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दानिय्येल 10:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

16 तब उसने, जो मनुष्‍य के समान दिखाई दे रहा था, मेरे ओंठों को स्‍पर्श किया। तब मैंने अपने ओंठ खोले और यह कहा, “हे मेरे स्‍वामी, इस दर्शन के कारण मैं दु:खित हूं। मुझमें शक्‍ति शेष नहीं रह गई है।

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पवित्र बाइबल

16 फिर किसी ने जो मनुष्य के जैसा दिखाई दे रहा था, मेरे होंठों को छुआ। मैंने अपना मुँह खोला और बोलना आरम्भ किया। मेरे सामने जो खड़ा था, उससे मैंने कहा, “महोदय, मैंने दर्शन में जो देखा था, मैं उससे व्याकुल और भयभीत हूँ। मैं अपने को असहाय समझ रहा हूँ।

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Hindi Holy Bible

16 तब मनुष्य के सन्तान के समान किसी ने मेरे ओंठ छुए, और मैं मुंह खोल कर बोलने लगा। और जो मेरे साम्हने खड़ा था, उस से मैं ने कहा, हे मेरे प्रभु, दर्शन की बातों के कारण मुझ को पीड़ा सी उठी, और मुझ में कुछ भी बल नहीं रहा।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

16 तब मनुष्य के सन्तान के समान किसी ने मेरे ओंठ छुए, और मैं मुँह खोलकर बोलने लगा। जो मेरे सामने खड़ा था, उससे मैं ने कहा, “हे मेरे प्रभु, दर्शन की बातों के कारण मुझ को पीड़ा–सी उठी, और मुझ में कुछ भी बल नहीं रहा।

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सरल हिन्दी बाइबल

16 तब कोई जो एक मनुष्य की तरह दिख रहा था, मेरे होंठों को छुआ, और मेरा मुंह खुल गया और मैं बातें करने लगा. मैंने उससे कहा जो मेरे सामने खड़ा था, “हे मेरे प्रभु, उस दर्शन के कारण, मैं पीड़ा से भर गया हूं, और मैं बहुत कमजोर महसूस कर रहा हूं.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

16 तब मनुष्य के सन्तान के समान किसी ने मेरे होंठ छुए, और मैं मुँह खोलकर बोलने लगा। और जो मेरे सामने खड़ा था, उससे मैंने कहा, “हे मेरे प्रभु, दर्शन की बातों के कारण मुझ को पीड़ा-सी उठी, और मुझ में कुछ भी बल नहीं रहा। (यिर्म. 1:9)

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दानिय्येल 10:16
29 क्रॉस रेफरेंस  

मूसा ने प्रभु से कहा, ‘हे मेरे स्‍वामी, मैं कुशल वक्‍ता नहीं हूं। मैं न पहले कभी था, और न जब से तू अपने सेवक से वार्तालाप करने लगा है, मैं हूं। मुझे बोलने में कठिनाई होती है और मेरी जीभ लड़खड़ाती है।’


पर मूसा ने कहा, ‘हे मेरे स्‍वामी, कृपया तू किसी अन्‍य व्यक्‍ति को भेज।’


अधिक बुद्धि अधिक कष्‍ट की जननी है। ज्ञान बढ़ानेवाला अपने दु:ख को भी बढ़ाता है।


उसने मेरे ओंठों को अंगारे से स्‍पर्श किया, और यह कहा, ‘देख, इसने तेरे ओंठों को स्‍पर्श किया, अत: तेरा अधर्म तुझसे दूर हो गया; तेरा पाप क्षमा कर दिया गया।’


फिर प्रभु ने हाथ बढ़ाकर मेरे मुंह को छुआ, और मुझ से यों कहा, ‘देख, मैं अपने वचन तेरे मुंह में प्रतिष्‍ठित करता हूं।


जीवधारियों के सिर के ऊपर आकाश-मण्‍डल था। उस आकाशमण्‍डल के ऊपर सिंहासन के समान कुछ था। यह सिंहासन मानो नीलम का बना था। सिंहासन के समान इस आसन पर कोई बैठा था, जिसकी आकृति मनुष्‍य के समान थी।


जब मैं तुझसे बातें करूंगा तब मैं तेरा मुंह खोल दूंगा और तू उनसे यह कहेगा, “स्‍वामी-प्रभु यों कहता है!” जो सुन सकता है, वह सुने! और जो सुनने से इन्‍कार करता है, वह न सुने; क्‍योंकि ये लोग विद्रोही कुल की सन्‍तान हैं।


जिस दिन यरूशलेम से भागा हुआ आदमी मेरे पास आया, उससे पूर्व सन्‍धया के समय प्रभु की सामर्थ्य मुझ पर प्रबल हुई थी, और जब वह मनुष्‍य सबेरे मुझ से मिला, तब प्रभु ने उसी समय मेरा मुंह खोल दिया। प्रभु की सामर्थ्य से मेरा मुंह खुल गया और मेरा गूंगापन दूर हो गया।


मैंने उसकी यह बात सुनी किन्‍तु मैं नहीं समझा। अत: मैंने उससे फिर पूछा, “मेरे स्‍वामी, इन बातों का अन्‍तिम परिणाम क्‍या होगा?”


