14 इसके बाद मैं सोते के फाटक की ओर अपने घोड़े को ले गया और फिर राजसरोवर के पास जा निकला। किन्तु जब मैं निकट पहुँचा तो मैंने देखा कि वहाँ मेरे घोड़े के निकलने के लिए पर्याप्त स्थान नहीं है।
शल्लूम बेन-कोल्होजे मिस्पाह जिले का प्रशासक था। उसने ‘झरना-द्वार’ की मरम्मत की। उसने उसको फिर बनाया और उसमें दरवाजे, अर्गलाएं और छड़ें लगाईं और उस पर छतरी डाली। उसने शहरपनाह के ‘शिलोह कुण्ड’ की दीवार भी बनाई। यह दीवार राज-उद्यान के पास थी, और दाऊदपुर के नीचे की ओर जाने वाली सीढ़ियों तक जाती थी।
हिजकियाह ने जलकुण्ड और नहर बनाकर नगर के भीतर जल पहुंचाया था। इसका विवरण, तथा उसके शेष कार्यों और वीरतापूर्ण कार्यों का विवरण, ‘यहूदा प्रदेश के राजाओं का इतिहास-ग्रन्थ’ में लिखा हुआ है।
असीरिया के राजा ने लाकीश नगर से मुख्य सेनापति, मुख्य खोजा और मुख्य साकी को विशाल सेना के साथ राजा हिजकियाह के पास यरूशलेम नगर में भेजा। वे गए। उन्होंने यरूशलेम नगर में प्रवेश किया। वे उपरले जलकुण्ड की नहर के समीप रुक गए। यह धोबी-खेत को जानेवाले राजमार्ग पर स्थित है।
उसके आगे नहेम्याह बेन-अजबूक ने शहरपनाह के उस हिस्से की मरम्मत की जो दाऊद की कबर के सामने से आरम्भ होकर ‘कृत्रिम जलकुण्ड’ और ‘महायोद्धा भवन’ तक फैला है। नहेम्याह बेतसूर जिले के आधे इलाके का प्रशासक था।