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प्रकाशितवाक्य 10:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

तब जिस स्‍वर्गदूत को मैंने समुद्र और पृथ्‍वी पर खड़ा देखा था, उसने अपना दाहिना हाथ स्‍वर्ग की ओर ऊपर उठाया।

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पवित्र बाइबल

फिर उस स्वर्गदूत ने जिसे मैंने समुद्र में और धरती पर खड़े देखा था, आकाश में ऊपर दाहिना हाथ उठाया।

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Hindi Holy Bible

और जिस स्वर्गदूत को मैं ने समुद्र और पृथ्वी पर खड़े देख था; उस ने अपना दाहिना हाथ स्वर्ग की ओर उठाया।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

जिस स्वर्गदूत को मैं ने समुद्र और पृथ्वी पर खड़े देखा था, उसने अपना दाहिना हाथ स्वर्ग की ओर उठाया,

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नवीन हिंदी बाइबल

तब जिस स्वर्गदूत को मैंने समुद्र और भूमि पर खड़े देखा था, उसने अपना दाहिना हाथ स्वर्ग की ओर उठाया,

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सरल हिन्दी बाइबल

तब उस स्वर्गदूत ने, जिसे मैंने समुद्र तथा भूमि पर खड़े हुए देखा था, अपना दायां हाथ स्वर्ग की ओर उठाया

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

जिस स्वर्गदूत को मैंने समुद्र और पृथ्वी पर खड़े देखा था; उसने अपना दाहिना हाथ स्वर्ग की ओर उठाया (व्यव. 32:40)

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प्रकाशितवाक्य 10:5
29 क्रॉस रेफरेंस  

अब्राम ने सदोम के राजा को उत्तर दिया, ‘मैंने आकाश और पृथ्‍वी के सृष्‍टिकर्ता, सर्वोच्‍च प्रभु परमेश्‍वर की शपथ खाई है


एज्रा ने कहा, ‘प्रभु, केवल तू ही प्रभु है! तूने ही आकाश को, सर्वोच्‍च आकाश को, नक्षत्रों और तारों को बनाया है। तूने पृथ्‍वी और सागर को, तथा उनमें जो कुछ है, उन-सब को रचा है। तू उनका पालन-पोषण भी करता है। प्रभु, स्‍वर्ग की सेना तेरी वन्‍दना करती है।


धन्‍य है वह मनुष्‍य, जिसका सहायक इस्राएल का परमेश्‍वर है, जो अपने प्रभु परमेश्‍वर पर आशा करता है।


क्‍योंकि प्रभु ने छ: दिन में आकाश, पृथ्‍वी, समुद्र एवं उन सबको बनाया, जो उनमें हैं, तथा सातवें दिन विश्राम किया। अत: प्रभु ने विश्राम दिवस को आशीष दी, और उसे पवित्र घोषित किया।


मैं तुम्‍हें उस देश में लाऊंगा, जिसे अब्राहम, इसहाक और याकूब को प्रदान करने के लिए मैंने शपथ खाई थी। मैं तुम्‍हें उसे प्रदान करूंगा कि तुम्‍हारा उस पर अधिकार हो। मैं प्रभु हूं।” ’


इसके अतिरिक्‍त मैंने निर्जन प्रदेश में उनसे शपथ खाई कि जो देश मैंने उनको दे दिया है, जो विश्‍व का सर्वश्रेष्‍ठ देश है, जहां दूध और शहद की नदियां बहती हैं, उस देश में मैं उनको नहीं लाऊंगा,


इसके अतिरिक्‍त, मैंने निर्जन प्रदेश में उनसे शपथ खाई कि मैं उनको राष्‍ट्रों के मध्‍य बिखेर दूंगा, विश्‍व के देशों में उनको तितर-बितर कर दूंगा।


जब मैं उन्‍हें उस देश में ले आया जिसको देने की शपथ मैंने खाई थी, तब उन्‍हें जहां-कहीं भी पहाड़ी शिखर दिखाई दिए और जहां-कहीं उन्‍होंने हरे वृक्ष देखे, वहां वे बलि चढ़ाने लगे, पूजा करने लगे, और अपनी बलि और पूजा से मुझे चिढ़ाया। वहां वे सुगन्‍धित धूपद्रव्‍य जलाते थे, और अपनी पेयबलि उण्‍डेलते थे।


जब मैं तुम्‍हें इस्राएल देश में लाऊंगा, जिस को देने की प्रतिज्ञा मैंने तुम्‍हारे पूर्वजों से की थी, तब तुम्‍हें ज्ञात होगा कि मैं ही प्रभु हूं।


