Biblia Todo Logo
ऑनलाइन बाइबिल
- विज्ञापनों -




दानिय्येल 12:7 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

7 उसने अपना दाहिना और बायाँ हाथ आकाश की ओर उठाया, और मैंने उसको शाश्‍वत और जीवित परमेश्‍वर की शपथ लेते हुए सुना : “साढ़े तीन वर्ष तक यह दशा रहेगी। जब पवित्र लोगों का बल टूटते-टूटते समाप्‍त हो जाएगा, तब ये बातें पूरी होंगी।”

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबल

7 वह व्यक्ति जिसने सन के वस्त्र धारण किये हुए थे और जो नदी के जल के बहाव के विरूद्ध खड़ा हुआ था, उसने अपना दाहिना और बायां—दोनों हाथ आकाश की ओर उठाये। मैंने उस व्यक्ति को अमर परमेश्वर के नाम का प्रयोग करके एक शपथ बोलते हुए सुना। उसने कहा, “यह साढ़े तीन साल तक घटेगा। पवित्र जन की शक्ति टूट जायेगी और फिर ये सभी बाते अंतिम रूप से समाप्त हो जाएँगी।”

अध्याय देखें प्रतिलिपि

Hindi Holy Bible

7 तब जो पुरूष सन का वस्त्र पहिने हुए नदी के जल के ऊपर था, उसने मेरे सुनते दहिना और बांया अपने दोनों हाथ स्वर्ग की ओर उठा कर, सदा जीवित रहने वाले की शपथ खाकर कहा, यह दशा साढ़े तीन काल तक ही रहेगी; और जब पवित्र प्रजा की शक्ति टूटते टूटते समाप्त हो जाएगी, तब ये बातें पूरी होंगी।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

7 तब जो पुरुष सन का वस्त्र पहिने हुए नदी के जल के ऊपर था, उसने मेरे सुनते दाहिना और बायाँ, अपने दोनों हाथ स्वर्ग की ओर उठाकर, सदा जीवित रहनेवाले की शपथ खाकर कहा, “यह दशा साढ़े तीन काल तक ही रहेगी; और जब पवित्र प्रजा की शक्‍ति टूटते टूटते समाप्‍त हो जाएगी, तब ये सब बातें पूरी होंगी।”

अध्याय देखें प्रतिलिपि

सरल हिन्दी बाइबल

7 वह व्यक्ति जो मलमल के कपड़े पहना था और नदी के दानी के ऊपर था, उसने अपना दहिना हाथ और अपना बायां हाथ आकाश की ओर उठाया और मैंने सुना कि वह सदा जीवित रहनेवाले की शपथ खाकर यह कह रहा था, “यह एक समय, समयों और आधे समय के लिये होगा. जब आखिर में पवित्र लोगों की शक्ति खत्म कर दी जाएगी, तब ये सारी बातें पूरी हो जाएंगी.”

अध्याय देखें प्रतिलिपि

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

7 तब जो पुरुष सन का वस्त्र पहने हुए नदी के जल के ऊपर था, उसने मेरे सुनते दाहिना और बायाँ अपने दोनों हाथ स्वर्ग की ओर उठाकर, सदा जीवित रहनेवाले की शपथ खाकर कहा, “यह दशा साढ़े तीन काल तक ही रहेगी; और जब पवित्र प्रजा की शक्ति टूटते-टूटते समाप्त हो जाएगी, तब ये बातें पूरी होंगी।” (प्रका. 10:5-7)

अध्याय देखें प्रतिलिपि




दानिय्येल 12:7
30 क्रॉस रेफरेंस  

‘जीवित परमेश्‍वर की सौगन्‍ध! मैं न्‍याय की दृष्‍टि से निर्दोष था, फिर भी उसने मुझे दण्‍ड दिया! सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर ने मेरे प्राण को पीड़ित किया है!


लोग उन्‍हें ‘पवित्र कौम’, ‘प्रभु के द्वारा छुड़ाया गया राष्‍ट्र’ कहेंगे। ओ सियोन, तेरा नाम ‘ग्रहण की हुई नगरी’, ‘सुहागिन’ रखा जाएगा।


यदि तू सच्‍चाई, न्‍याय और निष्‍कपट हृदय से जीवंत प्रभु की शपथ खाए, तो विश्‍व के राष्‍ट्र तेरे कारण मुझसे आशिष पाएंगे; वे तेरे माध्‍यम से मेरी महिमा करेंगे।’


और तब उनसे यह कह : स्‍वामी-प्रभु यों कहता है : जिस दिन मैंने इस्राएल को चुना था, उस दिन मैंने याकूब के वंश से शपथ खाई थी। मैंने मिस्र देश में उन पर स्‍वयं को प्रकट किया था। मैंने उनसे सौगन्‍ध खाकर कहा था, मैं ही तुम्‍हारा प्रभु परमेश्‍वर हूं।


सहसा मैंने अपनी आंखें ऊपर उठाई तो मैंने देखा कि एक पुरुष खड़ा है। वह सन का वस्‍त्र पहिने हुए है। उसकी कमर में ऊफाज देश के सोने का पटुका बन्‍धा है।


क्‍योंकि उत्तर देश का राजा पुन: विशाल सेना एकत्र करेगा; और यह सेना प्रथम विशाल सेना से अधिक विशाल होगी। उत्तर देश का राजा कई वर्षों बाद अपनी इस महाविशाल सेना के साथ और अपार रसद-सामग्री लेकर दक्षिण देश के राजा पर आक्रमण करेगा।


मैंने नदी के जल के ऊपर खड़े तथा सन के वस्‍त्र पहिने हुए व्यक्‍ति से पूछा, “इन आश्‍चर्यपूर्ण कार्यों के घटित होने में कितना समय शेष है?”


