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नहेम्याह 3:26 - सरल हिन्दी बाइबल

26 मंदिर के उन सेवकों ने, जो ओफेल में रहते थे, जल फाटक के सामने के भाग तक की मरम्मत की. यह वह फाटक था, जो पूर्व दिशा की ओर था, जहां पहरेदारों का गुम्मट था.

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पवित्र बाइबल

26 मन्दिर के जो सेवक ओपेल पहाड़ी पर रहा करते थे उन्होंने परकोटे के अगले हिस्से की जल—द्वार के पूर्वी ओर तथा उसके निकट के गुम्बद तक की मरम्मत का काम किया।

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Hindi Holy Bible

26 नतीन लोग तो ओपेल में पूरब की ओर जलफाटक के साम्हने तक और बाहर निकले हुए गुम्मट तक रहते थे।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

26 तथा ओपेल नामक टीले पर रहने वाले मन्‍दिर-सेवकों ने पूर्व दिशा में ‘जल-द्वार’ तक तथा सामने निकली मीनार की मरम्‍मत की।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

26 नतीन तो ओपेल में पूरब की ओर जलफाटक के सामने तक और बाहर निकले हुए गुम्मट तक रहते थे।

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

26 नतीन लोग तो ओपेल में पूरब की ओर जलफाटक के सामने तक और बाहर निकले हुए गुम्मट तक रहते थे।

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नहेम्याह 3:26
13 क्रॉस रेफरेंस  

हां, मंदिर के सेवक ओफेल नगर में बस गए थे. ज़ीहा और गिशपा मंदिर सेवकों के अधिकारी थे.


एक बड़ी भीड़ के रूप में पूरा इस्राएल उस चौक में इकट्ठा हो गया, जो जल फाटक के सामने है. उन्होंने व्यवस्था के ज्ञानी पुरोहित एज़्रा से विनती की थी, कि वह याहवेह द्वारा इस्राएल के लिए दी हुई मोशेह की व्यवस्था की पुस्तक अपने साथ लाएं.


झरना फाटक शहरपनाह पहुंचकर वे दावीद-नगर की सीढ़ियों से ऊपर चढ़ गए. वे सीधे दावीद के घर के ऊपर की दीवार की सीढ़ियों से पूर्व की ओर जल फाटक तक पहुंच गए.


एज़्रा सुबह से लेकर दोपहर तक जल फाटक के सामने इकट्ठा भीड़ के सामने उन स्त्री-पुरुषों के लिए पढ़कर सुनाते रहे, जो सुनकर समझ सकते थे, ये सभी व्यवस्था की पुस्तक पर ध्यान लगाए थे.


यह होने पर उसने घाटी गीहोन के पश्चिमी ओर दावीद के नगर की बाहरी शहरपनाह को बनवाया, जो मछली फाटक तक बनाई गई थी. उसने इससे ओफेल को घेरकर बहुत ऊंचा बना दिया. इसके बाद उसने यहूदिया के सभी गढ़ नगरों में सेनापति ठहरा दिए.


उसने याहवेह के भवन के ऊपरी द्वार को बनवाया. उसने शहरपनाह के उस भाग को बनवाया, जिसे ओफेल कहा जाता था.


इसके बाद बचे हुए लोग, पुरोहित, लेवी, द्वारपाल, गायक, मंदिर के सेवक और वे सभी, जिन्होंने खुद को परमेश्वर की व्यवस्था के लिए देश-देश के लोगों से अलग कर रखा था, उनकी पत्नियां, उनके पुत्र-पुत्रियां; और वे सभी, जिनमें ज्ञान और समझ थी,


तब लोग बाहर गए, और डालियां लेकर आए और अपने-अपने लिए झोपड़ियां बना लीं; हर एक ने अपनी छत पर और अपने आंगन में और परमेश्वर के भवन के आंगन में, उस चौक में जो जल फाटक के सामने है और एफ्राईम फाटक के सामने के चौक पर.


इनके पास वाले भाग की मरम्मत तकोआ निवासियों ने की. यह भाग बाहर निकले हुए पहरेदारों के गुम्मट के सामने से ओफेल की शहरपनाह तक फैला हुआ था.


वे, जो बंधुआई से लौटे, उनमें सबसे पहले वे थे, जो अपने-अपने नगरों में अपनी ही संपत्ति में आकर बसे थे, उनमें कुछ इस्राएली थे, कुछ पुरोहित थे, कुछ लेवी थे और कुछ मंदिर में सेवा के लिए ठहराए गए सेवक थे.


क्योंकि राजमहल छोड़ दिया जायेगा, और नगर सुनसान हो जायेगा; पर्वत और उनके पहरेदारों के घर जहां है, वहां जंगली गधे मौज करेंगे, पालतू पशुओं की चराई बन जाएंगे.


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