जिन्हें इस्राएली पूर्णत: नष्ट नहीं कर सके थे, और जिनके वंशज देश में बच गए थे, सुलेमान ने इन जातियों के लोगों से भवन-निर्माण के कार्य में गुलाम के सदृश बेगार कराई। वे आज भी इस्राएलियों की बेगार करते हैं।
न्यायियों 3:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) प्रभु ने इन जातियों को छोड़ दिया था, जिससे इनके द्वारा इस्राएलियों की उस पीढ़ी की परीक्षा ली जा सके, जिसे कनान के किसी भी युद्ध का व्यावहारिक ज्ञान नहीं था। पवित्र बाइबल यहाँ उन राष्ट्रों के नाम हैं जिन्हें यहोवा ने बलपूर्वक अपना देश नहीं छुड़वाया। यहोवा इस्राएल के उन लोगों की परीक्षा लेना चाहता था, जो कनान प्रदेश को लेने के लिये होने वाले युद्धों में लड़े नहीं थे। यही कारण था कि उसने उन राष्ट्रों को उस प्रदेश में रहने दिया। (उस प्रदेश में यहोवा द्वारा उन राष्ट्रों को रहने देने का कारण केवल यह था कि इस्राएल के लोगों के उन वंशजों को शिक्षा दी जाय जो उन युद्धों में नहीं लड़े थे।) Hindi Holy Bible इस्राएलियों में से जितने कनान में की लड़ाईयों में भागी न हुए थे, उन्हें परखने के लिये यहोवा ने इन जातियों को देश में इसलिये रहने दिया; पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इस्राएलियों में से जितने कनान में की लड़ाइयों में भागी न हुए थे, उन्हें परखने के लिये यहोवा ने इन जातियों को देश में इसलिये रहने दिया सरल हिन्दी बाइबल उन जनताओं को याहवेह ने नहीं हटाया कि याहवेह इनके द्वारा इस्राएल की नयी पीढ़ी को, जो कनान के किसी भी युद्ध में शामिल नहीं हुए थे, परख सके, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इस्राएलियों में से जितने कनान में की लड़ाइयों में भागी न हुए थे, उन्हें परखने के लिये यहोवा ने इन जातियों को देश में इसलिए रहने दिया; |
जिन्हें इस्राएली पूर्णत: नष्ट नहीं कर सके थे, और जिनके वंशज देश में बच गए थे, सुलेमान ने इन जातियों के लोगों से भवन-निर्माण के कार्य में गुलाम के सदृश बेगार कराई। वे आज भी इस्राएलियों की बेगार करते हैं।
एक बार बेबीलोन के उच्चाधिकारियों ने उसके प्रदेश में हुए एक आश्चर्यपूर्ण कार्य के विषय में जानकारी प्राप्त करने के लिए राजदूत भेजे। तब परमेश्वर ने उसको उसकी स्वतंत्र इच्छा पर छोड़ दिया ताकि वह अपनी जांच करे, और अपने हृदय की बातों को स्वयं जान ले।
किन्तु वह मेरा मार्ग भली-भांति जानता है; जब वह मुझे परख लेगा तब मैं कंचन जैसा शुद्ध प्रामाणित हूँगा।
मूसा ने प्रभु की दुहाई दी। प्रभु ने मूसा को वृक्ष का एक लट्ठा दिखाया। उन्होंने उसको पानी में फेंक दिया और पानी मीठा हो गया। प्रभु ने वहाँ संविधि और न्याय-सिद्धान्त स्थापित किए। वहाँ उसने उन्हें कसौटी पर भी कसा।
जैसे कुठाली चांदी को परखने के लिए, और सोने को परखने के लिए भट्ठी है, वैसे ही मनुष्य के हृदय को परखने वाला प्रभु है।
‘ओ यिर्मयाह, मैंने अपने निज लोगों का आचरण परखने और उसको जानने के लिए तुझे परीक्षक नियुक्त किया है, तुझे पारखी बनाया है।
जैसे भट्ठी में चांदी शुद्ध की जाती है, वैसे ही मैं इस एक तिहाई आबादी को आग में झोंक कर उसे शुद्ध करूंगा। जैसे सोना परखा जाता है वैसे ही मैं उनको परखूंगा। वे मेरे नाम की दुहाई देंगे, और मैं उनको उत्तर दूंगा। मैं यह कहूंगा, “ये मेरे निज लोग हैं” , और वे यह कहेंगे, “प्रभु ही हमारा परमेश्वर है।” ’
तेरा प्रभु परमेश्वर इन जातियों को तेरे सम्मुख से थोड़ा-थोड़ा करके निकाल देगा। तू उनका अविलम्ब विनाश मत करना, ऐसा न हो कि वन-पशु बढ़कर तेरी हानि करें।
उसने निर्जन प्रदेश में तुझे “मन्ना” खिलाया था जिसको तेरे पूर्वज नहीं जानते थे। उसने तुझे पीड़ित किया, तुझे कसौटी पर कसा था, कि अन्त में तेरा भला करे।
तू उन सब मार्गों को स्मरण करना, जिन पर तेरा प्रभु परमेश्वर तुझे चालीस वर्ष तक निर्जन प्रदेश में ले गया, जिससे वह तुझे पीड़ित करे और यह जानने के लिए तेरी परीक्षा ले, कि तेरे हृदय में क्या है, और कि तू उसकी आज्ञाओं का पालन करेगा अथवा नहीं।
यह इसलिए होता है कि आपका विश्वास परीक्षा में खरा निकले। सोना भी तो आग में तपाया जाता है और आपका विश्वास नश्वर सोने से कहीं अधिक मूल्यवान् है। इस प्रकार आपका विश्वास येशु मसीह के प्रकट होने पर स्तुति, प्रशंसा और प्रतिष्ठा का कारण बने।
प्रिय भाइयो एवं बहिनो! आप लोगों की परीक्षा अग्नि से ली जा रही है। आप इस पर आश्चर्य नहीं करें, मानो यह कोई असाधारण घटना हो।
मैं उसकी सन्तति का संहार करूंगा और सब कलीसियाएँ यह जान जायेंगी कि मैं वह हूँ, जो मन और ह्रदय की थाह लेता है और मैं तुम में से हर एक को उसके कर्मों का फल दूँगा।
इस्राएली लोगों ने यहोशुअ की मृत्यु के पश्चात् प्रभु से यह पूछा : ‘हममें से कौन कुल सर्वप्रथम कनान देश के निवासियों पर चढ़ाई करेगा, और उनसे युद्ध करेगा?’
यहोशुअ की समकालीन पीढ़ी भी अपने मृत पूर्वजों में जाकर मिल गई। उनके पश्चात् नई पीढ़ी का उदय हुआ। यह पीढ़ी न प्रभु को जानती थी, और न उसके आश्चर्यपूर्ण कार्यों को जो उसने इस्राएलियों के हितार्थ किए थे।
अत: प्रभु ने उन जातियों को तुरन्त नहीं निकाला जिन्हें उसने छोड़ दिया था और यहोशुअ के हाथ में नहीं सौंपा था।
यह इस्राएल की पीढ़ियों के हित में था कि वे युद्ध का ज्ञान प्राप्त करें। कम से कम वे इस्राएली लोग युद्ध-कला को सीखें जिन्हें पहले से युद्ध का व्यावहारिक ज्ञान नहीं था।