी अग्नि सदृश चमकनेवाली मणियों के मध्य से तुझ को निकाल दिया।
क्योंकि झूठे मसीह तथा झूठे नबी प्रकट होंगे और ऐसे महान चिह्न तथा चमत्कार दिखाएँगे कि यदि सम्भव हो, तो वे चुने हुए लोगों को भी बहका दें।
“तब राजा अपनी बायीं ओर के लोगों से कहेगा, ‘शापित लोगो! मुझ से दूर हो और उस अनन्त आग में जा पड़ो, जो शैतान और उसके दूतों के लिए तैयार की गयी है;
येशु ने उत्तर दिया, “हट जा, शैतान! क्योंकि धर्मग्रन्थ में लिखा है : ‘अपने प्रभु परमेश्वर की आराधना करो और केवल उसी की सेवा करो।’ ”
फिर शैतान उनको एक अत्यन्त ऊंचे पहाड़ पर ले गया और संसार के सभी राज्य और उनका वैभव दिखला कर
शैतान ने इस स्त्री को, अब्राहम की इस पुत्री को इतने वर्षों से, अठारह वर्षों से बाँध रखा था, तो क्या इसे विश्राम के दिन उस बन्धन से छुड़ाना उचित नहीं था?”
उस समय शैतान ने यूदस [यहूदा] में प्रवेश किया। यूदस ‘इस्करियोती’ कहलाता था और उसकी गणना बारह प्रेरितों में होती थी।
मार्ग के किनारे गिरे हुए बीज वे लोग हैं, जो वचन सुनते हैं, परन्तु कहीं ऐसा न हो कि वे विश्वास करें और मुक्ति प्राप्त कर लें; इसलिए शैतान आ कर उनके हृदय से वचन ले जाता है।
“अब मैं तुम से और अधिक बातें नहीं करूँगा, क्योंकि इस संसार का अधिपति आ रहा है। वह मेरा कुछ नहीं कर सकता,
“तुम तो अपने पिता शैतान से हो और अपने पिता की इच्छा पूरी करना चाहते हो। वह तो प्रारम्भ से ही हत्यारा था। वह सत्य पर स्थिर नहीं रहता, क्योंकि उसमें सत्य है ही नहीं। जब वह झूठ बोलता है, तो अपने ही स्वभाव के अनुसार बोलता है; क्योंकि वह झूठा है और झूठ का पिता है।
मैं उनकी आँखें खोलने के लिए, उन्हें अन्धकार से ज्योति की ओर उन्मुख करने के लिए, अर्थात् शैतान की शक्ति से विमुख हो परमेश्वर की ओर अभिमुख करने के लिए, तुझे उनके पास भेज रहा हूं, जिससे वे मुझ में विश्वास करने के कारण अपने पापों की क्षमा पाएं और पवित्र किए हुए भक्तों के बीच स्थान प्राप्त कर सकें।’
इस पर पतरस ने कहा, “हनन्याह! शैतान ने क्यों तुम्हारे हृदय पर इस प्रकार अधिकार कर लिया है कि तुम पवित्र आत्मा से झूठ बोलो और जमीन की बिक्री से प्राप्त धनराशि का कुछ अंश रख लो?
