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नीतिवचन 15:32 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

जो मनुष्‍य शिक्षा की बातों की उपेक्षा करता है, वह स्‍वयं अपना तिरस्‍कार करता है; पर डांट-डपट पर ध्‍यान देनेवाला व्यक्‍ति व्‍यवहार-कुशल बनता है।

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पवित्र बाइबल

ऐसा मनुष्य जो प्रताड़ना की उपेक्षा करता, वह तो विपत्ति को स्वयं अपने आप पर बुलाता है; किन्तु जो ध्यान देता है सुधार पर, समझ—बूझ पाता है।

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Hindi Holy Bible

जो शिक्षा को सुनी-अनसुनी करता, वह अपने प्राण को तुच्छ जानता है, परन्तु जो डांट को सुनता, वह बुद्धि प्राप्त करता है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

जो शिक्षा को सुनी–अनसुनी करता, वह अपने प्राण को तुच्छ जानता है, परन्तु जो डाँट को सुनता, वह बुद्धि प्राप्‍त करता है।

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नवीन हिंदी बाइबल

जो शिक्षा की उपेक्षा करता है, वह अपने प्राण को तुच्छ जानता है; परंतु जो ताड़ना पर ध्यान देता है, वह समझ प्राप्‍त करता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

वह जो अनुशासन का परित्याग करता है, स्वयं से छल करता है, किंतु वह, जो प्रताड़ना स्वीकार करता है, समझ प्राप्‍त करता है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

जो शिक्षा को अनसुनी करता, वह अपने प्राण को तुच्छ जानता है, परन्तु जो डाँट को सुनता, वह बुद्धि प्राप्त करता है।

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नीतिवचन 15:32
27 क्रॉस रेफरेंस  

तू अनुशासन से घृणा करता, और मेरे वचनों को त्‍याग देता है।


प्रभु के प्रति भय-भाव ही बुद्धि का मूल है, जो मूर्ख हैं; वे ही बुद्धि और शिक्षा को तुच्‍छ समझते हैं।


जो मनुष्‍य शिक्षा की बातों पर ध्‍यान देता है, वह जीवन के मार्ग पर चलता है; पर जो व्यक्‍ति चेतावनी की उपेक्षा करता है; वह जीवन के मार्ग से भटक जाता है।


जो मनुष्‍य शिक्षा की उपेक्षा करता है, वह गरीबी और अपमान का जीवन बिताता है; पर चेतावनी पर ध्‍यान देनेवाला मनुष्‍य सम्‍मान का पात्र बनता है।


जो मनुष्‍य समझदार है, उसका हृदय ज्ञान का प्‍यासा होता है, किन्‍तु मूर्ख मूर्खतापूर्ण बातों से अपना पेट भरता है।


जिस मनुष्‍य में समझ नहीं है, वह मूर्खता को ही आनन्‍द समझता है; किन्‍तु समझदार व्यक्‍ति सन्‍मार्ग पर चलता है।


जो मनुष्‍य हितपूर्ण चेतावनियों पर ध्‍यान देता है, वह बुद्धिमानों के सत्‍संग में स्‍थान पाता है।


प्रभु की भक्‍ति करना बुद्धि से शिक्षा प्राप्‍त करना है; आदर पाने के पूर्व विनम्र बनना आवश्‍यक है।


मूर्ख पुत्र अपने पिता की शिक्षाप्रद बातों का तिरस्‍कार करता है; परन्‍तु जो पुत्र अपने पिता की डांट-डपट को स्‍वीकार करता है, वह व्‍यवहारकुशल बन जाता है।


मूर्ख मनुष्‍य बुद्धि को खरीदने के लिए अपने हाथ में दाम क्‍यों रखे हुए है, जबकि उसमें समझ है ही नहीं?


तेज बुद्धिवाला मनुष्‍य ज्ञान प्राप्‍त करता है; बुद्धिमान व्यक्‍ति के कान ज्ञान की बातों की ओर लगे रहते हैं।


सलाह को मानो, शिक्षा को ग्रहण करो; जिससे तुम आगे के लिए बुद्धिमान बन सको।


जो मनुष्‍य बार-बार डांटे जाने पर भी अपना हठ नहीं छोड़ता, उसका अचानक सर्वनाश होगा, और वह फिर नहीं सुधर सकेगा।


मूर्खों के मुख से गीत सुनने की अपेक्षा बुद्धिमान की डांट-डपट सुनना अच्‍छा है।


अब तुम्‍हारे किस अंग पर प्रहार किया जा सकता है? तुम्‍हारा कोई अंग भी मार से बचा नहीं, फिर भी तुम बार-बार विद्रोह करते हो! तुम्‍हारा सारा सिर घायल है, तुम्‍हारा सम्‍पूर्ण हृदय रोगी है।


उनका मुख उनके विरुद्ध साक्षी दे रहा है! वे सदोम नगर-राज्‍य के समान अपने पाप की घोषणा करते हैं, वे उसको छिपाते नहीं! धिक्‍कार है उन्‍हें! उन्‍होंने स्‍वयं ही विपत्ति मोल ली है।


‘हे प्रभु, क्‍या तू सच्‍चाई को नहीं देखता? देख, तूने उनको मारा, किन्‍तु उन्‍हें पीड़ा का अनुभव ही नहीं हुआ! तूने उनका संहार किया, फिर भी उन्‍होंने इससे पाठ नहीं सीखा! उन्‍होंने अपना हृदय चट्टान से अधिक कठोर बना लिया, उन्‍होंने पश्‍चात्ताप करने से इन्‍कार कर दिया।’


‘यदि किसी मनुष्‍य का पुत्र हठीला और विद्रोही है, और वह अपने पिता तथा अपनी माता की बात नहीं सुनता है, उनके ताड़ित करने पर भी वह उनकी बात नहीं मानता है,


वे नगर के धर्मवृद्धों से कहेंगे, “हमारा यह पुत्र हठीला और विद्रोही है। यह हमारी बात नहीं सुनता है। यह अपव्‍ययी और शराबी है।”


आप सावधान रहें- कोई व्यक्‍ति परमेश्‍वर की कृपा से वंचित न हो। ऐसी कोई कड़वी जड़ फूटने न पाये, जो हानिकर हो और समस्‍त समुदाय को दूषित कर दे।


आप लोग अपने को धोखा नहीं दें। वचन के श्रोता ही नहीं, बल्‍कि उसके पालनकर्ता भी बनें।


मैं जिन से प्रेम करता हूँ, उन्‍हें डाँटता और दण्‍डित करता हूँ। इसलिए उत्‍साही बनो और पश्‍चात्ताप करो।