तब उसने, जो मनुष्य के समान दिखाई दे रहा था, मेरे ओंठों को स्पर्श किया। तब मैंने अपने ओंठ खोले और यह कहा, “हे मेरे स्वामी, इस दर्शन के कारण मैं दु:खित हूं। मुझमें शक्ति शेष नहीं रह गई है।
दानिय्येल 8:27 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) “मैं, दानिएल, यह दर्शन पाकर इतना कमजोर हो गया कि कुछ दिनों तक बीमार पड़ा रहा। जब मैं स्वस्थ हुआ तब शैया से उठा और राजकाज में व्यस्त हो गया। किन्तु मैं दर्शन के कारण स्तब्ध था; क्योंकि मैं उसको समझ नहीं पाया था।’ पवित्र बाइबल उस दिव्य दर्शन के बाद में मैं दानिय्येल, बहुत कमज़ोर हो गया और बहुत दिनों तक बीमार पड़ा रहा। फिर बीमारी से उठकर मैंने लौटकर राजा का कामकाज करना आरम्भ कर दिया किन्तु उस दिव्य दर्शन के कारण मैं बहुत व्याकुल रहा करता था। मैं उस दर्शन का अर्थ समझ ही नहीं पाया था। Hindi Holy Bible तब मुझ दानिय्येल का बल जाता रहा, और मैं कुछ दिन तक बीमार पड़ा रहा; तब मैं उठ कर राजा का कामकाज फिर करने लगा; परन्तु जो कुछ मैं ने देखा था उस से मैं चकित रहा, क्योंकि उसका कोई समझाने वाला न था॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब मुझ दानिय्येल का बल जाता रहा, और मैं कुछ दिन तक बीमार पड़ा रहा, तब मैं उठकर राजा का काम–काज फिर करने लगा; परन्तु जो कुछ मैं ने देखा था उस से मैं चकित रहा, क्योंकि उसका कोई समझानेवाला न था। सरल हिन्दी बाइबल मैं, दानिएल, टूट गया था. मैं बहुत दिनों तक थका हुआ पड़ा रहा. तब मैं उठा और राजा के कामकाज में लग गया. मैं दर्शन से डर गया था; यह समझ के बाहर की बात थी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब मुझ दानिय्येल का बल जाता रहा, और मैं कुछ दिन तक बीमार पड़ा रहा; तब मैं उठकर राजा का काम-काज फिर करने लगा; परन्तु जो कुछ मैंने देखा था उससे मैं चकित रहा, क्योंकि उसका कोई समझानेवाला न था। |
तब उसने, जो मनुष्य के समान दिखाई दे रहा था, मेरे ओंठों को स्पर्श किया। तब मैंने अपने ओंठ खोले और यह कहा, “हे मेरे स्वामी, इस दर्शन के कारण मैं दु:खित हूं। मुझमें शक्ति शेष नहीं रह गई है।
मैं अकेला रह गया, और मैंने यह महादर्शन देखा। पर दर्शन देखने के पश्चात् मुझमें शक्ति नहीं बची। मेरा दमकता हुआ चेहरा भय से सूख गया, और मैं निर्बल हो गया।
“यह सुनकर दानिएल, जो बेलतशस्सर कहलाते हैं, बहुत समय तक स्तब्ध खड़े रहे। उनके हृदय में अनेक विचार उठे, जिन्होंने उनको व्याकुल कर दिया। मैंने कहा, “ओ बेलतशस्सर, मेरे स्वप्न, अथवा उसके अर्थ से तुम व्याकुल मत हो।” बेलतशस्सर ने उत्तर दिया, “महाराज, मेरे स्वामी! काश, यह स्वप्न आपके बैरियों के लिए हो, इसका अर्थ आपके शत्रुओं पर पड़े!
मैंने सुना है कि पवित्र परमेश्वर का आत्मा तुममें निवास करता है और तुममें ज्योति, समझ और उत्कृष्ट बुद्धि भी है।
‘दर्शन के वास्तविक अर्थ की चर्चा यहाँ समाप्त हुई। पर जहाँ तक मेरा सम्बन्ध है, मेरे विचारों ने मुझे व्याकुल कर दिया। मेरे चेहरे का रंग बदल गया। किन्तु यह बात मैंने अपने मन में ही रखी, और किसी को नहीं बताई।’
अत: गब्रिएल मेरे समीप आया, जहाँ मैं खड़ा था। जब वह मेरे समीप आया तब मैं डर गया और भूमि पर मुंह के बल गिर पड़ा। उसने मुझसे कहा, “ओ मानव, जो दर्शन तूने देखा है उसका अर्थ समझ। यह दर्शन युगान्त के विषय में है।”
मैंने दर्शन में यह देखा : “मैं एलाम प्रदेश की राजधानी शूशनगढ़ में हूं। यह मैंने दर्शन में देखा। इसके बाद मैंने देखा कि मैं ऊलै नदी के किनारे खड़ा हूं।
मैंने देखा कि वह मेढ़े के एकदम पास पहुंच गया है, और उसके प्रति वह क्रोध में उबल रहा है। वह उस पर टूट पड़ा, और उसने उसके दोनों सींग तोड़ डाले। मेढ़े में इतना बल नहीं रहा कि वह बकरे का सामना कर सके। बकरे ने मेढ़े को भूमि पर पटक दिया और उसको अपने खुरों से रौंद डाला। बकरे के हाथ से उस मेढ़े को बचानेवाला कोई न था।
यह मैंने सुना, और मेरा शरीर कांपने लगा। आवाज सुनते ही मेरे ओंठ कांपने लगे। सड़ायंध मेरी हड्डियों तक घुस गई। मेरे पैरों तले की जमीन खिसक गई। मैं चुपचाप उस दिन की प्रतीक्षा करूंगा, जब हमारे आक्रमणकारियों पर संकट आएगा।
शमूएल सबेरे तक लेटा रहा। तत्पश्चात् उसने प्रभु-गृह के द्वार खोले। शमूएल एली को दर्शन के विषय में बताने से डर रहा था।