वे हमारे प्रभु मसीह की सेवा नहीं, बल्कि अपने पेट की पूजा करते हैं। वे चिकनी-चुपड़ी और खुशामद-भरी बातों से भोले-भाले लोगों को भुलावे में डालते हैं।
शान्ति का परमेश्वर शीघ्र ही शैतान को आपके पैरों तले कुचल देगा। हमारे प्रभु येशु की कृपा आप लोगों पर बनी रहे।
यह आश्चर्य की बात नहीं, क्योंकि स्वयं शैतान ज्योतिर्मय स्वर्गदूत का स्वांग रचता है।
मुझे डर है कि जिस प्रकार सांप ने अपनी धूर्तता से हव्वा को धोखा दिया था, उसी प्रकार आप लोगों का मन भी न बहका दिया जाए और आप मसीह के प्रति अपनी निष्कपट और सच्ची भक्ति न खो बैठें;
मुझ पर बहुत-से ईश्वरीय प्रकाशन प्रकट किए गए हैं। मैं इन पर घमण्ड न करूँ, इसलिए मेरे शरीर में एक कांटा चुभा दिया गया है। मुझे शैतान का दूत मिला है, ताकि वह मुझे घूंसे मारता रहे और मैं घमण्ड न करूँ।
क्योंकि हम शैतान के फन्दे में नहीं पड़ना चाहते हैं। हम उसकी चालें अच्छी तरह जानते हैं।
इस युग-संसार के देवता ने अविश्वासियों का मन इतना अन्धा कर दिया है कि वे परमेश्वर के प्रतिरूप, अर्थात् मसीह के तेजोमय शुभ समाचार की ज्योति को देखने में असमर्थ हैं।
इस प्रकार हम बालक नहीं बने रहेंगे और भ्रम में डालने के उद्देश्य से निर्मित धूर्त्त मनुष्यों के प्रत्येक सिद्धान्त के झोंके से विचलित हो कर बहकाये नहीं जायेंगे।
कोई आप लोगों को किसी भी तरह न बहकाये। वह दिन तब तक नहीं आ सकता जब तक पहले धर्म-विद्रोह न हो जाये और वह “अधर्म-पुरुष” प्रकट न हो, जिसका विनाश अनिवार्य है।
परिवार की समस्त सन्तति का रक्त-मांस एक ही होता है, इसलिए येशु ने भी हमारा रक्त-मांस धारण किया, जिससे वह अपनी मृत्यु द्वारा मृत्यु पर अधिकार रखने वाले शैतान को परास्त करें
आप संयम रखें और जागते रहें! आपका विरोधी, शैतान, दहाड़ते हुए सिंह की तरह विचरता है और ढूँढ़ता रहता है कि किसे फाड़ खाये।
किन्तु जब प्रधान स्वर्गदूत मीखाएल शैतान से वाद-विवाद कर रहे थे और मूसा के शव को ले कर उस से संघर्ष कर रहे थे, तो उन्हें शैतान को निन्दात्मक शब्दों में दोषी ठहराने का साहस नहीं हुआ। उन्होंने इतना ही कहा, “प्रभु तेरी भत्र्सना करे।”
“इसलिए स्वर्ग और उसके निवासी आनन्द मनायें। किन्तु धिक्कार तुम्हें, ओ पृथ्वी और समुद्र! क्योंकि यह जान कर कि मेरा थोड़ा समय ही शेष है, शैतान तीव्र क्रोध के आवेश में तुम पर उतर आया है।”
तब आकाश में एक अन्य चिह्न दिखाई पड़ा: लाल रंग का एक बहुत बड़ा पंखदार सर्प। उसके सात सिर थे, दस सींग थे और हर एक सिर पर एक मुकुट था।
अब स्वर्ग में युद्ध छिड़ गया। मीखाएल और उसके दूतों को पंखदार सर्प से लड़ना पड़ा। पंखदार सर्प और उसके दूतों ने उनका सामना किया,
पशु के निरीक्षण में उस को जिन चमत्कारों को दिखाने की अनुमति मिली है, उन चमत्कारों द्वारा वह पृथ्वी के निवासियों को बहकाता है। वह पृथ्वी के निवासियों द्वारा उस पशु के आदर में एक प्रतिमा बनवाता है, जो तलवार का प्रहार सहने पर भी जीवित है।
