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नीतिवचन 10:21 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

धार्मिक मनुष्‍य के शब्‍दों से अनेक लोगों का भला होता है; पर मूर्ख मनुष्‍य समझ के अभाव में मर जाता है।

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पवित्र बाइबल

धर्मी के मुख से अनेक का भला होता, किन्तु मूर्ख समझ के अभाव में मिट जाते।

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Hindi Holy Bible

धर्मी के वचनों से बहुतों का पालन पोषण होता है, परन्तु मूढ़ लोग निर्बुद्धि होने के कारण मर जाते हैं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

धर्मी के वचनों से बहुतों का पालन–पोषण होता है, परन्तु मूढ़ लोग निर्बुद्धि होने के कारण मर जाते हैं।

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नवीन हिंदी बाइबल

धर्मी के वचनों से बहुतों को लाभ होता है, परंतु मूर्ख लोग समझ की कमी के कारण मर जाते हैं।

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सरल हिन्दी बाइबल

धर्मी के उद्गार अनेकों को तृप्‍त कर देते हैं, किंतु बोध के अभाव में ही मूर्ख मृत्यु का कारण हो जाते हैं.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

धर्मी के वचनों से बहुतों का पालन-पोषण होता है, परन्तु मूर्ख लोग बुद्धिहीनता के कारण मर जाते हैं।

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नीतिवचन 10:21
28 क्रॉस रेफरेंस  

मैं उसकी आज्ञा का पालान करने से कभी विचलित नहीं हुआ; मैंने उसके वचनों को अपने हृदय में सदा सुरक्षित रखा।


धार्मिक मनुष्‍य ज्ञान का पाठ करता है। उसकी जीभ न्‍याय की बातें करती है।


क्‍योंकि तुमने ज्ञान से बैर किया है; तुम्‍हें प्रभु की भक्‍ति करना पसन्‍द नहीं है।


अत: तुम अपनी करनी का फल स्‍वयं भोगोगे; जो काम तुमने अपनी इच्‍छा से किए हैं, उनके फल से तुम अघा जाओगे।


अज्ञानी मार्ग से भटक जाते हैं, और उनका भटकना मृत्‍यु का कारण बनता है; मूर्खों का आत्‍म-सन्‍तोष उनके विनाश का कारण होता है।


धार्मिक मनुष्‍य का मुख जीवन का झरना है; पर दुर्जन के मुख में हिंसा निवास करती है!


बिना सोच-विचार के बोलनेवाले मनुष्‍य के शब्‍द तलवार की तरह बेधते हैं; पर बुद्धिमान की बातें मलहम का काम करती हैं।


मधुर वचन बोलनेवाली जिह्‍वा जीवन का वृक्ष है; पर छल-कपट की बातें बोलनेवाली जीभ से आत्‍मा को कष्‍ट होता है।


बुद्धिमान अपनी वाणी से ज्ञान का प्रसार करता है; पर मूर्ख का मस्‍तिष्‍क ऐसा नहीं कर पाता।


मूर्ख मनुष्‍य बुद्धि को खरीदने के लिए अपने हाथ में दाम क्‍यों रखे हुए है, जबकि उसमें समझ है ही नहीं?


और यह कहोगे: ‘काश! मैं अनुशासन से घृणा न करता; मेरा हृदय चेतावनियों को तुच्‍छ न समझता!


जिससे तू विवेक की निगरानी कर सके, और तेरे ओंठ ज्ञान की रक्षा कर सकें।


वह अनुशासन का पालन न करने के कारण मर जाता है; वह अपनी मूर्खता के कारण यहां-वहां भटकता फिरता है।


व्‍यभिचार करनेवाला व्यक्‍ति निरा मूर्ख होता है, जो पुरुष व्‍यभिचार करता है, वह स्‍वयं को नष्‍ट करता है।


बुद्धिमान व्यक्‍ति के कथन अंकुश की तरह होते हैं। सभा के मुखियों के द्वारा दिए गए ये संकलित कथन, मजबूती से ठोंकी गई खूंटियों के समान हैं, क्‍योंकि इनका दाता एकमात्र ‘चरवाहा’ है।


मेरे निज लोग ज्ञान के अभाव के कारण बन्‍दी होकर अपने देश से निर्वासित हो गये। प्रतिष्‍ठित लोग भी भूख से मर रहे हैं, और जनता प्‍यास से।


जब मुझे तेरे वचन मिले तब मैंने उन्‍हें ऐसा ग्रहण किया था कि मानो मैं कोई स्‍वादिष्‍ट व्‍यंजन खा रहा हूं। तेरे वचन मेरे लिए हर्ष का कारण बन गए। वे मेरे हृदय का आनन्‍द थे। क्‍योंकि, हे स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु परमेश्‍वर, मैं तेरा नबी कहलाता हूं।


‘सुन, मैं तुझको अपने हृदय के अनुकूल उच्‍च अधिकारी दूंगा। वे तुझ पर बुद्धि और समझ से शासन करेंगे।


मेरे निज लोग ईश्‍वरीय ज्ञान के अभाव में नष्‍ट हो गए। तूने मेरा ज्ञान प्राप्‍त करना स्‍वीकार नहीं किया, इसलिए मैं भी तुझे पुरोहित-पद पर स्‍वीकार नहीं करूंगा। तू मुझ-परमेश्‍वर की व्‍यवस्‍था भूल गया, अत: मैं भी तेरे पुरोहित-वंश को भूल जाऊंगा।


अच्‍छा मनुष्‍य अपने अच्‍छे भण्‍डार से अच्‍छी वस्‍तुएँ निकालता है और बुरा मनुष्‍य अपने बुरे भण्‍डार से बुरी वस्‍तुएँ।


जब कोई ‘राज्‍य’ का वचन सुनता है, लेकिन समझता नहीं, तब उसके मन में जो बोया गया है, उसे शैतान आ कर छीन ले जाता है : यह वह है, जो रास्‍ते के किनारे बोया गया है।


उन्‍होंने परमेश्‍वर का सच्‍चा ज्ञान प्राप्‍त करना उचित नहीं समझा, इसलिए परमेश्‍वर ने उन्‍हें उनकी भ्रष्‍ट बुद्धि पर छोड़ दिया, जिससे वे अनुचित आचरण करने लगे।


आप लोगों को परमेश्‍वर का जो झुण्‍ड सौंपा गया, उसका चरवाहा बनें, परमेश्‍वर की इच्‍छा के अनुसार उसकी देखभाल करें-लाचारी से नहीं, बल्‍कि स्‍वेच्‍छा से; घिनावने लाभ के लिए नहीं, बल्‍कि सेवाभाव से;