इसके अतिरिक्त उसने चौकसी के लिए यरूशलेम के कोण-द्वार पर, घाटी-द्वार पर और शहरपनाह के मोड़ पर मीनारें बनाईं, और उनको सुदृढ़ किया।
नहेम्याह 2:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं उसी रात को घाटी-द्वार से निकला और ‘सियार-कूप’ से गुजरता हुआ ‘कूड़ा-फाटक’ पर पहुंचा। वहां मैंने यरूशलेम की शहरपनाह को देखा, जो गिरा दी गई थी। मैंने उसके प्रवेश-द्वारों का निरीक्षण किया जो आग में जला दिए गए थे। पवित्र बाइबल अभी जब अंधेरा ही था तो मैं तराई द्वार से होकर गुज़रा। अजगर के कुएँ की तरफ़ मैंने अपना घोड़ा मोड़ दिया तथा मैं उस द्वार पर भी घोड़े को ले गया, जो कूड़ा फाटक की ओर खुलता था। मैं यरूशलेम के उस परकोटे का निरीक्षण कर रहा था जो टूटकर ढह चुका था। मैं उन द्वारों को भी देख रहा था जो जल कर राख हो चुके थे। Hindi Holy Bible मैं रात को तराई के फाटक में हो कर निकला और अजगर के सोते की ओर, और कूड़ाफाटक के पास गया, और यरूशलेम की टूटी पड़ी हुई शहरपनाह और जले फाटकों को देखा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं रात को तराई के फाटक में होकर निकला और अजगर के सोते की ओर, और कूड़ाफाटक के पास गया, और यरूशलेम की टूटी पड़ी हुई शहरपनाह और जले फाटकों को देखा। सरल हिन्दी बाइबल इसलिये रात में मैं घाटी के फाटक से निकलकर अजगर कुएं और कूड़ा फाटक की दिशा में आगे बढ़ा. मैं येरूशलेम की शहरपनाह का बारीकी से जांच करता जा रहा था. शहरपनाह टूटी हुई थी और फाटक जले हुए थे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मैं रात को तराई के फाटक में होकर निकला और अजगर के सोते की ओर, और कूड़ा फाटक के पास गया, और यरूशलेम की टूटी पड़ी हुई शहरपनाह और जले फाटकों को देखा। |
इसके अतिरिक्त उसने चौकसी के लिए यरूशलेम के कोण-द्वार पर, घाटी-द्वार पर और शहरपनाह के मोड़ पर मीनारें बनाईं, और उनको सुदृढ़ किया।
उन्होंने मुझे यह बताया, ‘निष्कासन से लौटे हुए यहूदी जो जीवित हैं, यहूदा प्रदेश में बड़े संकट और शोचनीय स्थिति में हैं। यरूशलेम की शहरपनाह गिरी हुई है; उसके प्रवेश-द्वार जले हुए पड़े हैं।’
इसके बाद मैंने यहूदा कुल के दो नेताओं को शहरपनाह के ऊपर भेजा, और उनके नेतृत्व में दो दलों में बड़े जुलूस निकाले, जो स्तुति गाते हुए धूमधाम से चल रहे थे। एक जुलूस शहरपनाह के ऊपर से दाहिनी ओर ‘कूड़ा-फाटक’ की ओर गया,
मैं रात को उठा। मेरे पास कुछ सेवक थे। मैंने अपने आगमन का अभिप्राय किसी को नहीं बताया था कि परमेश्वर ने यरूशलेम के हित के लिए मेरे हृदय में कौन-सी इच्छा उत्पन्न की है। मेरे साथ अपनी सवारी के पशु के अतिरिक्त अन्य पशु नहीं थे।
अत: मैं रात के समय घाटी से होता हुआ ऊपर चढ़ गया, और वहां शहरपनाह का निरीक्षण किया। वहां से मैं पीछे घूमा और घाटी-द्वार के भीतर आ गया, और यों डेरे पर लौट आया।
तब मैंने उनसे कहा, ‘तुम सब देख रहे हो कि हमारी कौम कैसी दुर्दशा में है। यरूशलेम नगर खण्डहर हो गया है, उसके प्रवेश-द्वार जला दिए गए हैं। आओ, हम-सब यरूशलेम की शहरपनाह को फिर से खड़ा करें ताकि हमारी कौम का और अधिक अपमान न हो।’
मैंने सम्राट से कहा, ‘महाराज, सदा-सर्वदा जीवित रहें! महाराज, क्षमा करें; मैं उदास क्यों न होऊंगा जब कि मेरे पूर्वजों की कबरों का नगर उजाड़ पड़ा है, उसके प्रवेश-द्वार आग से जले हुए पड़े हैं?’
प्रभु ने कहा, ‘ओ इस्राएल के बैरियो, ओ यहूदा के शत्रुओ, उसकी अंगूर की क्यारियों में से होकर जाओ, और अंगूर-उद्यान को नष्ट कर दो (पर पूर्णत: नष्ट मत करना); उसकी बेल-लताएं तोड़ डालो; क्योंकि यह उद्यान अब मेरा नहीं रहा।