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नीतिवचन 13:8 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

8 प्राण की छुड़ौती मनुष्य का धन है, परन्तु निर्धन घुड़की को सुनता भी नहीं।

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पवित्र बाइबल

8 धनवान को अपना जीवन बचाने उसका धन फिरौती में लगाना पड़ेगा किन्तु दीन जन ऐसे किसी धमकी के भय से मुक्त है।

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Hindi Holy Bible

8 प्राण की छुड़ौती मनुष्य का धन है, परन्तु निर्धन घुड़की को सुनता भी नहीं।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

8 मनुष्‍य का जीवन उसके धन से बच सकता है; पर गरीब के पास अपने प्राण की रक्षा के लिए कुछ नहीं होता।

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नवीन हिंदी बाइबल

8 मनुष्य के प्राण की फिरौती उसका धन है, परंतु निर्धन को ऐसी धमकी नहीं मिलती।

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सरल हिन्दी बाइबल

8 धन किसी व्यक्ति के लिए छुटकारा हो सकता है, किंतु निर्धन पर यह स्थिति नहीं आती.

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नीतिवचन 13:8
15 क्रॉस रेफरेंस  

यदि मनुष्य सारे जगत को प्राप्‍त करे, और अपने प्राण की हानि उठाए, तो उसे क्या लाभ होगा? या मनुष्य अपने प्राण के बदले क्या देगा?


शैतान ने यहोवा को उत्तर दिया, “खाल के बदले खाल; परन्तु प्राण के बदले मनुष्य अपना सब कुछ दे देता है।


क्योंकि मैं तेरे बीच में दीन और कंगाल लोगों का एक दल बचा रखूँगा, और वे यहोवा के नाम की शरण लेंगे।


परन्तु उनमें से दस मनुष्य इश्माएल से कहने लगे, “हम को न मार; क्योंकि हमारे पास मैदान में रखा हुआ गेहूँ, जौ, तेल और मधु है।” इसलिये उसने उन्हें छोड़ दिया और उनके भाइयों के साथ नहीं मारा।


परन्तु प्रजा में से जो ऐसे कंगाल थे जिनके पास कुछ न था, उनको अंगरक्षकों का प्रधान नबूजरदान यहूदा देश में छोड़ गया, और जाते समय उनको दाख की बारियाँ और खेत दे दिए।


वह घूस पर दृष्‍टि न करेगा, और चाहे तू उसको बहुत कुछ दे, तौभी वह न मानेगा।


परन्तु अंगरक्षकों के प्रधान ने देश के कंगालों में से कुछ को दाख की बारियों की सेवा और काश्तकारी करने को छोड़ दिया।


फिर वह पूरे यरूशलेम को अर्थात् सब हाकिमों और सब धनवानों को जो मिलकर दस हज़ार थे, और सब कारीगरों और लोहारों को बन्दी बना कर ले गया, यहाँ तक कि साधारण लोगों में से कंगालों को छोड़ और कोई न रह गया।


यदि उस पर छुड़ौती ठहराई जाए, तो प्राण छुड़ाने को जो कुछ उसके लिये ठहराया जाए उसे उतना ही देना पड़ेगा।


कोई तो धन बटोरता, परन्तु उसके पास कुछ नहीं रहता, और कोई धन उड़ा देता, तौभी उसके पास बहुत रहता है।


धर्मियों की ज्योति आनन्द के साथ रहती है, परन्तु दुष्‍टों का दिया बुझ जाता है।


बुद्धिमानों का धन उनका मुकुट ठहरता है, परन्तु मूर्खों की मूढ़ता निरी मूढ़ता है।


क्योंकि भोजन से प्राण, और वस्त्र से शरीर बढ़कर है।


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