तत्पश्चात् वह प्रभु के भवन को गया। वह यहूदा प्रदेश के सब पुरुषों, यरूशलेम नगर के समस्त निवासियों, पुरोहितों और नबियों को, छोटे-बड़े सबको अर्थत् पूरी जनता को अपने साथ ले गया। उसने उनके सामने प्रभु के भवन में पाई गई विधान की पुस्तक को पूरा पढ़ा।
नहेम्याह 8:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वे संगठित होकर ‘जल-द्वार’ के सम्मुख चौक में एकत्र हुए। उन्होंने शास्त्री एज्रा से निवेदन किया कि वह मूसा के व्यवस्था-ग्रन्थ को लाए जो प्रभु ने इस्राएली कौम को प्रदान किया है। पवित्र बाइबल फिर साल के सातवें महीने में इस्राएल के सभी लोग आपस में इकट्ठे हुए। वे सभी एक थे और इस प्रकार एकमत थे जैसे मानो वे कोई एक व्यक्ति हो। जलद्वार के सामने के खुले चौक में वे आपस में मिले। एज्रा नाम के शिक्षक से उन सभी लोगों ने मूसा की व्यवस्था के विधान की पुस्तक को लाने के लिये कहा। यह वही व्यवस्था का विधान है जिसे इस्राएल के लोगों को यहोवा ने दिया था। Hindi Holy Bible जब सातवां महीना निकट आया, उस समय सब इस्राएली अपने अपने नगर में थे। तब उन सब लोगों ने एक मन हो कर, जलफाटक के साम्हने के चौक में इकट्ठे हो कर, एज्रा शास्त्री से कहा, कि मूसा की जो व्यवस्था यहोवा ने इस्राएल को दी थी, उसकी पुस्तक ले आ। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब सातवाँ महीना निकट आया, उस समय सब इस्राएली अपने अपने नगर में थे। तब उन सब लोगों ने एक मन होकर, जलफाटक के सामने के चौक में इकट्ठे होकर, एज्रा शास्त्री से कहा कि मूसा की जो व्यवस्था यहोवा ने इस्राएल को दी थी, उसकी पुस्तक ले आ। सरल हिन्दी बाइबल एक बड़ी भीड़ के रूप में पूरा इस्राएल उस चौक में इकट्ठा हो गया, जो जल फाटक के सामने है. उन्होंने व्यवस्था के ज्ञानी पुरोहित एज़्रा से विनती की थी, कि वह याहवेह द्वारा इस्राएल के लिए दी हुई मोशेह की व्यवस्था की पुस्तक अपने साथ लाएं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब सातवाँ महीना निकट आया, उस समय सब इस्राएली अपने-अपने नगर में थे। तब उन सब लोगों ने एक मन होकर, जलफाटक के सामने के चौक में इकट्ठे होकर, एज्रा शास्त्री से कहा, कि मूसा की जो व्यवस्था यहोवा ने इस्राएल को दी थी, उसकी पुस्तक ले आ। |
तत्पश्चात् वह प्रभु के भवन को गया। वह यहूदा प्रदेश के सब पुरुषों, यरूशलेम नगर के समस्त निवासियों, पुरोहितों और नबियों को, छोटे-बड़े सबको अर्थत् पूरी जनता को अपने साथ ले गया। उसने उनके सामने प्रभु के भवन में पाई गई विधान की पुस्तक को पूरा पढ़ा।
हिल्कियाह ने महासहायक शाफान से कहा, ‘मुझे प्रभु के भवन में “व्यवस्था-ग्रंथ” मिला है।’ हिल्कियाह ने “व्यवस्था-ग्रन्थ” शाफान को दिया।
तत्पश्चात् वह प्रभु के भवन को गया। वह यहूदा प्रदेश के सब पुरुषों, यरूशलेम नगर के समस्त निवासियों, पुरोहितों और उप-पुरोहितों, छोटे-बड़े सब को, पूरी जनता को अपने साथ ले गया। उसने उनके सामने प्रभु के भवन में पाई गई विधान की पुस्तक को पूरा पढ़ा।
इन घटनाओं के पश्चात् फारस के सम्राट अर्तक्षत्र के शासन-काल में एज्रा नामक व्यक्ति बेबीलोन देश से यरूशलेम नगर को गया। एज्रा की वंशावली इस प्रकार है : वह सरायाह का पुत्र और अजर्याह का पौत्र था। अजर्याह हिल्कियाह का पुत्र था, और
