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नीतिवचन 5:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

12 और यह कहोगे: ‘काश! मैं अनुशासन से घृणा न करता; मेरा हृदय चेतावनियों को तुच्‍छ न समझता!

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पवित्र बाइबल

12 और तुम कहोगे, “हाय! अनुशासन से मैंने क्यों बैर किया क्यों मेरा मन सुधार की उपेक्षा करता रहा

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Hindi Holy Bible

12 मैं ने शिक्षा से कैसा बैर किया, और डांटने वाले का कैसा तिरस्कार किया!

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

12 “मैं ने शिक्षा से कैसा बैर किया, और डाँटनेवाले का कैसा तिरस्कार किया!

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नवीन हिंदी बाइबल

12 “हाय! मैंने शिक्षा से कैसा बैर किया, और मेरे मन ने चेतावनियों का कैसा तिरस्कार किया!

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सरल हिन्दी बाइबल

12 और तब तुम यह विचार करके कहो, “क्यों मैं अनुशासन तोड़ता रहा! क्यों मैं ताड़ना से घृणा करता रहा!

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नीतिवचन 5:12
23 क्रॉस रेफरेंस  

उन्‍होंने कहा, ‘हट जा।’ फिर वे बोले, ‘तू यहाँ प्रवास करने आया था, और अब न्‍याय करके न्‍यायाधीश बनना चाहता है। हम उनसे अधिक तेरे साथ बुरा व्‍यवहार करेंगे।’ उन्‍होंने लोट को धकेल दिया और दरवाजा तोड़ने के लिए समीप आए।


नबी यह बोल ही रहा था कि राजा अमस्‍याह ने उससे कहा, ‘तुझको किसने मेरा सलाहकार नियुक्‍त किया है? चुप रह! तू क्‍यों मरना चाहता है?’ नबी चुप हो गया; किन्‍तु उसने कहा, ‘मैं जानता हूं, परमेश्‍वर ने आपको नष्‍ट करने का निश्‍चय कर लिया है; क्‍योंकि आपने मेरी सलाह नहीं सुनी और मुझे चुप करा दिया।’


किन्‍तु वे परमेश्‍वर के सन्‍देश-वाहकों का मजाक उड़ाते रहे। उन्‍होंने परमेश्‍वर के सन्‍देश को तुच्‍छ समझा; उसके नबियों की हंसी की। तब अन्‍त में प्रभु की क्रोधाग्‍नि अपने निज लोगों पर भड़क उठी; और उसको बुझाने का किसी में सामर्थ्य न था: कोई इलाज न रह गया।


तू अनुशासन से घृणा करता, और मेरे वचनों को त्‍याग देता है।


मैं मूर्ख और नासमझ था, तेरे सम्‍मुख मैं पशुवत था।


‘ओ अज्ञानियो, कब तक तुम अज्ञान गले लगाए रखोगे? ज्ञान की हंसी उड़ाने वालो, कब तक तुम ज्ञान की हंसी उड़ाते रहोगे? ओ मुर्खो, तुम कब तक ज्ञान से बैर रखोगे?


तुमने मेरी सलाह की उपेक्षा की, और मेरी चेतावनी को अनसुना किया।


प्रभु के प्रति भय-भाव ही बुद्धि का मूल है, जो मूर्ख हैं; वे ही बुद्धि और शिक्षा को तुच्‍छ समझते हैं।


जो मनुष्‍य शिक्षा की बातों पर ध्‍यान देता है, वह जीवन के मार्ग पर चलता है; पर जो व्यक्‍ति चेतावनी की उपेक्षा करता है; वह जीवन के मार्ग से भटक जाता है।


जो मनुष्‍य शिक्षा से प्रेम करता है, वह ज्ञान-प्रिय भी होता है; पर जो डांट-फटकार से घृणा करता है, वह पशु के समान नासमझ है।


जो मनुष्‍य शिक्षा की उपेक्षा करता है, वह गरीबी और अपमान का जीवन बिताता है; पर चेतावनी पर ध्‍यान देनेवाला मनुष्‍य सम्‍मान का पात्र बनता है।


मूर्ख पुत्र अपने पिता की शिक्षाप्रद बातों का तिरस्‍कार करता है; परन्‍तु जो पुत्र अपने पिता की डांट-डपट को स्‍वीकार करता है, वह व्‍यवहारकुशल बन जाता है।


जीवन की ढलती आयु में, जब तुम्‍हारे शरीर का बल और त्‍वचा की ताजगी खत्‍म हो जाएगी,, तब तुम केवल सिर धुनोगे,


क्‍योंकि पिता की आज्ञा मार्ग का दीपक है, और मां की शिक्षा जीवन की ज्‍योति है! अनुशासन के लिए दी जानेवाली चेतावनियां जीवन का मार्ग हैं।


पर जो मुझे चूक जाता है, वह अपने पैरों पर कुल्‍हाड़ी मारता है; जो मुझसे घृणा करता है वह मृत्‍यु को प्‍यार करता है।


फिर भी मैं अपने प्रेम के कारण बार-बार अपने सेवक नबियों को भेजता रहा, और उनके माध्‍यम से कहता रहा, ‘ओह, यह घृणित कार्य मत करो, मैं इस पूजा-पाठ से घृणा करता हूं।’


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