मैंने उसकी यह बात सुनी किन्‍तु मैं नहीं समझा। अत: मैंने उससे फिर पूछा, “मेरे स्‍वामी, इन बातों का अन्‍तिम परिणाम क्‍या होगा?”


ये शब्‍द मेरे मुंह में ही थे कि अचानक स्‍वर्ग से यह आवाज सुनाई दी: “ओ राजा नबूकदनेस्‍सर, यह बात तुझसे ही कही जा रही है। तेरा राज्‍य तेरे हाथ से निकल गया!


“सात वर्ष बीतने के बाद मैं नबूकदनेस्‍सर ने स्‍वर्ग की ओर दीनता से आंखें उठाईं, और मेरा विवेक लौट आया। मैंने सर्वोच्‍च परमेश्‍वर को धन्‍य कहा, जो सदा-सर्वदा जीवित है। मैंने इन शब्‍दों में उसकी महिमा और स्‍तुति की; “परमेश्‍वर का राज्‍य शाश्‍वत है; उसका शासन पीढ़ी से पीढ़ी बना रहता है।


“जब मैंने इस सींग पर दृष्‍टि की, तब मुझे दिखाई दिया कि इस सींग ने परमेश्‍वर के भक्‍तों से युद्ध छेड़ दिया और यह उन पर प्रबल हो गया।


यह राजा सर्वोच्‍च परमेश्‍वर की निन्‍दा करेगा, और उसके भक्‍तों को पीस डालेगा। यह निर्धारित पर्व-कालों और विधि-विधानों को बदलने का प्रयत्‍न करेगा; सर्वोच्‍च परमेश्‍वर के भक्‍त साढ़े तीन वर्ष तक इसके हाथ में सौंप दिए जाएंगे।


पहले भक्‍त ने उसको यह बताया, “जब तक तेईस सौ संध्‍या और सबेरा न बीत जाएंगे, तब तक यह अधर्म होता रहेगा। इस अवधि के पश्‍चात् पवित्र स्‍थान शुद्ध किया जाएगा।”


वह शक्‍तिशाली होगा, और हर जगह विनाश का भयानक ढेर लगा देगा। जो भी कार्य वह हाथ में लेगा, उसमें वह सफल होगा। वह शक्‍तिशाली नेताओं और भक्‍तों के जनसमुदायों को नष्‍ट करेगा।


अपने मन में निश्‍चय कर लो कि तुम पहले से अपनी सफाई की तैयारी नहीं करोगे,


लोग तलवार की धार से मृत्‍यु के घाट उतारे जाएँगे। उन को बन्‍दी बना कर सब राष्‍ट्रों में ले जाया जाएगा और यरूशलेम गैर-यहूदी राष्‍ट्रों द्वारा तब तक रौंदा जाएगा, जब तक उन राष्‍ट्रों का समय पूरा न हो जाए।


जिन राष्‍ट्रों को उसने रचा है, उनके मध्‍य वह तुझे सर्वोच्‍च आसन पर प्रतिष्‍ठित करेगा जिससे उसकी स्‍तुति, प्रसिद्धि और सम्‍मान हो। जैसा प्रभु परमेश्‍वर ने कहा है उसके अनुसार तू उसकी पवित्र प्रजा बनेगा।’


जब प्रभु देखेगा कि उसके लोगों का भुजबल जाता रहा, स्‍वाधीन और पराधीन, दोनों प्रकार के लोग नहीं रहे, तब वह अपने निज लोगों को निर्दोष सिद्ध करेगा, वह अपने सेवकों पर दया करेगा।


मैं आकाश की ओर अपना हाथ उठाकर यह शपथ खाता हूँ, मैं अनन्‍त काल तक जीवित हूँ।


क्‍योंकि तू अपने प्रभु परमेश्‍वर की पवित्र प्रजा है। तेरे प्रभु परमेश्‍वर ने तुझको अपनी प्रजा, अपनी निज सम्‍पत्ति बनाने के लिए पृथ्‍वी की समस्‍त जातियों में से तुझको चुना है।


परन्‍तु आप लोग चुने हुए वंश, राजकीय पुरोहित-वर्ग, पवित्र राष्‍ट्र तथा परमेश्‍वर की अपनी निजी प्रजा हैं, जिससे आप उसी के महान् कार्यों की घोषणा करें, जो आप लोगों को अन्‍धकार में से निकाल कर अपनी अलौकिक ज्‍योति में बुला लाया है।


परन्‍तु महिला को विशालकाय गरुड़ के दो पंख मिले, जिससे वह निर्जन प्रदेश में अपने उस आश्रय-स्‍थान को उड़ जाये, जहाँ उसे, सर्प की पहुँच से परे, साढ़े तीन वर्ष तक भोजन मिलनेवाला था।


तब वह महिला निर्जन प्रदेश की ओर भाग गयी, जहाँ परमेश्‍वर ने उसके लिए आश्रय तैयार करवाया था और उसे बारह सौ साठ दिनों तक भोजन मिलने वाला था।


पशु को डींग मारने एवं ईश-निन्‍दा करने की अनुमति और बयालीस महीनों तक बने रहने का अधिकार दिया गया।


तब-तब चौबीस धर्मवृद्ध सिंहासन पर विराजमान को दण्‍डवत करते हैं, युग-युगों तक जीवित रहने वाले की आराधना करते और यह कहते हुए सिंहासन के सामने अपने मुकुट डाल देते हैं :


जब-जब प्राणी सिंहासन पर विराजमान, युग-युगों तक जीवित रहने वाले को महिमा, सम्‍मान और धन्‍यवाद देते हैं,


हमारे पर का पालन करें:

विज्ञापनों


विज्ञापनों