निष्कासन से लौटने के बाद जो लोग सर्वप्रथम अपने पैतृक नगरों में, अपने पैतृक भूमि-क्षेत्रों में पुन: बसे, वे ये थे : इस्राएल प्रदेश के नागरिक, पुरोहित, लेवीय उपपुरोहित और यरूशलेम मन्दिर के सेवक।
नहेम्याह 3:26 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तथा ओपेल नामक टीले पर रहने वाले मन्दिर-सेवकों ने पूर्व दिशा में ‘जल-द्वार’ तक तथा सामने निकली मीनार की मरम्मत की। पवित्र बाइबल मन्दिर के जो सेवक ओपेल पहाड़ी पर रहा करते थे उन्होंने परकोटे के अगले हिस्से की जल—द्वार के पूर्वी ओर तथा उसके निकट के गुम्बद तक की मरम्मत का काम किया। Hindi Holy Bible नतीन लोग तो ओपेल में पूरब की ओर जलफाटक के साम्हने तक और बाहर निकले हुए गुम्मट तक रहते थे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) नतीन तो ओपेल में पूरब की ओर जलफाटक के सामने तक और बाहर निकले हुए गुम्मट तक रहते थे। सरल हिन्दी बाइबल मंदिर के उन सेवकों ने, जो ओफेल में रहते थे, जल फाटक के सामने के भाग तक की मरम्मत की. यह वह फाटक था, जो पूर्व दिशा की ओर था, जहां पहरेदारों का गुम्मट था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 नतीन लोग तो ओपेल में पूरब की ओर जलफाटक के सामने तक और बाहर निकले हुए गुम्मट तक रहते थे। |
निष्कासन से लौटने के बाद जो लोग सर्वप्रथम अपने पैतृक नगरों में, अपने पैतृक भूमि-क्षेत्रों में पुन: बसे, वे ये थे : इस्राएल प्रदेश के नागरिक, पुरोहित, लेवीय उपपुरोहित और यरूशलेम मन्दिर के सेवक।
योताम ने प्रभु के भवन का ऊपरवाला द्वार फिर से बनवाया। उसने ओपेल की शहरपनाह पर भी बहुत निर्माण-कार्य किए।
इसके पश्चात् उसने एक शहरपनाह बनाई। यह दाऊदपुर की बाहरी सीमा थी, और गीहोन के पश्चिम में, घाटी में मत्स्य-द्वार तक जाती थी। इस प्रकार उसने ओपेल को घेर दिया और उसको बहुत ऊंचा कर दिया। उसने यहूदा प्रदेश के सब किलाबंद नगरों में सेनापति नियुक्त किये।
जिन लोगों ने हस्ताक्षर नहीं किए थे, अर्थात् शेष पुरोहित, उपपुरोहित, मन्दिर के द्वारपाल, गायक और सेवक एवं वे सब पुरुष जिन्होंने उस देश के गैर-इस्राएली कौमों से स्वयं को अलग कर लिया था और परमेश्वर की व्यवस्था के प्रति निष्ठावान हो गए थे, तथा उनकी पत्नियां, पुत्र-पुत्रियां, जिन्हें बुद्धि और समझ थी,
जुलूस ‘झरन-द्वार’ पर पहुँचा। वहाँ से वह दाऊदपुर की सीढ़ी पर चढ़ा, जहाँ शहरपनाह का चढ़ाव था, और दाऊद-भवन के पूर्व में स्थित ‘जल-द्वार’ पर पहुँचा।
उनके आगे तकोअ नगर के लोगों ने उस स्थान तक की मरम्मत की, जो आगे निकली हुई मीनार के सामने ओपेल की दीवार तक है।
वे संगठित होकर ‘जल-द्वार’ के सम्मुख चौक में एकत्र हुए। उन्होंने शास्त्री एज्रा से निवेदन किया कि वह मूसा के व्यवस्था-ग्रन्थ को लाए जो प्रभु ने इस्राएली कौम को प्रदान किया है।
अत: सब लोग अपने घर से निकलकर पहाड़ियों पर गए, और वहाँ से शाखाएँ ले आए। उन्होंने शाखाओं से अपने घर की छत पर, अपने घर के आंगनों में, परमेश्वर के भवन के आंगनों में, ‘जल-द्वार’ के चौक में, ‘एफ्रइम द्वार’ के चौक में मण्डप बनाए।
उसने जल-द्वार के सम्मुख चौक में स्त्री-पुरुषों तथा उन सब लोगों के सामने व्यवस्था-ग्रन्थ को पढ़ना आरम्भ किया जो सुन कर समझ सकते थे। एज्रा सबेरे से दोपहर तक उसको पढ़ता रहा। सब लोगों के कान व्यवस्था-ग्रन्थ के पाठ की ओर लगे थे।
राजमहल परित्यक्त हो जाएगा, आबाद नगर उजाड़ हो जाएगा। पहाड़ी और पहरेदार के बुर्ज सदा के लिए खोहें बन जाएंगे; जहाँ जंगली गधे मौज करेंगे, जहाँ पालतू पशु घास चरेंगे।