और तब उनसे यह कह : स्‍वामी-प्रभु यों कहता है : जिस दिन मैंने इस्राएल को चुना था, उस दिन मैंने याकूब के वंश से शपथ खाई थी। मैंने मिस्र देश में उन पर स्‍वयं को प्रकट किया था। मैंने उनसे सौगन्‍ध खाकर कहा था, मैं ही तुम्‍हारा प्रभु परमेश्‍वर हूं।


मैं, स्‍वामी-प्रभु, यह शपथ खाता हूँ : तेरे आस-पास के ये राष्‍ट्र, जिन्‍होंने तेरी निन्‍दा कि है, स्‍वयं दूसरों की निन्‍दा के पात्र बनेंगे।


तुम सब कुलों को बराबर-बराबर भूमि-क्षेत्र देना। मैंने तुम्‍हारे पूर्वजों से शपथ खाई थी कि यह देश उनको दूंगा। अत: इस देश पर तुम्‍हारा पैतृक अधिकार होगा।


उसने अपना दाहिना और बायाँ हाथ आकाश की ओर उठाया, और मैंने उसको शाश्‍वत और जीवित परमेश्‍वर की शपथ लेते हुए सुना : “साढ़े तीन वर्ष तक यह दशा रहेगी। जब पवित्र लोगों का बल टूटते-टूटते समाप्‍त हो जाएगा, तब ये बातें पूरी होंगी।”


“मित्रो! आप यह क्‍या कर रहे हैं? हम भी तो आप लोगों के समान सुख-दु:ख भोगने वाले मनुष्‍य हैं। हम यह शुभ-समाचार देने आये हैं कि आप इन नि: सार वस्‍तुओं को छोड़ कर उस जीवन्‍त परमेश्‍वर की ओर अभिमुख हों, जिसने आकाश, पृथ्‍वी, समुद्र और उन में जो कुछ है, वह सब बनाया है।


जब मैं घूमता-फिरता आपकी आराध्‍य वस्‍तुओं को देख रहा था, तो मुझे एक वेदी मिली जिस पर यह लिखा था, ‘अज्ञात देवता को’। आप लोग अनजाने जिसकी पूजा करते हैं, मैं उसी का संदेश आपको सुनाता हूँ।


संसार की सृष्‍टि के समय से ही परमेश्‍वर के अदृश्‍य स्‍वरूप को, अर्थात् उसकी शाश्‍वत शक्‍तिमत्ता और उसके ईश्‍वरत्‍व को, बुद्धि की आँखों द्वारा उसके कार्यों में देखा जा सकता है। इसलिए वे अपने आचरण की सफाई देने में असमर्थ हैं;


मैं आकाश की ओर अपना हाथ उठाकर यह शपथ खाता हूँ, मैं अनन्‍त काल तक जीवित हूँ।


परमेश्‍वर ने जब अब्राहम से प्रतिज्ञा की थी, तो उसने अपने नाम की शपथ खायी; क्‍योंकि उस से बड़ा कोई नहीं था, जिसका नाम ले कर वह शपथ खाये।


जीवन का स्रोत मैं हूँ। मैं मर गया था और देखो, मैं युगानुयुग तक जीवित रहूँगा। मृत्‍यु और अधोलोक की कुंजियाँ मेरे पास हैं।


वह हाथ में एक खुली पुस्‍तिका लिये था। उसने अपना दाहिना पैर समुद्र पर रखा और बायाँ पैर पृथ्‍वी पर।


वह ऊंचे स्‍वर से यह कह रहा था, “परमेश्‍वर पर श्रद्धा रखो! उसकी स्‍तुति करो! क्‍योंकि उसके न्‍याय का दिन आ गया है। जिसने स्‍वर्ग और पृथ्‍वी, समुद्र और जलस्रोतों की रचना की, उसकी आराधना करो।”


सातवें स्‍वर्गदूत ने हवा पर अपना प्‍याला उँडेला और मन्‍दिर के सिंहासन में से एक गम्‍भीर वाणी यह कहते सुनाई पड़ी, “समाप्‍त हो गया है”।


“हमारे प्रभु परमेश्‍वर! तू महिमा, सम्‍मान और सामर्थ्य का अधिकारी है; क्‍योंकि तूने समस्‍त विश्‍व की सृष्‍टि की। तेरी ही इच्‍छा से वह अस्‍तित्‍व में आया और उसकी सृष्‍टि हुई है।”


जब-जब प्राणी सिंहासन पर विराजमान, युग-युगों तक जीवित रहने वाले को महिमा, सम्‍मान और धन्‍यवाद देते हैं,