ये दुष्टात्माएँ हैं, जो चमत्कार दिखाती हैं और सर्वशक्तिमान परमेश्वर के महादिवस के युद्ध के लिए समस्त संसार के राजाओं को एकत्र करने जाती हैं।
उसने ऊंचे स्वर से पुकार कर कहा: “उसका पतन हो गया है! महानगरी बेबीलोन का पतन हो गया है! वह भूतों का डेरा, हर प्रकार के अशुद्ध आत्माओं का अड्डा और हर प्रकार के अशुद्ध पक्षियों का नीड़ तथा अशुद्ध एवं घृणित पशुओं का मांद बन गया है,
दीपक का प्रकाश तुझ में फिर कभी दिखाई नहीं देगा; वर और वधू का स्वर तुझ में फिर कभी सुनाई नहीं पड़ेगा। क्योंकि तेरे व्यापारी पृथ्वी के अधिपति थे और तूने अपने जादू द्वारा सभी राष्ट्रों को बहकाया।
पशु बन्दी बनाया गया और उसके साथ वह झूठा नबी भी, जिसने पशु के निरीक्षण में चमत्कार दिखा कर उन लोगों को बहकाया था, जिन्होंने पशु की छाप ग्रहण की थी और उसकी प्रतिमा की आराधना की थी। वे दोनों जीवित ही धधकते गन्धक के अग्निकुण्ड में डाल दिये गये।
मैं जानता हूँ कि तुम्हारा निवास कहाँ है- वह उस स्थान में है, जहाँ शैतान की गद्दी है। फिर भी तुम मेरा नाम दृढ़ बनाये रखते हो और तुमने उन दिनों भी मुझ में अपना विश्वास नहीं त्यागा, जब मेरा विश्वस्त साक्षी अन्तिपास तुम्हारे नगर में, जो शैतान का निवास स्थान है, मारा गया।
थुआतीरा के शेष लोगों से, जो इस शिक्षा को नहीं मानते और शैतान के तथा-कथित गहरे भेदों को नहीं जानते, उन सब से मैं यह कहता हूँ : मैं तुम लोगों पर कोई नया बोझ नहीं डालूँगा।
मैं तुम्हारे संकट और दरिद्रता से परिचित हूँ। फिर भी तुम धनी हो; और मैं यह भी जानता हूँ कि वे लोग तुम्हारी कितनी बदनामी करते हैं जो अपने को “यहूदा-वासी” कहते हैं, किन्तु जो यहूदा के नहीं, बल्कि शैतान के सभागृह के सदस्य हैं।
उन्हें बहकाने वाले शैतान को आग और गन्धक के कुण्ड में डाल दिया गया, जहाँ पशु और झूठा नबी डाल दिये गये थे। वे युग-युगों तक दिन रात यन्त्रणा भोगेंगे।
और वह पृथ्वी के चार कोनों में बसने वाले राष्ट्रों को बहकाने के लिए और गोग एवं मागोग की सेनाओं को, जो समुद्र के बालू-कणों की तरह असंख्य हैं, युद्ध के लिए एकत्र करने निकलेगा।
देखो, शैतान के सभागृह के उन सदस्यों को, जो अपने को यहूदा-वासी कहते हैं, किन्तु यहूदा के नहीं हैं और झूठ बोलते हैं, मैं उनको बाध्य करूँगा कि वे आ कर तुम्हारे चरणों पर गिरें और यह जानें कि मैं तुम से प्रेम करता हूँ।
पाँचवें स्वर्गदूत ने तुरही बजायी। मैंने एक तारा देखा, जो आकाश से पृथ्वी पर गिरा था, और उसे अगाध गर्त्त के विवर की कुंजी दी गयी।
शेष मनुष्यों ने-जो इन विपत्तियों द्वारा नहीं मारे गये थे-अपने हाथों के कर्मों के लिए पश्चात्ताप नहीं किया। वे भूत-प्रेतों की पूजा करते रहे और सोना, चाँदी, पीतल, पत्थर और लकड़ी की उन देवमूर्तियों की भी, जो न तो देख सकती हैं, न सुन और चल सकती हैं।