बेबीलोन का राजा यरूशलेम के सब निवासियों, राजकुमारों और महाबली सैनिकों को बन्दी बनाकर ले गया। ये संख्या में कुल दस हजार बन्दी थे। इनमें कारीगर और लोहार भी थे। नगर में दीन-दरिद्रों को छोड़ और कोई नहीं बचा!
नीतिवचन 13:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मनुष्य का जीवन उसके धन से बच सकता है; पर गरीब के पास अपने प्राण की रक्षा के लिए कुछ नहीं होता। पवित्र बाइबल धनवान को अपना जीवन बचाने उसका धन फिरौती में लगाना पड़ेगा किन्तु दीन जन ऐसे किसी धमकी के भय से मुक्त है। Hindi Holy Bible प्राण की छुड़ौती मनुष्य का धन है, परन्तु निर्धन घुड़की को सुनता भी नहीं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) प्राण की छुड़ौती मनुष्य का धन है, परन्तु निर्धन घुड़की को सुनता भी नहीं। नवीन हिंदी बाइबल मनुष्य के प्राण की फिरौती उसका धन है, परंतु निर्धन को ऐसी धमकी नहीं मिलती। सरल हिन्दी बाइबल धन किसी व्यक्ति के लिए छुटकारा हो सकता है, किंतु निर्धन पर यह स्थिति नहीं आती. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 धनी मनुष्य के प्राण की छुड़ौती उसके धन से होती है, परन्तु निर्धन ऐसी घुड़की को सुनता भी नहीं। |
बेबीलोन का राजा यरूशलेम के सब निवासियों, राजकुमारों और महाबली सैनिकों को बन्दी बनाकर ले गया। ये संख्या में कुल दस हजार बन्दी थे। इनमें कारीगर और लोहार भी थे। नगर में दीन-दरिद्रों को छोड़ और कोई नहीं बचा!
शैतान ने प्रभु को उत्तर दिया, ‘खाल के बदले खाल, लेकिन मनुष्य अपना प्राण बचाने के लिए सब कुछ दे सकता है।
यदि उस पर उद्धार का शुल्क निश्चित किया जाए, तो उसे अपने प्राण के विमोचन के लिए निश्चित किया गया शुल्क देना होगा।
झूठी शानवाला व्यक्ति धन-सम्पत्ति न होने पर भी धनी होने का ढोंग करता है; प्रदर्शन को पसन्द न करनेवाला मनुष्य धनी होने पर भी निर्धन होने का बहाना करता है।
वह क्षतिपूर्ति के लिए कुछ नहीं लेगा; तू उसको कितने ही उपहार देगा, पर वह प्रसन्न नहीं होगा।
नबूजरदान ने यहूदा प्रदेश में उन लोगों को छोड़ दिया जो गरीब थे, और जिनके पास कुछ नहीं था। वह जाते समय उनको अंगूर-उद्यान और खेत दे गया।
किन्तु उन में से दस आदमी बच गए। उन्होंने यिश्माएल से कहा, ‘हमें मत मारो; हमारे पास गेहूं, जौ, तेल और शहद है, जो हमने खेतों में छिपा दिया है।’ अत: यिश्माएल ने उनको छोड़ दिया और उनके साथियों के साथ उन्हें नहीं मारा।
मैं तेरे मध्य में विनम्र और विनीत लोगों का एक समूह छोड़ूंगा। वे मुझ-प्रभु के नाम का आश्रय खोजेंगे।
मनुष्य को इससे क्या लाभ यदि वह सारा संसार तो प्राप्त कर ले, लेकिन अपना प्राण ही गँवा दे? अपने प्राण के बदले में मनुष्य क्या देगा?