दानिय्येल 8:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अत: गब्रिएल मेरे समीप आया, जहाँ मैं खड़ा था। जब वह मेरे समीप आया तब मैं डर गया और भूमि पर मुंह के बल गिर पड़ा। उसने मुझसे कहा, “ओ मानव, जो दर्शन तूने देखा है उसका अर्थ समझ। यह दर्शन युगान्त के विषय में है।” पवित्र बाइबल सो जिब्राएल जो किसी मनुष्य के समान दिख रहा था, जहाँ मै खड़ा था, वहाँ आ गया। वह जब मेरे पास आया तो मैं बहुत डर गया। मैं धरती पर गिर पड़ा। किन्तु जिब्राएल ने मुझसे कहा, “अरे मनुष्य, समझ ले कि यह दर्शन अंत समय के लिये है।” Hindi Holy Bible तब जहां मैं खड़ा था, वहां वह मेरे निकट आया; और उसके आते ही मैं घबरा गया, और मुंह के बल गिर पड़ा। तब उसने मुझ से कहा, हे मनुष्य के सन्तान, उन देखी हुई बातों को समझ ले, क्योंकि उसका अर्थ अन्त ही के समय में फलेगा॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब जहाँ मैं खड़ा था, वहाँ वह मेरे निकट आया; और उसके आते ही मैं घबरा गया; और मुँह के बल गिर पड़ा। तब उस ने मुझ से कहा, “हे मनुष्य के सन्तान, उन देखी हुई बातों को समझ ले, क्योंकि उनका अर्थ अन्त ही के समय में फलेगा।” सरल हिन्दी बाइबल जब वह उस जगह के पास आया, जहां मैं खड़ा था, तो मैं भयभीत हो गया और मुंह के बल गिरा. तब उस व्यक्ति ने मुझसे कहा, “हे मनुष्य के पुत्र, इस बात को समझ लो कि इस दर्शन का संबंध अंत के समय से है.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब जहाँ मैं खड़ा था, वहाँ वह मेरे निकट आया; और उसके आते ही मैं घबरा गया; और मुँह के बल गिर पड़ा। तब उसने मुझसे कहा, “हे मनुष्य के सन्तान, उन देखी हुई बातों को समझ ले, क्योंकि यह दर्शन अन्त समय के विषय में है।” (दानि. 9:21) |
जैसे वर्षा के दिन बादलों में धनुष दिखाई पड़ता है, वैसे ही उसके चारों ओर का प्रभा-मण्डल दिखाई दे रहा था। प्रभु के तेज का रूप मानो ऐसा ही दिखाई दे रहा था। जब मैंने प्रभु के तेज के दर्शन किए, तब मैं श्रद्धा और भक्ति से नतमस्तक हो गया, और मैंने किसी की आवाज सुनी। कोई व्यक्ति मुझसे कह रहा था:
इसके पश्चात् वह मुझे उत्तरी फाटक से मन्दिर के सम्मुख ले गया। तब मैंने देखा कि प्रभु का भवन प्रभु के तेज से भर गया है। मैं श्रद्धा और भक्ति से भूमि पर मुंह के बल गिरा।
‘ओ मानव-सन्तान, अपना मुख इस्राएल प्रदेश के पहाड़ों की ओर कर, और उनके विरुद्ध यह नबूवत कर:
“उसने मुझसे कहा, “ओ दानिएल, परमेश्वर के परमप्रिय पुरुष! जो शब्द मैं तुझसे कहने जा रहा हूं, उनको ध्यान से सुन, और सीधा खड़ा हो; क्योंकि मैं तुझको सन्देश सुनाने के लिए तेरे पास भेजा गया हूं।” वह मुझसे ये शब्द कह ही रहा था कि मैं कांपता हुआ खड़ा हो गया।
तब उसने, जो मनुष्य के समान दिखाई दे रहा था, मेरे ओंठों को स्पर्श किया। तब मैंने अपने ओंठ खोले और यह कहा, “हे मेरे स्वामी, इस दर्शन के कारण मैं दु:खित हूं। मुझमें शक्ति शेष नहीं रह गई है।
