जैसे उसके पिता उज्जियाह ने उन कार्यों को किया जो प्रभु की दृष्टि में उचित थे, वैसे उसने भी किया। पर उसने प्रभु के मन्दिर में प्रवेश करने की अनाधिकृत चेष्टा नहीं की। किन्तु जनता भ्रष्ट आचरण करती रही।
निर्गमन 32:7 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) प्रभु मूसा से बोला, ‘जा, नीचे उतर जा! तेरे लोग, जिन्हें तू मिस्र देश से निकाल लाया है, भ्रष्ट हो गए हैं। पवित्र बाइबल उसी समय यहोवा ने मूसा से कहा, “इस पर्वत से नीचे उतरो। तुम्हारे लोग अर्थात् उन लोगों ने, जिन्हें तुम मिस्र से लाए हो, भयंकर पाप किया है। Hindi Holy Bible तब यहोवा ने मूसा से कहा, नीचे उतर जा, क्योंकि तेरी प्रजा के लोग, जिन्हें तू मिस्र देश से निकाल ले आया है, सो बिगड़ गए हैं; पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब यहोवा ने मूसा से कहा, “नीचे उतर जा, क्योंकि तेरी प्रजा के लोग, जिन्हें तू मिस्र देश से निकाल ले आया है, वे बिगड़ गए हैं; नवीन हिंदी बाइबल तब यहोवा ने मूसा से कहा, “तुरंत नीचे उतर जा, क्योंकि तेरे लोग जिन्हें तू मिस्र देश से निकाल लाया है, वे बिगड़ गए हैं। सरल हिन्दी बाइबल याहवेह ने मोशेह से कहा, “जल्दी नीचे जाओ, क्योंकि लोगों ने, जिन्हें तुम मिस्र देश से निकालकर लाए, अपने आपको अपवित्र कर दिया है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब यहोवा ने मूसा से कहा, “नीचे उतर जा, क्योंकि तेरी प्रजा के लोग, जिन्हें तू मिस्र देश से निकाल ले आया है, वे बिगड़ गए हैं; |
जैसे उसके पिता उज्जियाह ने उन कार्यों को किया जो प्रभु की दृष्टि में उचित थे, वैसे उसने भी किया। पर उसने प्रभु के मन्दिर में प्रवेश करने की अनाधिकृत चेष्टा नहीं की। किन्तु जनता भ्रष्ट आचरण करती रही।
प्रभु ने मूसा से कहा, ‘तू जा, और लौटकर अपने साथ हारून को ला। किन्तु पुरोहित और लोग मेरे पास आने के लिए सीमा-रेखा का उल्लंघन न करें। अन्यथा मैं उन पर टूट पड़ूंगा।’
जब लोगों ने देखा कि मूसा पहाड़ से उतरने में विलम्ब कर रहे हैं तब वे हारून के पास एकत्र हुए। उन्होंने कहा, ‘उठिए! हमारे लिए ऐसा देवता बनाइए, जो हमारे आगे-आगे चले; क्योंकि हम नहीं जानते हैं कि इस पुरुष मूसा को, जो हमें मिस्र देश से निकाल लाया है, क्या हुआ?’
मूसा ने अपने प्रभु परमेश्वर का क्रोध शान्त करते हुए उससे विनती की, ‘हे प्रभु, क्यों तेरी क्रोधाग्नि तेरे लोगों के विरुद्ध प्रज्वलित हुई है, जिसे तू अपने महान् सामर्थ्य और भुजबल के द्वारा मिस्र देश से निकाल लाया है?
उसने उनके हाथ से सोना लिया। तत्पश्चात् उसने उसे सांचे में ढाला, और उससे बछड़े की एक मूर्ति बनाई। लोगों ने कहा, ‘ओ इस्राएली समाज! यह है तेरा ईश्वर जो तुझे मिस्र देश से निकाल लाया है।’
प्रभु मूसा से बोला, ‘प्रस्थान कर! तू तथा वे लोग जिन्हें तू मिस्र देश से निकाल लाया है, यहाँ से उस देश को जाएँ जिसके विषय में मैंने अब्राहम, इसहाक और याकूब से यह शपथ खाई थी, “मैं उसे तेरे वंश को दूँगा।”
ओ पापी राष्ट्र! ओ अधर्म के बोझ से दबे लोगो! ओ कुकर्मियों की सन्तान! ओ भ्रष्टाचारी पुत्रो! तुमने प्रभु को त्याग दिया, तुमने इस्राएल के पवित्र परमेश्वर को तुच्छ समझा। तुम उससे मुंह मोड़ कर दूर हो गए।
“तेरी कौम और तेरे पवित्र नगर के लिए वर्षों के सत्तर सप्ताह निश्चित किए गए हैं। इन वर्षों के व्यतीत होने में सब प्रकार के अपराध समाप्त हो जाएँगे, पाप का अन्त हो जाएगा, अधर्म का प्रायश्चित कराया जाएगा, धार्मिकता शाश्वत बना दी जाएगी, दर्शन और नबूवत सत्य प्रमाणित होगी और “परम पवित्र’ को अभ्यंजित किया जाएगा।
गिबआ नगर के दिनों में जैसे उन्होंने स्वयं को भ्रष्ट किया था, वैसे ही उन्होंने आज बहुत भ्रष्टाचार किया है। प्रभु उनके अधर्म को स्मरण करेगा, वह उनके पाप-कर्म के लिए उन्हें दण्ड देगा।
मैं जानता हूँ, तुम मेरी मृत्यु के पश्चात् निश्चय ही भ्रष्ट हो जाओगे। जिस मार्ग पर चलने का मैंने तुम्हें आदेश दिया है, उससे भटक जाओगे। आगामी दिनों में तुम पर बुराई का आक्रमण होगा। तुम वही कार्य करोगे, जो प्रभु की दृष्टि में बुरा है। इस प्रकार तुम अपने व्यवहार से उसको चिढ़ाओगे।’
परन्तु इस्राएलियों ने प्रभु के साथ भ्रष्ट व्यवहार किया; वे अपने कलंक के कारण उसके पुत्र- पुत्रियां नहीं रहे। वे विकृत और कुटिल पीढ़ी के लोग हैं।
सावधान! ऐसा न हो कि तुम भ्रष्ट हो जाओ, और अपने लिए कोई मूर्ति, कोई आकृति, किसी की समानता में कोई प्रतिमा बनाओ : चाहे नर या नारी की समानता में,
तब प्रभु ने मुझसे कहा, “उठ और यहाँ से अविलम्ब नीचे जा; क्योंकि तेरे लोग, जिनको तू मिस्र देश से बाहर निकाल लाया है, भ्रष्ट हो गए हैं। वे उस मार्ग से शीघ्र ही भटक गए हैं, जिस पर चलने की आज्ञा मैंने उनको दी है। उन्होंने एक मूर्ति बनाई है।”
तुमने होरेब पर्वत पर प्रभु को क्रोधित किया था, और वह क्रुद्ध होकर तुम्हें नष्ट करना चाहता था।
किन्तु उस शासक की मृत्यु के बाद इस्राएली प्रभु से विमुख हो जाते थे। वे अपने पूर्वजों की अपेक्षा अधिक बुरा व्यवहार करते थे। वे अन्य जातियों के देवताओं का अनुसरण करते थे। उनकी पूजा-आराधना करते थे। वे झुककर उनकी वंदना करते थे। उन्होंने अपनी बुरी प्रथाओं का, पूर्वजों के हठधर्म के मार्ग का, त्याग नहीं किया।