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नीतिवचन 15:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

बुद्धिमान के कंठ से ज्ञान की धारा प्रवाहित होती है; किन्‍तु मूर्ख अपने मुंह से केवल मूर्खता ही निकालता है।

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पवित्र बाइबल

बुद्धिमान की वाणी ज्ञान की प्रशंसा करती है, किन्तु मूर्ख का मुख मूर्खता उगलता है।

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Hindi Holy Bible

बुद्धिमान ज्ञान का ठीक बखान करते हैं, परन्तु मूर्खों के मुंह से मूढ़ता उबल आती है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

बुद्धिमान ज्ञान का ठीक बखान करते हैं, परन्तु मूर्खों के मुँह से मूढ़ता उबल आती है।

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नवीन हिंदी बाइबल

बुद्धिमानों की जीभ ज्ञान का उचित प्रयोग करती है, परंतु मूर्खों का मुँह मूर्खता ही उगलता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

बुद्धिमान के मुख से ज्ञान निकलता है, किंतु मूर्ख का मुख मूर्खता ही उगलता है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

बुद्धिमान ज्ञान का ठीक बखान करते हैं, परन्तु मूर्खों के मुँह से मूर्खता उबल आती है।

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नीतिवचन 15:2
14 क्रॉस रेफरेंस  

मेरे हृदय में सुन्‍दर भाव उमड़ रहे हैं − मैं राजा के लिए गीत गाऊंगा; मेरी जीभ निपुण लेखक की लेखनी है।


देख, वे अपने मुंह से डकार रहे हैं। उनके मुंह में तलवारें हैं; वे यह कहते हैं, “कौन सुनता है?”


चतुर मनुष्‍य अपना ज्ञान छिपाकर रखता है; पर मूर्ख अपनी मूर्खता का प्रदर्शन करता है।


व्‍यवहार-कुशल व्यक्‍ति बुद्धि से अपने कार्य करता है, परन्‍तु मूर्ख अपनी मूर्खता का प्रदर्शन करता है।


समय पर उपयुक्‍त उत्तर देना मनुष्‍य को आनन्‍द प्रदान करता है; अवसर पर कही गई बात कितनी भली होती है।


उत्तर देने के पूर्व धार्मिक मनुष्‍य अपने मन में विचार करता है; किन्‍तु दुर्जन का मुंह बुरी बातें ही उगलता रहता है।


बुद्धिमान अपनी वाणी से ज्ञान का प्रसार करता है; पर मूर्ख का मस्‍तिष्‍क ऐसा नहीं कर पाता।


बुद्धिमान मनुष्‍य का मन उसके वचन को ज्ञान से परिपूर्ण करता है, और उसकी वाणी में विद्या की वृद्धि करता है।


जिससे तू विवेक की निगरानी कर सके, और तेरे ओंठ ज्ञान की रक्षा कर सकें।


मूर्ख मनुष्‍य एक बात की दो बातें बनाता है, यद्यपि कोई नहीं जानता है कि भविष्‍य में क्‍या होनेवाला है; उसे कौन बता सकता है कि उसकी मृत्‍यु के बाद क्‍या होगा।


जैसे कार्य की अधिकता के कारण व्यक्‍ति स्‍वप्‍न देखता है, वैसे ही बहुत बकवास से मूर्ख की मूर्खता प्रकट होती है।


स्‍वामी-प्रभु ने मुझे शििक्षत जन की वाणी दी है ताकि मैं थके-मांदे लोगों को शांति के वचन बोलकर संभाल सकूं। वह प्रतिदिन सबेरे मुझे जगाता है; मेरे कान खोलता है, जिससे मैं शिष्‍य की तरह ध्‍यान दे सकूं।