तब दोनों राजाओं के मन कुकर्म करने पर उतारू हो जाएंगे। वे एक ही मेज पर बैठकर भी एक दूसरे से झूठ बोलेंगे। परन्तु उससे कुछ लाभ न होगा; क्योंकि निश्चित किए गए युगान्त की अवधि अब तक समाप्त नहीं हो पायी है।
“अन्तिम समय में दक्षिण देश का राजा उस पर आक्रमण करेगा। किन्तु उत्तर देश का राजा रथों, घुड़सवारों और जहाजी बेड़ों के साथ बवंडर के समान उस पर टूट पड़ेगा। वह अनेक देशों में घुस जाएगा। वह उनको उलट-पुलट देगा और उनमें से गुजरता हुआ आगे बढ़ जाएगा।
दानिएल अब तू जा। अपने जीवन के अन्त-समय तक अपने मार्ग पर चलता रह और तुझे विश्राम प्राप्त होगा। युगांत में तुझे तेरा निर्धारित स्थान प्राप्त होगा।” ’
दानिएल, तू इस ग्रन्थ पर मुहर लगा, और युगांत तक के लिए इन बातों को सुरक्षित रख। अनेक लोग पूछताछ के लिए यहाँ-वहाँ भाग-दौड़ करेंगे, और अपने ज्ञान की वृद्धि करेंगे।”
यह सुनकर राजा नबूकदनेस्सर ने मुंह के बल गिर कर दानिएल के प्रति सम्मान प्रकट किया और उसने आदेश दिया कि दानिएल को भेंट चढ़ाओ और उसके सम्मुख सुगंधित धूप चढ़ाई जाए।
अत: मैं सेवा करने वालों में से किसी एक के समीप गया और उससे इन दर्शनों की वास्तविकता के विषय में पूछा। उसने मुझे बताया और मुझ पर इन दर्शनों का अर्थ प्रकट किया।
“जब मैं, दानिएल, यह दर्शन देख चुका तब मैंने इसके अर्थ को समझने का प्रयत्न किया। मैंने देखा कि सहसा मेरे सम्मुख कोई आकर खड़ा हो गया; वह मनुष्य जैसा दिखाई दे रहा था।
उसने कहा, “सुन, इस कोप-युग के अन्तिम दिनों में जो घटनाएँ घटेंगी, उनको मैं तुझ पर प्रकट कर रहा हूं। ये ठहराए हुए युगान्त के सम्बन्ध में हैं।
“मैं, दानिएल, यह दर्शन पाकर इतना कमजोर हो गया कि कुछ दिनों तक बीमार पड़ा रहा। जब मैं स्वस्थ हुआ तब शैया से उठा और राजकाज में व्यस्त हो गया। किन्तु मैं दर्शन के कारण स्तब्ध था; क्योंकि मैं उसको समझ नहीं पाया था।’
तूने याचना करना आरम्भ किया था कि मुझे आदेश प्राप्त हुआ। मैं तुझको वही बताने आया हूं, क्योंकि तू परमेश्वर को परमप्रिय है। अब तू मेरे शब्दों को ध्यान से सुन और अपने दर्शन को समझ।
“अगुआ अनेक लोगों के साथ पक्की सन्धि करेगा। इस सन्धि की अवधि वर्षों के एक सप्ताह की होगी और इन वर्षों के आधे सप्ताह तक अगुआ पशुबलि और अन्नबलि चढ़ाना बन्द करा देगा। तब घृणित मूर्तिपूजा के छा जाने से वह अगुआ विनाशक सिद्ध होगा। वह उस समय तक विनाश करता रहेगा जब तक उसके अन्त का निश्चित समय न आएगा।” ’
दर्शन के पूर्ण होने में कुछ देर है, पर वह अवश्य पूरा होगा, वह झूठा नहीं होगा। यदि उसके पूर्ण होने में देर हो, तो प्रतीक्षा कर। यह दर्शन अवश्य सिद्ध होगा, उसमें अधिक विलम्ब न होगा।’
मैं उसे देखते ही मृतक-जैसा उसके चरणों पर गिर पड़ा। उसने मुझ पर अपना दाहिना हाथ रख कर कहा, “मत डरो। प्रथम और अन्तिम मैं हूँ।
मैं − योहन − ने इन बातों को देखा और सुना। जब मैं देख और सुन चुका था, तो जिस स्वर्गदूत ने मुझे इन बातों को दिखाया था, मैं उसकी आराधना करने के लिए उसके चरणों पर गिर पड़ा,