एज्रा ने प्रभु की व्यवस्था के अध्ययन में मन लगाया था। वह उसके अनुसार आचरण भी करता था। वह इस्राएलियों को प्रभु की संविधियां और न्याय-सिद्धान्त सिखाता था।
यह सम्राट अर्तक्षत्र के पत्र की प्रतिलिपि है। यह पत्र उसने एज्रा को दिया था। एज्रा पुरोहित और शास्त्री था। जो आज्ञाएं और संविधियां प्रभु ने इस्राएली कौम को दी थीं, वह उनका पंडित था।
एज्रा एक शास्त्री था। वह मूसा की व्यवस्था का विशेषज्ञ था, जो इस्राएली कौम के प्रभु परमेश्वर ने प्रदान की थी। उसने सम्राट से जो मांगा, वह सब सम्राट ने उसको प्रदान किया; क्योंकि प्रभु परमेश्वर की कृपा-दृष्टि उस पर थी।
ये येशुअ के पुत्र और योसादाक के पौत्र योयाकीम, तथा राज्यपाल नहेम्याह एवं पुरोहित और शास्त्री एज्रा के समय में थे।
जुलूस ‘झरन-द्वार’ पर पहुँचा। वहाँ से वह दाऊदपुर की सीढ़ी पर चढ़ा, जहाँ शहरपनाह का चढ़ाव था, और दाऊद-भवन के पूर्व में स्थित ‘जल-द्वार’ पर पहुँचा।
तथा ओपेल नामक टीले पर रहने वाले मन्दिर-सेवकों ने पूर्व दिशा में ‘जल-द्वार’ तक तथा सामने निकली मीनार की मरम्मत की।
अत: सब लोग अपने घर से निकलकर पहाड़ियों पर गए, और वहाँ से शाखाएँ ले आए। उन्होंने शाखाओं से अपने घर की छत पर, अपने घर के आंगनों में, परमेश्वर के भवन के आंगनों में, ‘जल-द्वार’ के चौक में, ‘एफ्रइम द्वार’ के चौक में मण्डप बनाए।
उसने जल-द्वार के सम्मुख चौक में स्त्री-पुरुषों तथा उन सब लोगों के सामने व्यवस्था-ग्रन्थ को पढ़ना आरम्भ किया जो सुन कर समझ सकते थे। एज्रा सबेरे से दोपहर तक उसको पढ़ता रहा। सब लोगों के कान व्यवस्था-ग्रन्थ के पाठ की ओर लगे थे।
प्रभु की शिक्षा और उसकी साक्षी की ओर लौटो! यदि तुम उन लोगों के कथन के अनुसार आचरण करोगे, तो तुम्हारे लिए ज्ञान की पौ न फटेगी।
जिन वस्तुओं को लाने का आदेश मूसा ने दिया था, वे उनको मिलन-शिविर के द्वार पर ले आए। सारी मण्डली निकट आई और प्रभु के सम्मुख खड़ी हो गई।
‘मेरे सेवक मूसा की व्यवस्था, संविधियों और न्याय-सिद्धान्तों को स्मरण रखो। यह मैंने उसे होरेब पर्वत पर समस्त इस्राएली लोगों के लिए दिए थे।
येशु ने उन से कहा, “इस कारण प्रत्येक शास्त्री, जो स्वर्ग के राज्य के विषय में शिक्षा पा चुका है, उस गृहस्थ के सदृश है, जो अपने भंडार से नयी और पुरानी वस्तुएँ निकालता है।”
“ढोंगी शास्त्रियो और फरीसियो! धिक्कार है तुम्हें! तुम मनुष्यों के लिए स्वर्ग-राज्य का द्वार बन्द कर देते हो; न तो तुम स्वयं प्रवेश करते हो और न प्रवेश करने वालों को प्रवेश करने देते हो।
सुनो! मैं तुम्हारे पास नबियों, ज्ञानियों और शास्त्रियों को भेजता हूँ। तुम उन में से कितनों को मार डालोगे और क्रूस पर चढ़ाओगे, कितनों को अपने सभागृहों में कोड़े लगाओगे और नगर-नगर में उनका पीछा करोगे,
सब इस्राएली अपने प्रभु परमेश्वर के सम्मुख उस स्थान पर उपस्थित होंगे, जिसको वह स्वयं चुनेगा। तब तुम समस्त इस्राएलियों के सम्मुख इस व्यवस्था को इस प्रकार पढ़ना कि सब उसको सुन सकें।
अत: दान प्रदेश से बएर-शेबा तक तथा गिलआद प्रदेश में रहनेवाले सब इस्राएली युद्ध के लिए बाहर निकले। समस्त इस्राएली मंडली संगठित होकर प्रभु के सम्मुख मिस्पाह में एकत्र हुई।
तब सब लोग खड़े हो गए। उन्होंने सर्वसम्मति से कहा, ‘हममें से कोई भी व्यक्ति अपने तम्बू में नहीं जाएगा, और न अपने घर को लौटेगा।