“यह सुनकर दानिएल, जो बेलतशस्‍सर कहलाते हैं, बहुत समय तक स्‍तब्‍ध खड़े रहे। उनके हृदय में अनेक विचार उठे, जिन्‍होंने उनको व्‍याकुल कर दिया। मैंने कहा, “ओ बेलतशस्‍सर, मेरे स्‍वप्‍न, अथवा उसके अर्थ से तुम व्‍याकुल मत हो।” बेलतशस्‍सर ने उत्तर दिया, “महाराज, मेरे स्‍वामी! काश, यह स्‍वप्‍न आपके बैरियों के लिए हो, इसका अर्थ आपके शत्रुओं पर पड़े!


“मुझ-दानिएल का अन्‍त:करण चिंतित हो गया। मन में देखे गए इन दर्शनों ने मुझे व्‍याकुल कर दिया।


‘दर्शन के वास्‍तविक अर्थ की चर्चा यहाँ समाप्‍त हुई। पर जहाँ तक मेरा सम्‍बन्‍ध है, मेरे विचारों ने मुझे व्‍याकुल कर दिया। मेरे चेहरे का रंग बदल गया। किन्‍तु यह बात मैंने अपने मन में ही रखी, और किसी को नहीं बताई।’


“जब मैं, दानिएल, यह दर्शन देख चुका तब मैंने इसके अर्थ को समझने का प्रयत्‍न किया। मैंने देखा कि सहसा मेरे सम्‍मुख कोई आकर खड़ा हो गया; वह मनुष्‍य जैसा दिखाई दे रहा था।


अत: गब्रिएल मेरे समीप आया, जहाँ मैं खड़ा था। जब वह मेरे समीप आया तब मैं डर गया और भूमि पर मुंह के बल गिर पड़ा। उसने मुझसे कहा, “ओ मानव, जो दर्शन तूने देखा है उसका अर्थ समझ। यह दर्शन युगान्‍त के विषय में है।”


“वह मुझसे बोल ही रहा था कि मैं अचेतन हो गया और भूमि पर औंधे-मुंह गिर पड़ा। पर उसने मुझे स्‍पर्श किया, और मुझको पैरों पर खड़ा कर दिया।


“मैं, दानिएल, यह दर्शन पाकर इतना कमजोर हो गया कि कुछ दिनों तक बीमार पड़ा रहा। जब मैं स्‍वस्‍थ हुआ तब शैया से उठा और राजकाज में व्‍यस्‍त हो गया। किन्‍तु मैं दर्शन के कारण स्‍तब्‍ध था; क्‍योंकि मैं उसको समझ नहीं पाया था।’


वस्‍तुत: जब मैं प्रार्थना के शब्‍दों को बोल ही रहा था, तब वही गब्रिएल स्‍वर्गदूत द्रुतगति से मेरे पास आया, जिसको मैंने प्रथम दर्शन में देखा था। संध्‍या-बलि का समय था।


उसी क्षण जकर्याह के मुख और जीभ के बन्‍धन खुल गये और वह परमेश्‍वर की स्‍तुति करते हुए बोलने लगा।


क्‍योंकि मैं तुम्‍हें ऐसी वाणी और बुद्धि प्रदान करूँगा, जिसका सामना अथवा खण्‍डन तुम्‍हारा कोई विरोधी नहीं कर सकेगा।


थोमस ने उत्तर दिया, “हे मेरे प्रभु! हे मेरे परमेश्‍वर!”


व्यक्‍ति ने उत्तर दिया, ‘मैं किसी भी पक्ष का नहीं हूँ। मैं प्रभु की सेना का सेनाध्‍यक्ष हूँ और अब यहाँ आया हूँ।’ यहोशुअ ने तुरन्‍त भूमि पर गिरकर उसकी वन्‍दना की और उससे पूछा, ‘स्‍वामी, मुझ-सेवक के लिए आपका क्‍या आदेश है?’


और उनके बीच में मानव पुत्र-जैसे एक व्यक्‍ति को। वह पैरों तक लम्‍बा वस्‍त्र पहने था और उसके वक्षस्‍थल पर स्‍वर्ण मेखला बाँधी हुई थी।


तब मानोह ने प्रभु से यह निवेदन किया, ‘हे स्‍वामी परमेश्‍वर, अपने जिस प्रियजन को तूने भेजा था, वह कृपाकर, हमारे पास फिर आए। वह हमें सिखाए कि जो बालक उत्‍पन्न होगा, उसका पालन-पोषण हमें किस प्रकार करना चाहिए।’


गिद्ओन ने उससे कहा, ‘स्‍वामी, यदि प्रभु हमारे साथ है तो ये संकट हम पर क्‍यों आए? कहाँ गए प्रभु के आश्‍चर्यपूर्ण कार्य, जिनकी चर्चा हमारे बड़े-बूढ़े लोग हमसे करते हैं? वे हमसे कहते हैं : “निस्‍सन्‍देह, प्रभु ही हमें मिस्र देश से लाया है।” पर अब प्रभु ने हमें त्‍याग दिया, और मिद्यानियों के हाथ सौंप दिया है।’


पर गिद्ओन ने उससे कहा, ‘स्‍वामी, मैं कैसे इस्राएलियों को मुक्‍त कर सकता हूँ? मेरा वंश मनश्‍शे गोत्र में सबसे दुर्बल है। मैं अपने परिवार में सबसे छोटा हूँ।’


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